नयी दिल्ली: करबला जोर बाग से सटी राजधानी नर्सरी की जमीन पर वक़्फ़ चोरों के खिलाफ जंग में आज याहं अधिवक्ता महमूद प्राचा को तलवार पेश की गयी और पगड़ी पहना कर उनका स्वागत किया गया. ज्ञात रहे कि उपरोक्त ज़मीन को लंबी लड़ाई के बाद करबाला के लोगों ने कोर्ट से आज़ाद कराया है, जिस की अगुवाई खुद प्राचा कर रहे थे.
इस अवसर पर ऐलान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने कहा कि वक़्फ़ चोरों से निमटने के लिए एक ही चीज जरूरी है वह यह कि मुसलमानों के सभी मसलकों के दरमियान इत्तेहाद हो और शिया सुन्नी एक साथ आएं. उन्होंने कहा कि यूनिटी आज नहीं तो कल आने वाले वक्त में जरूर होगी लेकिन इसको जितना जल्दी कर लिया जाए वह ज्यादा बेहतर है. उन्होंने कहा कि वक़्फ़ की जमीनों पर जिस तरह से डाका डाला गया और उस पर डाका डालने में सरकारों से लेकर अपनों तक का बराबर का रोल रहा है वह अफ़सोसनाक है, इसलिए जरूरी है कि हम ईमानदारी के साथ वक़्फ़ की लड़ाई लड़ें और वक़्फ़ की जो जमीनें हैं उन पर स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी आश्रम जैसे संस्थान कायम किए जाएं ताकि गरीबों और आने वाली नस्लों का भला हो सके.
श्री प्राचा ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी जमीनें वक़्फ़ की थी आज हम उनके सपने को साकार नहीं कर पा रहे हैं, इसी चीज़ ने हमें इस बात के लिए प्रेरित किया और हमने मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में राजधानी नर्सरी की लड़ाई लड़ी और हम अल्लाह के साथ साथ उन तमाम लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इस लड़ाई में हमारा साथ दिया और हम विजयी बन कर सामने आए.
उन्होंने कहा कि हमारी पूरी लड़ाई सिर्फ और सिर्फ वक़्फ़ जमीनों को छुड़ाकर उनको लोगों के लिए मुफीद बनाने की है.
इस मौके पर महमूद चाचा का पगड़ी पहनाकर और तलवार देकर उनका इस्तकबाल अंजुमन हैदरी की ओर से हज़ारों की भीड़ ने किया और इसके गवाह मौलाना कल्बे जवाद के साथ साथ सिराजुद्दीन कुरेशी अध्यक्ष इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर प्रोफेसर अख्तरुल वासे मतीन अमरोहवी मोहम्मद अहमद काजमी बहादुर अब्बास मुफ्ती एजाज अरशद कासमी समेत बड़ी तादाद में लोगों ने श्री प्राचा का स्वागत किया और उनको बधाई दी.
इस मौके पर मौलाना कल्बे जवाद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इत्तेहाद ही से कामयाबी मिलती है और हमें खुशी है कि आज शिया सुन्नी इत्तेहाद का न सिर्फ एलान हुआ है बल्कि यह देखने में भी आ रहा है, जबकि प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने इस बात पर जोर दिया कि अगर लड़ाई ईमानदारी के साथ लड़ी जाए तो एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है, क्योंकि चोर और डकैत हर जगह मौजूद है, लेकिन अंत में सत्यमेव जयते ही होता है.
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