दिल्ली के लोगों का प्रदूषण की वजह से बुरा हाल है. प्रदूषण ने दिल्ली के लोगों की जिंदगी नरक कर रखी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं दिल्ली सरकार ने odd-even को लागू करके दिल्ली वालों को कुछ राहत देने की कोशिश जरूर की है, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि पिछले कुछ सालों में 25% उन्होंने प्रदूषण कम करने का काम किया है ताहम आसपास के राज्यों से आने वाले धुएं की वजह से दिल्ली का दम घुट रहा है.
केंद्र सरकार भी अपनी ओर से तर्क दे रही है लेकिन आसमान से आर्टिफिशियल बारिश बरसाने और प्रदूषण को दबाने के लिए ना केंद्र और ना ही राज्य की ओर से कोई कठोर कदम उठाया जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों को राहत मिल सके. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कल कहा था कि लोगों को मरते हुए हम नहीं देख सकते.
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोई कठोर कदम देखने को नहीं मिल रहा है.
वही दिल्ली तो दिल्ली अब वाराणसी जैसे शहर भी प्रदूषण की चपेट में पूरी तरह से आ चुके हैं. छोटे शहरों में एक्यूआई ज़्यादा हैं। चाहे वह बुलंदशह जैसा शहर हो या पटना की तरह राज्य की राजधानी। जिंद में शनिवार को एक्यूआई 459, ग़ाज़ियाबाद में 453, बुलंदशहर में 446, हापुर में 444, ग्रेटर नोएडा में 438 बाग़पत में 435, नोएडा में 432 और पटना में हवा की गुणवत्ता 428 थी। कानपुर में तो सोमवार शाम छह बजे भी एक्यूआई साढ़े चार सौ से ज़्यादा रहा। वाराणसी में तो यह 477 तक पहुँच गया। बता दें कि 201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ माना जाता है.
वाराणसी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छेत्र है वहां पर भी प्रदूषण को लेकर के कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा रहा है ना ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक किसी कठोर कदम उठाए जाने की सूचना दी गई है और ना ही राज्य सरकार की ओर से. हालांकि कहा जा रहा है कि अब यूपी में ODD इवन को शुरू किया जाएगा.
हालांकि दिल्ली में odd even शुरू किए जाने से लोगों को राहत जरूर मिली है और काफी लोगों की डिमांड भी है कि odd even को परमानेंट कर देना चाहिए वहीं दूसरी ओर आसियान शिखर सम्मेलन से स्वदेश लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले लगभग एक सप्ताह से जहरीली हवा में सांस ले रही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।
राजधानी में पिछले कुछ दिनों की तुलना में आज वायु की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है लेकिन अभी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। आसियान शिखर सम्मेलन से मंगलवार सुबह वापस लौटे प्रधानमंत्री को सरकार की ओर से हालात तथा उससे निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों की विस्तार से जानकारी दी गयी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने टि्वट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बैठक में राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने देश के पश्चिमी हिस्से में चक्रवाती तूफान ‘महा’ के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने की तैयारियों का भी जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की गैर मौजूदगी में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा प्रदूषण से उत्पन्न हालात से निपटने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ संपर्क बनाये हुए थे। पिछले दो दिनों में उन्होंने तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर उन्हें युद्धस्तर पर कदम उठाने के लिए कहा था।
उच्च्तम न्यायालय ने भी प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राज्यों के साथ साथ दिल्ली सरकार और केन्द्र को भी लापरवाह रवैये के लिए फटकार लगायी थी। न्यायालय ने कहा था कि लोगों को इस तरह से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। इसके बाद से तीनों राज्यों और केन्द्र सरकार की ओर से प्रदूषण से निपटने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। इनकी वजह से वायु की गुणवत्ता में मामूसी सुधार हुआ है लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है.
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