Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

मंदी पर सोनिया गांधी का यह बयान मोदी सरकार के लिए घातक हो सकता हैं!

आर्थिक संकट दिन प्रति दिन गंभीर होता जा रहा है, पहली तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मात्र 5 प्रतिशत रही, ये केवल पिछले 6 सालों का ही न्यूनतम स्तर नहीं है, बल्कि यह गहरे संकट को दर्शाता है। यह कमजोर मांग, कम खपत, शून्य निवेश का परिचायक है, जिसके कारण नौकरियां खत्म हो रही हैं। लगभग साढ़े आठ फीसदी पर बेरोजगारी की दर सर्वाधिक परेशानी का कारक है। नौकरियों के सृजन की बात तो दूर, हाल ही के अध्ययनों से पता चलता है कि नोटबंदी, दोषपूर्ण जीएसटी और तत्पश्चात मोदी सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों के कारण पिछले 6 वर्षों के दौरान 90 लाख लोगों को अभूतपूर्व रुप से अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी।

By: वतन समाचार डेस्क
फाइल फोटो

मंदी पर सोनिया गांधी का यह बयान मोदी सरकार के लिए घातक हो सकता हैं!

कांग्रेस पार्टी के महासचिवों, प्रभारियों और फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों की आज 2 नवम्बर, 2019 को एआईसीसी में आयोजित बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा दिये गए भाषण का हिंदी अनुवाद-

Congress President Smt. Sonia Gandhi's speech at meeting with General Secretaries, State in-Charge and Heads  of Frontal Organisation, AICC, today on 2nd November 2019, at AICC



एक नागरिक के रुप में और जिम्मेवार विपक्ष के सदस्य के रुप में यह मेरे लिए अत्यंत पीड़ा का कारण है कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्णतया अवरुद्ध है। इससे भी ज्यादा चिंता का विषय यह है कि सरकार इस सच्चाई को पूर्णतया नकार रही है। मंदी की गंभीरता को स्वीकार करके व्यापक समाधान तलाशने की अपेक्षा प्रधानमंत्री मोदी सुर्खियों में बने रहने और आयोजनों के प्रबंधन में व्यस्त हैं। इस अभिमानपूर्ण रवैये की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, ये कीमत किसी और को नहीं करोड़ों भारतीयों, विशेषकर बेरोजगार युवकों, किसानों और मेरे अन्य भारतीय नागरिकों को चुकानी पड़ रही है।

आर्थिक संकट दिन प्रति दिन गंभीर होता जा रहा है, पहली तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मात्र 5 प्रतिशत रही, ये केवल पिछले 6 सालों का ही न्यूनतम स्तर नहीं है, बल्कि यह गहरे संकट को दर्शाता है। यह कमजोर मांग, कम खपत, शून्य निवेश का परिचायक है, जिसके कारण नौकरियां खत्म हो रही हैं। लगभग साढ़े आठ फीसदी पर बेरोजगारी की दर सर्वाधिक परेशानी का कारक है। नौकरियों के सृजन की बात तो दूर, हाल ही के अध्ययनों से पता चलता है कि नोटबंदी, दोषपूर्ण जीएसटी और तत्पश्चात मोदी सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों के कारण पिछले 6 वर्षों के दौरान 90 लाख लोगों को अभूतपूर्व रुप से अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी।

मुझे यह कहना है की महिलाओं के प्रति सरकार के रवैये तथा जुड़े मुद्दों से उन्हें चिंता हो रही है। हाल ही के विधानसभा चुनावों के संपन्न होते ही इस सरकार ने सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत कम रखने के अपने ढोंग से पर्दा उठा दिया और इसकी कीमत में एक ही बार में 77 रुपए प्रति सिलेंडर की दर से 10 प्रतिशत की भारी वृद्धि कर दी।

भारतीय अर्थव्यवस्था के किसी भी उचित मूल्यांकन के लिए हमें किसानों की दुर्दशा पर ध्यान देना आवश्यक है। पहली तिमाही में भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुश्किल से 2 प्रतिशत की विकास दर के साथ लगभग तबाह हो गई है। उनसे ये वादा किया गया था कि उनकी आय अल्प अवधि में ही दोगुनी हो जाएगी, लेकिन उन्हें कम होती हुई मजदूरी और बढ़ती हुई कीमतों से लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि ग्रामीण भारत में एफएमसीजी माल की बिक्री में हाल ही में 7 साल के सबसे बड़ी गिरावट क्यों आई है।

भारत की आर्थिक परेशानियाँ केवल घरेलू मोर्चे तक ही सीमित नहीं है। असंगत और दोषपूर्ण नीतियों ने निर्यात को ऐसे समय में सिकुड़ते देखा है, जब भारत वैश्विक व्यापार में टकराव का एक बड़ा लाभार्थी हो सकता था।

जैसे कि सरकार के आर्थिक निर्णयों ने अर्थव्यवस्था को पर्याप्त नुकसान नहीं पहुंचाया हो, अब यह 16 आसियान देशों के क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौते - क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी, रीजनल कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप) पर हस्ताक्षर करके इसे एक और झटका देने के लिए तैयार है। यह हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए गंभीर नतीजों के लिए अनकही कठिनाई का कारण बनेगा। हम उत्पादों, जिनमें विदेशों से कृषि उपज भी शामिल है, का डम्पिंग ग्राउंड बनने के लिए तैयार नहीं हैं।

अंत में, संस्थानों को निरंतर कमजोर करने, आंकड़ों को रोकने और उनके साथ छेड़छाड़ करने से भारत की आर्थिक विश्वसनीयता का क्षरण हुआ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आर्थिक विशेषज्ञ जो इसे इंगित करते हैं, उनका उपहास किया जाता है और उन्हें राष्ट्रविरोधी बता दिया जाता है। स्वतंत्र सोच और यहां तक कि रचनात्मक आलोचना को अहंकार पूर्ण ढंग से नकार दिया जाता है। अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र मंदी की मार से अछूता नहीं रहा है - ऑटोमोबाइल, बैंक, विनिर्माण, कृषि- सभी क्षेत्र यह संकट झेल रहे हैं। सभी आर्थिक संकेतक एक मंदी की ओर इशारा करते हैं जिसकी संभावना लंबे समय तक चलने की है और आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है।


ऐसे कई और अन्य मुद्दे हैं, जिनसे आप अवगत होंगे। नवीनतम चौंका देने वाले रहस्योद्घाटन से पता चलता है की मोदी सरकार द्वारा अधिग्रहित इस्राइली पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक्टिविस्ट्स, पत्रकारों और राजनीतिक व्यक्तियों पर जासूसी गतिविधियों हुई। ये गतिविधियाँ न केवल गैर-कानूनी और असंवैधानिक हैं, वे शर्मनाक भी हैं।

यह कांग्रेस पार्टी का उत्तरदायित्व है कि इन जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करे और लोगों में इस संबंध में जागरूकता पैदा करे।

 

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.