आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी आज अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. एक समय 70 के दशक में ऐसा आया था जब जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के लिए दिक्कत और परेशानियां शुरू की थीं, लेकिन तब के समय में और आज के समय में काफी फर्क है. तब देश में नफरत का वह वातावरण पैदा नहीं हुआ था जो आज है. इसलिए कांग्रेस पार्टी जल्द ही दोबारा सत्ता में लौट आयी थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है.
तथाकथित राष्ट्रवाद की जो गुट्टी पिलाईजा रही है और जिस तरह से उस का प्रचार किया जा रहा है वैसा आज से पहले कभी नहीं थी. ऐस में अगर सच में कांग्रेस पार्टी पुनर्जीवित होना चाहती है और गांधी और नेहरू के विचार धारे पर देश को आगे बढ़ाना चाहती है तो उसके लिए जरूरी है कि जमीन से जुड़े उन नेताओं को महत्व दे जो जनता के साथ सीधे संवाद रखते हैं और हमेशा जनता से जुड़े रहते हैं.
वह जनता की समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं और अक्सर वो उसमें कामयाब भी नजर आते हैं. अगर आसमानी नेताओं को आगे बढ़ाया गया तो पार्टी और कमज़ोर हो जाएगी और ज़मीन पर काम करने वालों का हौसला टूट जाएगा.
आज इसी कड़ी में हमारी टीम ने मुंबई से कांग्रेस पार्टी के ही एक जमीनी नेता सुफियान नियाज़ ए वाणु के कामों पर कुछ रिसर्च किया है. रिसर्च के दौरान हमारी टीम ने पाया कि सुफियान नियाज़ ए वाणु उंगलियों पर गिने जाने वाले कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं जो जमीन पर हमेशा जनता के साथ जुड़े रहते हैं.
हमारी टीम को लोगों ने बताया कि सुफियान नियाज़ ए वाणु हमेशा जनता की समस्याओं को लेकर के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं. शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र रोजगार का क्षेत्र हो या गरीबों को सहारा देने का क्षेत्र सुफियान नियाज़ ए वाणु हर क्षेत्र में आगे नजर आते हैं.
इसी कड़ी में उन्होंने बीते रोज अपने क्षेत्र में पानी के पाइप का फ्री में वितरण किया, ताकि गरीबों और बेसहारा लोगों को मुंबई जैसे महंगे शहर में आसानी से पानी मिल सके. अब उन्होंने 2009 के राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत अपने छेत्र के गरीब मजदूर लोगों को अच्छे प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन कराने की कड़ी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हम अपने पाठकों को पहले यह बता दें कि सुफियान नियाज़ ए वाणु जब से BMC के सदस्य चुने गए हैं तब से वह यह काम कर रहे हैं और अपने क्षेत्र के लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने 391 बच्चों को इस साल अबतक प्राइवेट स्कूलों में फ्री में एडमिशन कराया. जानकारों का मानना है कि स्कूलों में एडमिशन के नाम पर लाखों रुपए डोनेशन और फीस ली जाती है, लेकिन सुफियान नियाज़ ए वाणु ने राइट टू एजुकेशन अधिनियम 2009 के तहत #SV4Education के तहत इन बच्चों को फ्री में दाखिला दिलाया और यह बच्चे कक्षा 8 तक बिल्कुल मुफ्त शिक्षा प्राप्त करेंगे.
इसके लिए उनको ना डोनेशन देना है और ना ही कोई फीस. इसलिए कांग्रेस पार्टी को ऐसे नेताओं को आगे लाने की जरूरत है जो जमीनी स्तर पर जनता के साथ जुड़े हों. ऐसा नहीं है कि सुफियान नियाज़ ए वाणु अकेले नेता है. ऐसे सैकड़ों नेता कांग्रेस के अंदर मौजूद हैं लेकिन बड़ी संख्या उन लोगों की है जो दिल्ली जाकर के फोटो खिंचवाने में विश्वास रखते हैं और जमीन पर उनके कार्य नजर नहीं आते हैं. यही वजह है कि जब पार्टी संकट में आती है तो ऐसे लोगों की जमीन ना होने की वजह से जमीन पर उसके नतीजे नहीं आते हैं और जिन लोगों की जमीन पर पकड़ होती है उनको सम्मान नहीं मिलता है इसलिए उनके साथ जो लोग होते हैं वह नाराज होकर या खामोश होकर बैठ जाते हैं.
उनका यह मानना होता है कि अगर एक ऐसा आदमी जिसका जमीन पर कोई आधार नहीं है और जिसने कोई ऐसा काम नहीं किया जिस से जनता का भला हो, तो उस से आगे किस चीज़ की उम्मीद या अपेक्षा क्यों कर की जा सकती है.
इसलिए कांग्रेस पार्टी के लिए जरूरी है कि ऐसे लोग जो फाइव स्टार कल्चर से ऊपर उठकर के जमीन से जनता से जुड़े हुए हो जो पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर महात्मा गांधी मौलाना आजाद सरदार पटेल रफी अहमद किदवई समेत कांग्रेस के उन महान नेताओं के मार्ग पर चल रहे हैं जो जमीन से जुड़े होते थे. हमेशा चौपाल लगाते थे. जनता से संवाद करते थे. जनता की समस्याओं का निवारण करते थे.
इसी कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक हमेशा यह वह नेता है जो जनता के बीच जनता के साथ हुआ करते थे, लेकिन जब से कांग्रेस पार्टी ने यह कल्चर छोड़ा है तब से कांग्रेस पार्टी की जड़ें धीरे-धीरे कमजोर हो गयीं और सत्ता से जाने के बाद यह कमजोरी आज पूरी तरह दिख रही है.
इसलिए पार्टी को जनता का विश्वास जीतने के लिए जनता के बीच के लोगों को आगे लाने की जरूरत है. ऐसे नेता जो अपना विधानसभा चुनाव ना जीत सकते हों उनको अगर राज्यों की कमान देदी जाए और विधानसभा और लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी दे दी जाए तो वह क्या कर सकते हैं इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
समय कोई बुरा नहीं होता है, लोगों को उनकी नियत और उनकी नीति पीछे और आगे ले करके आती है. इस दिशा में कांग्रेस पार्टी को सोचने की जरूरत है अगर ...
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