अर्थव्यवस्था में मंदी और बैंकों में गड़बड़ियां और उन पर मंडराते संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक और बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक में गड़बड़ियां सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पीएमसी बैंक से पैसे निकालने पर प्रतिबंध लगा दिए थे और उसके बाद जब YES बैंक में इस तरह की समस्या आयी तो रिजर्व बैंक ने YES बैंक को लेकर भी यही फैसला किया, लेकिन अब आरबीआई ने कानपुर स्थित पीपल्स कोऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने के लिए कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने आदेश में कहा है कि पीपल्स कोऑपरेटिव बैंक पर लोन देने और ग्राहकों से जमा राशि स्वीकार करने पर रोक लगाई जाती है। इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्राहक भी बैंक में जमा रकम नहीं निकाल सकेंगे। करोना संकट और लोगों पर आर्थिक मंदी और भूख से लोगों को आ रही परेशानियों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
ज्ञात रहे की देश के विभिन्न जगहों से अलग-अलग ख़बरें आ रही हैं कि लोग किस तरह से भूख से परेशान हैं? किस तरह से मां ने बच्चों को पालने के लिए अपने गहने बेच दिए, तो किस तरह से लोग अपनी चीजें गिरवी रख रहे हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का पीपुल्स कॉपरेटिव बैंक से ग्राहकों को पैसा ना निकालने का आदेश कितना अहम है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
ज्ञात रहे कि "महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक और फिर येस बैंक में गड़बड़ियां सामने आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने अब कानपुर स्थित पीपुल्स कॉपरेटिव बैंक पर 6 महीने के लिए कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई के इस आदेश के चलते आने वाले दिनों में पीपुल्स कॉपरेटिव बैंक के ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। RBI की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया, 10 जून, 2020 के बाद से बैंक आरबीआी की मंजूरी के बिना कोई नया लोन या अडवांस जारी नहीं कर सकता है।
यही नहीं केंद्रीय बैंक ने पीपुल्स कॉपरेटिव बैंक के किसी भी तरह की संपत्ति के बेचने पर भी रोक लगा दी है। आरबीआई ने कहा कि बैंक से अगले आदेश तक किसी भी सेविंग्स अकाउंट, करेंट अकाउंट या अन्य खाते से कोई भी रकम निकाली नहीं जा सकती। इसके अलावा नया निवेश भी नहीं कर सकता है और नए डिपॉजिट भी स्वीकार नहीं किए जा सकते। आरबीआई के मुताबिक अगले 6 महीने तक ये आदेश लागू रहेंगे, जिनका बीच-बीच में रिव्यू किया जाएगा।
गौरतलब है कि इसी साल देश के 5वें सबसे बड़े निजी बैंक कहलाने वाले येस बैंक में भी संकट पैदा हो गया था। RBI ने येस बैंक से कैश निकासी, लोन लेने जैसी ट्रांजेक्शंस पर कुछ समय के लिए बंदिशें लागू की थीं। हालांकि आरबीआई ने बड़ी चिंता दूर करते हुए कहा है कि इस रोक का अर्थ बैंक के लाइसेंस को कैंसल करना नहीं है। आरबीआ की ओर से कहा गया है कि जब तक बैंक की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिलता है, तब तक ये बंदिशें लागू रहेंगी। हालांकि आरबीआई की ओर से प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किए जाने के बाद से सामान्य कामकाज शुरू हो गया है।", अब देखना यह है कि इस मामले में अगला मोड़ क्या आता है?।
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