गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी मीडिया कई दिनों से उत्सुक थे कि हरियाणा में क्या होगा, इंडिविजुअली सभी मुझसे मिलते रहते थे, मैंने नहीं देखा कि किसी दूसरे स्टेट में मीडिया ने इतना इंट्रस्ट कभी दिखाया होगा,स्वाभाविक है कि दिल्ली के पास है, तो इसलिए सबका इंट्रस्ट है। दो इंपोर्टेंट लोगों की अनाउसमेंट हम एआईसीसी के मंच से करने जा रहे हैं और दोनों पद अपनी जगह बहुत महत्वपूर्ण हैं और चुनाव के दृष्टिपूर्ण से और ज्यादा जरुरी हैं।
कुमारी शैलजा जी, जो केन्द्रीय मंत्री रही हैं, कई विभाग उन्होंने संभाले हैं, नरसिम्हा राव जी के जमाने से लेकर और यूपीए वन और यूपीए टू तक। उनके पिता जी भी केन्द्रीय मंत्री रहे हैं, पीसीसी के अध्यक्ष रहे हैं, वो प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष होंगी।
दूसरे, हमारे हरियाणा की वरिष्ठ नेता, श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, जो 10 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उससे पहले तीन दफा चौधरी देवीलाल जी को हराकर वो लोकसभा में रहे। वो भी पुश्तैनी कांग्रेसी हैं, उनके पिता जी नेहरु जी के जमाने में इरिगेशन यूनाईटेड पंजाब के रहे हैं और उनके पिता गांधी जी के जमाने में डिस्ट्रिक्ट प्रेजिडेंट रहे हैं, तो ये चौथी पीढ़ी है। वो सीलएपी के नए लीडर भी होंगे और स्वाभाविक रुप से वो विपक्ष के नेता भी होंगे। लेकिन एक और जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें दी है कि सीलएपी लीडर के साथ-साथ वो इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन होंगे। ये बहुत महत्वपूर्ण पोजिशन है क्योंकि चुनाव के बीच में अब किसी भी हफ्ते, अगले 10 दिन में हरियाणा के चुनाव अनाउंस हो सकते हैं और मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने जो काम किए थे, चाहे जो उन्होंने लैंड एक्विजिशन की पॉलिसी बनाई थी, या दलितों के लिए उन्होंने विशेष रुप से अपने कार्यकाल में उन्होंने दो काम किए थे,एक तो दलित बच्चा या बच्ची जिस दिन से वो स्कूल जाएगी, उस दिन से लेकर वो पढ़ता है या पढ़ती है, तब तक उसको, चाहे वो बैकवर्ड का हो, सबको स्कॉलरशिप मिलेगा। इसी तरह से उन्होंने 3,82,000 दलित परिवारों को डेवलप करके घर बनाने के लिए मुफ्त जमीन दी थी।
ये प्रदेश किसानों वाली जगह है, यहाँ सबसे ज्यादा अनाज पैदा होता है। अगर स्टेट के एरिया के हिसाब से देखें तो जितनी योजनाएं उन्होंने किसानों के लिए योजनाएं बनाई थी, इतनी कहीं नहीं बनी थी। सबसे ज्यादा उनके वक्त में गन्ने की कीमत देश में अगर कहीं दी जाती थी तो हरियाणा के अंदर दी जाती थी। दूसरी, एग्रीकल्चर, जो प्रोड्यूस थी उनके लिए भी किसानों को सबसे ज्यादा दाम अगर कहीं मिलते थे तो हरियाणा में मिलते थे और पर कैपिटा इंकम के हिसाब से हरियाणा उस वक्त देश में नंबर वन था और पर कैपिटा इनवेस्टमेंट के हिसाब से भी देश में नंबर वन था। लेकिन जब से बीजेपी की सरकार आई है, ना तो कोई इनवेस्टमेंट आई है, ना वो किसी चीज में नंबर वन है।
कांग्रेस के वक्त में जब हुड्डा जी मुख्यमंत्री थे, हरियणा एजूकेशन का हब बना, खेलों का हब बना, हेल्थ का हब बना। तो ये तमाम चीजें जो तब हाईलाईट नहीं हो पाई, इन तमाम चीजों को देखकर उन्हें इलेक्शन मैनेजमेंट का भी काम दिया गया है कि वो चुनाव की देख-रेख करें और इलेक्शन को चलाएं।
मुझे पूरा विश्वास है कि ये दोनों नेता और बाकी दूसरे जो स्टेट के हमारे वरिष्ठ नेतागण हैं, जो बहुत अनुभवी हैं बाकी भी, ये सब मिलकर बीजेपी की सरकार का मुकाबला करेंगे। क्योंकि जबसे पिछले 5 साल से हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी है, हर फ्रंट पर वो असफल है, पर कैपिटा इंकम के हिसाब से बहुत पीछे चली गई है, इनवेस्टमेंट के हिसाब से बिल्कुल पीछे चली गई है, एग्रीकल्चर प्रोड्यूस थे, उनके दाम किसानों को मिल नहीं रहे हैं, किसानों की स्थिति सबसे खराब, बेरोजगारी बढ़ गई है और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति तो बहुत ही खराब है। जिस तरह से पिछले 4-5 साल से दलितों के साथ जो व्यवहार बीजेपी की सरकार में हरियाणा में हुआ है वो कभी सुना नहीं था। ये तमाम चीजों पर मुझे पूरा विश्वास है कि सब मिलकर, एकत्र होकर उसका मुकाबला करेंगे और हम प्रयास करेंगे कि हम भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा के अंदर पराजित करेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री आजाद ने कहा कि अब वो तमाम चीजें पास्ट की हैं, अब हम भविष्य की बात करें, पास्ट में जो कुछ हुआ, सो हुआ। आज जो कमेटी बनी, हमने दूसरे वरिष्ठ नेताओं से भी बात की है, मुझे पूरा विश्वास है कि सब मिलकर, हरियाणा के सभी लीडर मिलकर काम करेगें, और मुझे विश्वास है, ये हमारा लक्ष्य है कि हम विजय की ओर चलें। ये ठीक है विलंब हुआ लिस्ट में ये मैं नहीं कहता कि नहीं हुआ, लेकिन हम पास्ट को लेकर नहीं चल सकते, हमें भविष्य की बात करनी है।
अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की भूमिका के बारे में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री आजाद ने कहा कि बहुत बड़ी पार्टी है,इसमें सबकी भूमिका का उपयोग होगा, चाहे वो हमारे भूतपूर्व पीसीसी प्रेसीडेंट हों या सीएलपी लीडर हों, अपने समय में उन्होंने अच्छा काम किया, अच्छी भूमिका निभाई है और सबका सहयोग लिया जाएग इतनी बड़ी पार्टी में, यहाँ किसी को कमी की जरुरत नहीं पड़ेगी,जिसका जहाँ उपयोग होगा, उसका जरुर उपयोग होगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री आजाद ने कहा कि मैंने तमाम चीजें बताईं, कल तक जिसने जो कुछ किया, कहा, वो पास्ट की चीजें है, आज जो कमेटी बनी है, ये भविष्य की कमेटी है और भविष्य में कांग्रेस बनाने का और चुनाव लड़ाने का, दो चीजें मैं बताता हूँ, एक कांग्रेस पार्टी को बनाने का, मजबूत करने का और दूसरा इलेक्शन मैनेजमेंट और इलेक्शन लड़ाने का, ये जिम्मेदारियाँ दोनों शैलजा जी और भूपेन्द्र हुड्ड़ा जी को दी गई है, और मुझे पुरा विश्वास है कि दोनों सक्षम हैं, ये दोनों काम करने के लिए।
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