मीडिया के एक धड़े के जरिए मुसलमानों को चैनलों पर बुलाकर जलील करने, अपमानित करने और उनके बहाने इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने की घटना कोई नई नहीं है, लेकिन अब यह घटना मस्जिद मदरसे से होते हुये अध्यात्मिक धर्मगुरु तक आ पहुंची है। बीते रोज जिस तरह से एक चैनल के तथाकथित एंकर के ज़रिये ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी को आक्रांता और लुटेरा कहा गया, उसके बाद देश ही नहीं पूरी दुनिया में उनके मानने वालों के दिलों को काफी चोट पहुंची है। ज्ञात रहे कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी के मानने वाले सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि सभी जाति धर्म और समुदाय के करोड़ों लोग हैं जो दुनिया के हर कोने में बसते हैं।
हालांकि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी को अक्रांता लुटेरा कहने वाले चैनल के एंकर ने माफी मांग ली है, लेकिन जानकारों का मानना है कि बात अब माफी से आगे बढ़ चुकी है। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ FIR करना और देश की सर्वोच्च अदालत के सामने उनको खड़ा करना जरूरी हो गया है, क्योंकि अगर समय रहते इन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं की गई और कानून के समक्ष इनको खड़ा नहीं किया गया तो यह सोसाइटी के शांति के लिए नासूर बन सकते हैं।
जमीयत उलमा हिंद की ओर से पक्षपाती मीडिया के विरुद्ध पहले से विचाराधीन याचिका में इस मामले को भी शामिल किया गया है जिस पर 19 जून शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया बार कौंसिल के अध्यक्ष दुष्यंत दवे देश की सर्वोच्च अदालत के सामने जिरह करेंगे। जमीयत की ओर से उठाए गए इस कदम की देश और दुनिया के अलग अलग कोनों में रहने वाले लोग सराहना और प्रशंसा कर रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर मौलाना सैयद अरशद मदनी का बयान भी आया है। मौलाना की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्ला अलैह की शान में अपशब्द कहने वाले न्यूज़ एंकर की जमीयत कठोर शब्दों में निंदा करती है और उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करती है।
जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सय्यद अरशद मदनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में पहले से ही मामला विचाराधीन है इसके बावजूद टीवी एंकर मुसलमानों के दिल को चोट पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि सत्ताधारी लोगों के संरक्षण की वजह से न्यू एंकरों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि मुसलमान इस्लाम मुसलमानों के तौर तरीके पर उंगली उठाते हुए अब मसाजिद मदारिस और ख़ानक़ाहों तक पहुंच गए हैं।
उन्होंने कहा कि मोईनुल हिन्द हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की शान में एक टीवी चैनल के एंकर ने जिस तरह से अपशब्द कहे और उनको आक्रांता और लुटेरा तक कह डाला है उस से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सभी धर्मों के लोग जो ख्वाजा साहब में अपनी आस्था रखते हैं उनके दिल को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि हजरत ख्वाजा अजमेरी सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि दुनिया में पाए जाने वाले सभी जात धर्म और समुदायों के एक बड़े हिस्से को प्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती इस्लामिक शिक्षा और मानवीय मूल्यों के एक महान वकील और एक निर्विवादित आध्यात्मिक गुरु के रूप में हिंदू-पाक उपमहाद्वीप समेत पूरी दुनिया में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। इस तरह के एक निर्विवाद आध्यात्मिक गुरु का अपमान करना और उन के खिलाफ बोलना संवैधानिक रूप से गलत है। इसलिए, सरकार को तुरंत इस चैनल और विशेष रूप से एंकर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। ज्ञात रहे कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुस्लिमों को चोट पहुंचाने, उनके खिलाफ गलत प्रचार करने और उनको कोरोना के लिए दोषी देने के मीडिया के प्रचार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। जिस पर शुक्रवार 19 जून सुनवाई होगी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हजरत ख्वाजा अजमेरी के अपमान की इस शर्मनाक घटना को भी इसमें शामिल किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष दुष्यंत दवे जिरह करेंगे।
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