नयी दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतों के अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच जाने को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आम उपभोक्ता की परेशानी से 'महाराजा मोदी' पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
ज्ञात रहे कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से स्वाभाविक रूप में महंगाई बढ़ती है और आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ता है, जो इसे बर्दाश्त करने को मजबूर हैं।
पार्टी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारें वैट घटाएं ताकि आम जनता को राहत मिल सके। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज संवाददाताओं से कहा, ''लोगों को कारण समझ नहीं आ रहा कि जब कच्चे तेल की कीमत है तो फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान क्यों छू रही हैं?"
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से हर घर पर असर पड़ता है। जब डीजल की कीमत बढ़ने से आवश्यक वस्तुओं की कीमत पर असर पड़ता है। हमने पेट्रोल और डीजल की कीमतें जीएसटी के तहत लेन की मांग की थी, लेकिन एक महाराजा की तरह व्यवहार कर रहे मोदी जी ने हमे अनसुना कर दिया।''
खेड़ा ने कहा, ''हम यह मांग करते हैं कि महाराजा मोदी तत्काल उत्पाद शुल्क घटाएं। भाजपा की राज्य सरकारों को भी वैट कम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''पिछले नौ दिन में डीजल की कीमत दो रुपये 15 पैसे बढ़े। ये कहते हैं कि इनका हस्तक्षेप नहीं है। फिर कर्नाटक के चुनाव के समय कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्यों नहीं बढ़ाई?" पिछले चार साल में मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल से करीब 10 लाख करोड़ रुपये की कमाई की, लेकिन आम उपभोक्ता को कई राहत नहीं दी गई।
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