अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पहली बार यूनानी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए 45.34 करोड़ रुपए का अनुदान दिया
आयुष मंत्रालय और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से यूनानी चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देंगे
हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, सिलचर और बेंगलुरु में यूनानी चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा
नई दिल्ली, 26 मई 2023। आयुष मंत्रालय और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से भारत में यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत 45.34 करोड़ रुपए के अनुदान को मंजूरी दी है। इस योजना के माध्यम से हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, सिलचर और बेंगलुरु में यूनानी चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा चल रही थी और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के साथ इस मामले को आगे बढ़ाया था। दोनों मंत्रालयों के संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पहली बार यूनानी चिकित्सा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।
इस पहल के तहत हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, सिलचर और बेंगलुरु में यूनानी चिकित्सा की विभिन्न सुविधाओं की स्थापना के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया है। केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) को कुल 35.52 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), बेंगलुरु को 9.81 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
यूनानी चिकित्सा में मौलिक अनुसंधान के लिए एक केंद्र की स्थापना, त्वचा विकारों के लिए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में 16.05 करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी। केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में मस्कुलोस्केलेटल डिसऑडर्स के लिए इलाज बित तदबीर (रेजिमेनल थेरेपी) के एक केंद्र के लिए 8.55 करोड़ रुपए और रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन और क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा शोध संस्थान, सिलचर में त्वचा और जीवन शैली संबंधी विकारों के लिए इलाज बित तदबीर (रेजिमेनल थेरेपी) के केंद्र के लिए 2.75 करोड़ रुपए दिये गये हैं। मरीजों के तीमारदारों के लिए विश्राम गृह की स्थापना के लिए एनआईयूएम, बेंगलुरु को 5.55 करोड़ रुपए और मॉडल यूनानी कॉस्मेटिक केयर के एक कौशल केंद्र, यूनानी फार्मेसी व यूनानी दवा भंडारण के लिए 4.26 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त होगा।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की समिति ने 02 मार्च 2023 को आयोजित बैठक में प्रस्तावों पर विचार किया और चेन्नई, लखनऊ और सिलचर में इनकी तीन परियोजनाओं की कुल स्वीकृत लागत की पहली किस्त (25%) के रूप में सीसीआरयूएम को 4.86 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं। हैदराबाद के लिए सीसीआरयूएम परियोजना और एनआईयूएम, बेंगलुरू की परियोजनाओं का अनुदान एक बार उनकी डीपीआर स्वीकृत होने और अन्य तकनीकी बिंदुओं को अंतिम रूप देने के बाद जारी किया जाएगा। पीएमजेवीके एक क्षेत्र विकास कार्यक्रम है जिसके तहत चिन्हित क्षेत्रों में सामुदायिक बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।
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