एकीकृत चिकित्सा में अनुसंधान सहयोग आयुष चिकित्सा पद्धति को वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करने की दिशा में एक और कदम है- श्री सर्बानंद सोणोवाल
दोनों प्रणालियों के बीच यह समझौता ज्ञापन पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद करेगा - डॉ. मनसुख मंडाविया
नई दिल्ली, 11 मई 2023। गुरुवार को नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के बीच इंटीग्रेटेड मेडिसिन में रिसर्च को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय महत्व के पहचाने गए क्षेत्रों पर केंद्रित होगा और आधुनिक वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करके साक्ष्य उत्पन्न करने के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देगा। ये समझौता ज्ञापन आयुष शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान क्षमता को भी मजबूत करेगा।
समझौता ज्ञापन पर वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय और डॉ. राजीव बहल, महानिदेशक, आईसीएमआर व सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
श्री सर्बानंद सोणोवाल, केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और डॉ. भारती प्रवीण पवार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. वीके पॉल, सदस्य, नीति आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव श्री पीके पाठक सहित दोनों मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी हस्ताक्षर समारोह के दौरान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमें मानव जाति के लाभ के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा दोनों के लाभों को एकीकृत करने के लिए निर्देशित किया है। आईसीएमआर के सहयोग से आज आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने इस दिशा में एक बहुत दूरगामी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के सामने वैज्ञानिक साक्ष्य सामने लाने की एक बड़ी चुनौती है। इंटीग्रेटेड मेडिसिन में अनुसंधान सहयोग इस चुनौती का समाधान प्रदान करने और लोगों का विश्वास जीतने की दिशा में एक और कदम है। आपसी सहयोग से बड़े पैमाने पर जनता लाभान्वित होगी।
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि आयुर्वेद हमारी सदियों पुरानी वैज्ञानिक चिकित्सा है, हमारी विरासत है। आधुनिक चिकित्सा ने आज अपनी एक अलग पहचान बना ली है। दोनों प्रणालियों के बीच यह समझौता ज्ञापन पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान को एक बड़े स्तर पर स्थापित करने में मदद करेगा। इस एमओयू के जरिए हम आयुर्वेद को साक्ष्य आधारित विज्ञान के रूप में और विकसित कर सकेंगे। यह एमओयू दवाओं की आयुष प्रणाली को समृद्ध करने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि विज्ञान के साक्ष्यों पर आधारित शोध के नजरिए से यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नए एम्स में वर्तमान आयुष विभाग को अकादमिक अनुसंधान पर ध्यान देने के साथ एकीकृत चिकित्सा विभाग बनाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।
यह समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से सह-वित्तपोषण के साथ सभी एम्स में एकीकृत स्वास्थ्य में उन्नत अनुसंधान के लिए आयुष-आईसीएमआर केंद्र स्थापित करने में सक्षम करेगा। इसके अलावा वे सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान पर काम करने की संभावना तलाशेंगे, राष्ट्रीय महत्व की बीमारियों को दूर करने के लिए पहल करेंगे और आयुष प्रणाली के आशाजनक उपचारों के साथ राष्ट्रीय महत्व के चिन्हित क्षेत्रों/रोग स्थितियों पर संयुक्त रूप से उच्च गुणवत्ता वाले नैदानिक परीक्षण करने की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
समझौता ज्ञापन आईसीएमआर-डीएचआर द्वारा "मानव प्रतिभागियों को शामिल करने वाले जैव चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय नैतिक दिशानिर्देश" में इंटीग्रेटेड मेडिसिन पर अनुसंधान को शामिल करने की संभावना को तलाशने में मदद करेगा। दोनों पक्षों ने एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है जो सहयोग के आगे क…
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