मौलाना अरशद मदनी के आदेश पर गुरुखोटी में बेदखल लोगों के बीच दूसरी बार सहायता वितरण
नई दिल्ली: अमीर-उल-हिंद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी के आदेश पर गुरुखोटी पीड़ितों के लिए राहत कार्य जारी है। यह कार्य मौलाना मुश्ताक अनफर की देखरेख में किया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-असम के राज्य मुख्यालय की ओर से जारी एक मीडिया बयान में कहा गया है कि ''फिरोज अहमद के नेतृत्व में राज्य जमीयत उलेमा और अनफर फाउंडेशन की एक टीम को दूसरी बार दारंग जिले के धौलपुर गुरुखोटी में विस्थापित लोगों की मदद के लिए पीड़ितों के बीच भेजा गया है।'' उन्हें आश्वासन दिया गया है कि जमीयत उलेमा पीड़ितों की इसी तरह मदद करती रहेगी, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बयान में कहा गया है कि राहत के तौर पर बेदखली में बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री बांटी गई है। विशेष रूप से हर परिवार को एक-एक बोरी करके कुल 960 बोरी चावल और 1900 बच्चों में सर्दी के कपड़े बांटे गए हैं।
ज्ञात रहे कि असम राज्य की जमीयत उलेमा पहले दिन से ही उन असहाय और बेबस लोगों की मदद कर रही है, जिन्हें बेदखल करने की कोशिश की गई थी। मौलाना अनफर ने मामले की खबर मिलते ही राज्य जमीयत के नाजिम मौलाना कलीमुद्दीन के नेतृत्व में एक समूह को स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर भेजा था। फिर वे खुद दुबई से आए और 28 सितंबर 2021 को सबसे पहले उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा से मुलाकात की और दस मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में मुख्य रूप से बेदखली के लिए मुआवजे की मांग की गई थी। ज्ञापन में कहा गया था कि पीड़ितों को पुनर्वास के लिए मुआवजा दिया जाए, घायलों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने मौलाना अनफर की मांगों को भी सकारात्मक तरीके से लिया था। इसके अलावा पुलिस की गोली से घायल होने के बाद जो लोग इलाज करा रहे थे, मौलाना मुश्ताक अनफर ने उनका हालचाल जाना और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की थी। साथ ही 1 अक्टूबर को मौलाना मुश्ताक अनफर खुद मौके पर पहुंचे और पुलिस हिंसा में मृत मोइनुल हक के परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान की थी। उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि उनके तीनों बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी जमीयत उलेमा उठाएगी। उसी समय उन्होंने शेख फरीद (जिसे पुलिस ने गोली मार दी थी) के परिवार को 50,000 रुपये की नकद सहायता भी प्रदान की थी। इस अवसर पर बेदखल किये गये लोगों को कपड़े, चीनी, बच्चों के लिए खाना, साड़ी, लुंगी, कंबल, तिरपाल आदि भी सहायता के रूप में वितरित किये गये थे।
इस मोके पर जमीअत ने ऐलान किया कि अगर तीसरी और चौथी बार भी पीड़ितों को मदद की आवश्यकता होगी, तब भी जमीअत उसके लिए तैयार है।
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