नयी दिल्ली: एक नए तरह की पॉलिटिक्स का दावा करने वाली एसडीपीआई में रमज़ान के पवित्र इफ्तार प्रोग्राम में स्वामी अग्निवेश को मंच पर आमंत्रित किया. इस मौके पर स्वामी अग्निवेश ने मंच पर आकर कई अनमोल वचन भी दिए और रोज़ेदारों ने उनका प्रवचन भी सुना.
ज्ञात रहे कि यह वही स्वामी अग्निवेश हैं जिन्होंने एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका एपिसोड के बाद बुर्के पर पाबंदी का मुतालबा किया था. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी अग्निवेश ने कहा था कि बुर्का और घूंघट दोनों चीजों को अब बंद कर देना चाहिए. उन्होंने साथ ही मुस्लिम महिलाओं से आगे आने की अपील की थी. स्वामी अग्निवेश ने कहा था कि कम से कम यह श्रीलंका एपिसोड के बाद अब बंद होना चाहिए.
स्वामी अग्निवेश के बुर्का और घूंघट पर ऐसे आपत्तिजनक बयानों के बाद एसडीपीआई की ओर से उनको रमजान के पवित्र महीने में इफ्तार के पवित्र प्रोग्राम में बुलाना और रोज़ेदारों को उनका प्रवचन सुनवाना कई सारे सवालात खड़ा करता है.
ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि क्या एसडीपीआई बुर्का पर पाबंदी के हक में है या ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है जो बुर्के पर पाबंदी का मुतालबा कर रहे हैं, क्योंकि एसडीपीआई ने जिस सम्मान के साथ स्वामी अग्निवेश को मंच पर आमंत्रित किया और उनके अनमोल प्रवचन रोजेदारों को सुनने को मिले उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कहीं ना कहीं एसडीपीआई भी ऐसे लोगों को प्रमोट करने के हक में है जो विवादित बयान देते हैं या फिर बुर्का और घूंघट को लेकर संकीर्ण मानसिकता रखते हैं.
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