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3 करोड़ रोजगार जाना संयोग है या प्रयोग: प्रियंका गांधी का प्रधानमंत्री पर हमला

श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- राहुल गांधी जी, पीसी चाको जी, सुभाष चोपड़ा जी, कीर्ति आजाद जी, रमेश कुमार जी, मदन मोहन झा जी, तारीक अनवर जी, प्रमोद तिवारी जी, नरेश सैनी जी, पूनम आजाद जी, शुभम शर्मा जी, प्रमोद यादव जी, यदुराज चौधरी जी, सतीश लोहिया जी, अमरिन्दर सिंह जी, बहनों और भाईयों, आप बहुत समय से इंतजार कर रहे हैं। भाषण सुन-सुनकर थक तो नहीं गए? (जनता ने कहा, नहीं)।

By: वतन समाचार डेस्क

प्रधानमंत्री बताएं 3 करोड़ रोजगार जाना संयोग है या प्रयोग प्रियंका गांधी का प्रधानमंत्री पर हमला

 

श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- राहुल गांधी जी, पीसी चाको जी, सुभाष चोपड़ा जी, कीर्ति आजाद जी, रमेश कुमार जी, मदन मोहन झा जी, तारीक अनवर जी, प्रमोद तिवारी जी, नरेश सैनी जी, पूनम आजाद जी, शुभम शर्मा जी, प्रमोद यादव जी, यदुराज चौधरी जी, सतीश लोहिया जी, अमरिन्दर सिंह जी, बहनों और भाईयों, आप बहुत समय से इंतजार कर रहे हैं। भाषण सुन-सुनकर थक तो नहीं गए? (जनता ने कहा, नहीं)।

चुनाव का समय है, सब पार्टी के उम्मीदवार आपके सामने आकर बड़े-बड़े भाषण करते हैं। आजकल कभी-कभी ऐसे लगता है कि मुद्दे गायब हो रहे हैं और बयानबाजी बहुत हो रही है। हो रही है कि नहीं? (जनता ने कहा, हाँ)। जो सबसे अहम मुद्दे हैं, वो कौन से हैं, बताइए? जब आप यहाँ आते हैं, देशभर से, किस चीज को ढूँढने आते हैं? (जनता ने कहा, रोजगार) रोजगार को ढूँढने आते हैं।

कल या परसों प्रधानमंत्री जी ने एक भाषण दिया, आप सबने सुना होगा, उन्होंने रोजगार की बात की? उन्होंने जो वायदे किए थे, जिसके बारे में सबने इस मंच पर आपको याद दिलाया, उन्होंने उसके बारे में आपसे बात की? (जनता ने कहा, नहीं), नहीं की न! दरअसल, बात ये है कि चाहे भाजपा के नेता हों, या आम आदमी पार्टी के, अपनी प्रशंसा में रहते हैं, आपको सुनाना चाहते हैं कि बड़े-बड़े काम किए हैं, लेकिन जो आपके काम की बात है, उसके बारे में कम बात करते हैं।

हाल ही में एक रिपोर्ट निकली है, जिसमें 7 औद्योगिक क्षेत्रों में से साढ़े तीन करोड़ रोजगार घटे हैं, ये लिखा है। साढ़े तीन करोड़ रोजगार घटे हैं और देश के प्रधानमंत्री जब आपके सामने भाषण देने आते हैं, तो इसका जिक्र तक नहीं करते हैं। क्या वो बता सकते हैं कि इन रोजगारों का घटना संयोग है या प्रयोग है? बता सकते हैं कि 35 सालों में जो बेरोजगारी की दर इतनी ऊँची हुई है, ये क्या संयोग था या प्रयोग था उनका? वे कहते हैं कि विपक्ष उन्हें काम नहीं करने देता, लेकिन वो फिर भी बड़ी तेजी से काम कर रहे हैं। ये बात सच है, बड़ी तेजी से काम हो रहा है, बड़ी तेजी से सरकारी कंपनियाँ बिक रही हैं, एलआईसी बेच डाली, एयर इंडिया को बेच डाला, बीपीसीएल बेच डाला, बीएसएनएल बेच डाला, यहाँ तक कि रेलवे भी बेचने की योजना कर रहे हैं। सचमुच उनकी रफ्तार बहुत फास्ट है। कांग्रेस सरकार ने 14 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला और पांच सालों में जिस तेजी से इन्होंने लोगों को गरीबी में वापस डाला है, उसका कोई अनुमान भी नहीं कर सकता।

और बयान सुनिए, यहाँ यूपी के कितने लोग हैं? ये बयान सुनिए, बहुत मजेदार बयान है। गृहमंत्री जी आए प्रचार करने। गृहमंत्री जी ने क्या कहा, कहा कि हम दिल्ली को यूपी की तरह बना देंगे। अब मैं यूपी की प्रभारी हूँ, कांग्रेस पार्टी की। थोड़ा बता दूँ कि उन्होंने यूपी का क्या बनाया है। देश का सबसे प्रतिभाशाली प्रदेश था, आज क्या हालात है वहाँ के, भाजपा की सरकार ने किस तरह से यूपी की जनता को त्रस्त किया है, मैं बताती हूँ। यूपी की जो बेरोजगारी की दर है, वो देश में सबसे ऊँची है। हर दो मिनट एक महिला के साथ बलात्कार होता है, हर 90 मिनट एक बच्चे के खिलाफ अपराध होता है। हर रोज 30 दलितों के साथ अत्याचार होता है। हत्या के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में, जैसे मैंने कहा, बेरोजगारी सबसे ऊपर है और शिक्षा सबसे नीचे, स्वास्थ्य सबसे नीचे। तकरीबन 70 हजार युवा शिक्षक भर्ती के लिए इंतजार कर रहे हैं, ये हालात हैं, यूपी के जहाँ इनकी सरकार पांच सालों से चल रही है और ये आपके सामने आकर ये हिम्मत करते हैं और ये कहते हैं कि दिल्ली को भी यूपी की तरह बना देंगे। यूपी सबसे सक्षम प्रदेश था और आज इसके ये हालात बना दिए हैं इन्होंने। अपराध ही अपराध है, अराजकता है और विकास का कोई नामोनिशान नहीं है। ये हुई भाजपा की बात।

अब सुनिए कि आम आदमी पार्टी क्या कहती है। आम आदमी पार्टी की ये स्थिति है कि इमारत बनाई शीला जी ने, कांग्रेस पार्टी ने पूरी इमारत बनाई, ऊपर से लीपापोती करके कह रहे हैं कि ये इमारत हमने बनाई। दूसरों की मेहनत पर अपनी पुताई करना एक बात होती है। मेहनत से, निष्ठा से एक इमारत को खड़ा करना, नए-नए प्रोजैक्ट्स बनवाना, एक शहर को खड़ा करना, उसमें विकास लाना एक बहुत अलग बात होती है। आप जानते हैं कि शीला जी ने, जब वो मुख्यमंत्री थीं, तो क्या नहीं किया दिल्ली के लिए। हम सब दिल्ली के वासी हैं, दिल्ली में पले हैं, दिल्ली में बढ़े हैं। हमने खुद अपनी आँखों से देखा है। जितनी सड़कें यहाँ बनी उनके समय में (शीला जी), आज तक आम आदमी पार्टी या भाजपा बता दे कि कितनी सड़क बनाई हैं। उनका कोई मुकाबला नहीं है। फ्लाई ओवर उन्होंने बनवाए, मेट्रो उन्होंने बनवाया, तमाम विकास के कार्य उन्होंने कराए। आम आदमी पार्टी के नेता और भाजपा के नेता एक चीज में बहुत सक्षम हैं, पब्लिसिटी कराने में।

प्रधानमंत्री जी, 52 सौ करोड़ रुपए सिर्फ अपनी पब्लिसिटी में डलवाते हैं और केजरीवाल जी भी कुछ कम नहीं हैं। सिर्फ दिल्ली के चुनाव में 611 करोड़ रुपए खर्चे हैं, पब्लिसिटी में। अब बताइए, इतनी पब्लिसिटी की क्या जरुरत है, अगर काम ही बात कर रहा है। अगर आपका काम दिख रहा है तो उसको बढ़ाने-चढ़ाने की इतनी क्या जरुरत हो गई है? ये इसलिए कर रहे हैं क्योंकि काम कम है। कहते हैं कि शिक्षा में बहुत काम किया, लेकिन जितनी पाठशालाएं हैं, जितने भी विश्वविद्यालय दिल्ली में हैं, वे कांग्रेस की सरकारों ने बनवाए हैं।

स्वास्थय को देखिए, कांग्रेस की सरकारों ने तमाम अस्पताल यहाँ पर बनवाए। जब आम आदमी पार्टी की सरकार आई थी, तो आपसे उन्होंने वायदा किया था कि कम से कम पांच अस्पताल बनाएंगे, एक भी नहीं बनाया है। कांग्रेस की सरकार ने 22 हजार बैड अस्पतालों में बढ़ाए थे, इनके पांच सालों में केवल तीन हजार बढ़े हैं।

तो आप सोच सकते हैं कि बात एक तरह की होती है और असलियत है, काम कुछ और हो रहा है। काम कम हो रहा है, दूसरों के काम के बल पर थोड़ा बहुत करके आपके सामने बहुत बड़ी-बड़ी पब्लिसिटी हो रही है। जहाँ-जहाँ मैं जाती हूँ, दुकानदारों से बात करती हूँ, छोटे व्यापारी से बात करती हूँ, सब त्रस्त हैं। सब मुझे कहते हैं कि जीएसटी, नोटबंदी से हम एकदम मार खा गए हैं, कमर टूट गई है उनकी।

यहाँ आते हुए मैंने देखा काफी नौजवान आ रहे थे इस मीटिंग के लिए। रोजगार के लिए तरस रहे हैं, लेकिन ये मुद्दे उठ नहीं रहे हैं, इस चुनाव में। इसके बारे में आपसे बात नहीं की जा रही है। कोई दूसरे देशों की बात करता है, कोई फूट फैलाने की बात करता है। एक जन कहते हैं कि जो भी उनकी आलोचना करता है, वो देशद्रोही है। कोई और कहते हैं कि जो भी उनकी आलोचना करता है, वो भ्रष्ट है। जब कोई भी सवाल उठाता है, आपके पक्ष में, जनता के पक्ष में, कि आपके लिए अच्छा क्या है, यहाँ पर विकास किस तरह से होना चाहिए, रोजगार क्यों नहीं है, तब उसका मुँह बंद करने की कोशिश होती है।

अब आप जनता हैं, ये देश का केन्द्र है, आप सब यहीँ के निवासी हैं, बहुत समझदार हैं। पब्लिसिटी भी समझते हैं, मीडिया को भी समझते हैं, खासतौर से आप नेताओं को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। तो आपको अब पहचानना चाहिए। जरा अपने दिल के अंदर सोचिए, देखिए कि आपके लिए काम किसने किया है और आगे आप कैसा देश चाहते हैं, कैसा प्रदेश चाहते हैं?

ये कोई छोटा चुनाव नहीं है, महत्वपूर्ण बात है, संजीदगी से जब आप अपना वोट डालने जाएंगे, तो इस बात को ध्यान में रखिएगा कि किस तरह का देश बनाना चाह रहे हैं, किस तरह का प्रदेश बनाना चाह रहे हैं, क्योंकि आज अगर आपके काम की बात नहीं है, अगर रोजगार की बात नहीं हो, अगर विकास की बात नहीं हो, अगर वैसे मुद्दे नहीं उठें, जिससे आपके जीवन पर असर पड़ता है, तो कुछ बहुत गलत हो रहा है और इस गलती को ठीक करने के लिए आपके हाथ में सबसे बड़ा हथियार है, जो आपका वोट है, बहुत बड़ा हथियार है, सोच-समझकर इस्तेमाल कीजिए।

जब आप कांग्रेस को विजयी बनाएंगे तो आप जानते हैं, आपने परखा है, दिल्ली में आपका अनुभव रहा है कि काम करके आपको दिखाया है। जितना भी दिल्ली में विकास हुआ है, कांग्रेस के द्वारा हुआ है, इसीलिए 8 तारीख को जब आप वोट डालने जाएंगे, पूनम जी को विजयी बनाइए, कांग्रेस के तमाम उम्मीदवारों को विजयी  बनाइए, ताकि आपके प्रदेश में दोबारा एक ऐसी सरकार बने, जो आपके लिए काम करे, आपकी समस्याओं का हल करे।

 

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