दिल्ली में प्रदूषण का असली गुनहगार कौन?
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण का असली गुनहगार कौन है इस पर बातचीत करने के बजाय केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें बयानबाजी करने में मसरूफ हैं. जहां दिल्ली सरकार इस बात का दावा कर रही है कि उसने पिछले 4 सालों में प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं वहीं बीजेपी की ओर से इस बात का दावा किया जा रहा है कि बीते दिनों जो 25 परसेंट प्रदूषण कम होने की बात आई थी उसके लिए केंद्र सरकार को क्रेडिट जाता है, लेकिन जब प्रदूषण बढ़ रहा है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: All schools in Delhi to remain closed till 5th November, following rise in pollution levels due to stubble burning. pic.twitter.com/hA78req2KK
— ANI (@ANI) November 1, 2019
अब जिम्मेदारी लेने के बजाय केंद्र और राज्य दोनों एक दूसरे को ज़िम्मेदार बता रहे हैं और आम आदमी की ज़िंदगी से खिलवाड़ हो रहा है. ज्ञात रहे कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने दिल्ली के सभी स्कूलों के पांच नवंबर तक बंद रहने की घोषणा की है।
वहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए पांच नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया।
पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ' बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश , हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब 'बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
उन्होंने पत्र में कहा , 'हम इसे एक जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा , विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर ..।'
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