बिहार में Congess का बड़ा दांव,शरद यादव डायरेक्टर की भूमिका में।
पटना: 2019 के लोक सभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बिहार में बड़ी तैयारी कर रही है. महागठबंधन में राजद के साथ कांग्रेस जरुर है, लेकिन तैयारी उम्मीदवारों के साथ वार्ता करने की है. मतलब कौन कहां लड़ सकता है, इस पर एक्सरसाइज पहले चल रहा है. कांग्रेस को एनडीए के नाराज सांसदों को पार्टी में लेने में भी कोई गुरेज नहीं है. बहुत भरोसे के सूत्र बता रहे हैं कि शरद यादव के रुप में कांग्रेस को बिहार जैसे स्टेट के लिए नया डायरेक्टर मिल गया है. चुपके-चुपके शरद यादव सूई-धागे से कांग्रेस के लिए चुनावी स्वेटर बुन रहे हैं.
शरद यादव ने जदयू से रिश्ता खत्म होने के बाद लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया है. शरद यादव को नीतीश कुमार से बदला साधना है. नीतीश कुमार से लड़ने को ही लालू यादव से जा मिले.
किंतु, शरद यादव राजद मतलब महागठबंधन में जिस बड़े स्पेस की उम्मीद कर रहे थे, वह उन्हें मिलता नहीं दिख रहा है. दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बहुत सम्मान मिल रहा है. लालू यादव के जेल में होने की स्थिति में तेजस्वी यादव इनर सर्किल में शरद यादव को मधेपुरा के अलावा और कुछ भी देने को तैयार नहीं हैं. पर, शरद यादव अपने को मधेपुरा तक कतई सीमित नहीं करना चाहते.
शरद यादव की वर्तमान पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल की बात करें तो यहां लोक सभा चुनाव लड़ने को उदय नारायण चौधरी और अर्जुन राय जैसे नेता तैयार बैठे हैं. चौधरी जमुई से और राय सीतामढ़ी से लड़ना चाहते हैं. पर, इनदोंनों के लिए राजद की ओर से अभी कोई ग्रीन सिगनल नहीं है. सो, शरद यादव कांग्रेस की ओर बढ़ते दिख रहे हैं. वे कांग्रेस को मजबूत कर कांग्रेस के लिए अधिक सीटें महागठबंधन में लेंगे.
जानकार बता रहे हैं कि भाजपा से शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति झा आजाद का कांग्रेस में आना फाइनल हो गया है. इसके अलावा लोजपा को तोड़ने की पूरी तैयारी है. मुंगेर की सांसद वीणा देवी, वैशाली के सांसद रामा सिंह और खगडि़या के सांसद महबूब अली कैसर कांग्रेस के डायरेक्ट लाइन पर हैं. और तो और नवादा से कौशल यादव भी कांग्रेस के संपर्क में हैं. कौशल यादव पुराने कांग्रेसी हैं. नवादा की सूरत ऐसी रही है कि वहां दो यादवों कौशल यादव और राजबल्लभ यादव की लड़ाई में एनडीए जीत जाता है.
खबर तो ये भी है कि पूर्णिया के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भी शरद यादव के माध्यम कांग्रेस के संपर्क में आ गए हैं. पप्पू सिंह को लग रहा है कि नीतीश कुमार जदयू की सिटिंग सीट पूर्णिया को नहीं छोड़ेंगे. संतोष कुशवाहा जदयू के मौजूदा सांसद हैं. बिहार की राजनीति में कुशवाहा फैक्टर अभी कुछ ऐसा है कि जदयू कोई रिस्क नहीं लेगा.
ज्ञात रहे कि बीते दिनों कांग्रेस ने नितीश के साथ भी जाने का इशारा दिया था, और राजनीती में पर्मानेंट कोई किसी का दुश्मन नहीं होता है.
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