Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

53 साल पहले अटल जी ने इजराइली मंसूबों को रद्द करने की दुनिया से की थी मांग, बताया था होगा दुष्परिणाम और आज जमाअत इस्लामी ने - Watan Samachar

“अफ्रीका में चुनौती स्पष्ट हैं प्रश्न ये है कि किसी जनता को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ रहने का अनपरणीय अधिकार है या रंग भेद में विश्वास रखने वाला अल्पमत किसी विशाल बहुमत पर हमेशा अन्याय और दमन करता रहेगा। नि:संदेह रंगभेद के सभी रुपों का जड़ से उन्मूलन होना चाहिए हाल में इजरायल ने वेस्ट बैंक को गाजा में नई बस्तियां बसा कर अधिकृत क्षेत्रों में जनसंख्या परिवर्तन करने का जो प्रयत्न किया है संयुक्त राष्ट्र को उसे पूरी तरह अस्वीकार और रद्द कर देना चाहिए। यदि इन समस्याओं का संतोषजनक और शीघ्र ही समाधान नहीं होता तो इसके दुष्परिणाम इस क्षेत्र के बाहर भी फैल सकते हैं यह अति आवश्यक है कि जेनेवा सम्मेलन का पुन: आयोजन किया जाए और उसमें पीएलओ का प्रतिनिधित्व किया जाए।"

By: वतन समाचार डेस्क

 

  • 53 साल पहले अटल जी ने इजराइली मंसूबों को रद्द करने की दुनिया से की थी मांग, बताया था होगा दुष्परिणाम और आज जमाअत इस्लामी ने  - Watan Samachar

1977 में विदेश मंत्री रहते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने ऐतिहासिक भाषण में देश के लोकप्रिय नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में जिस धमाकेदार अंदाज में हिंदी का डंका बजाया था उसकी आज भी गूंज रह-रहकर सुनाई दे रही है। उन्होंने भय और आतंक के खिलाफ जोरदार भाषण देते हुए लोकतंत्र और बुनियादी ढांचे में अपनी आस्था प्रकट करते हुए कहा था कि हमारी कामयाबी और नाकामी को एक पैमाने से देखा जाना चाहिए। उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम का फार्मूला दुनिया को देते हुए कहा था कि क्या हम पूरे मानव समाज नर नारी बालक के लिए न्याय दिलाने में स्पष्ट हैं इस पर हमें गंभीरता से गौर करना होगा।अफ्रीका में चुनौती स्पष्ट हैं प्रश्न ये है कि किसी जनता को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ रहने का अनपरणीय अधिकार है या रंग भेद में विश्वास रखने वाला अल्पमत किसी विशाल बहुमत पर हमेशा अन्याय और दमन करता रहेगा।

 

 नि:संदेह रंगभेद के सभी रुपों का जड़ से उन्मूलन होना चाहिए हाल में इजरायल ने वेस्ट बैंक को गाजा में नई बस्तियां बसा कर अधिकृत क्षेत्रों में जनसंख्या परिवर्तन करने का जो प्रयत्न किया है संयुक्त राष्ट्र को उसे पूरी तरह अस्वीकार और रद्द कर देना चाहिए। यदि इन समस्याओं का संतोषजनक और शीघ्र ही समाधान नहीं होता तो इसके दुष्परिणाम इस क्षेत्र के बाहर भी फैल सकते हैं यह अति आवश्यक है कि जेनेवा सम्मेलन का पुन: आयोजन किया जाए और उसमें पीएलओ का प्रतिनिधित्व किया जाए।"

 

 

अटल बिहारी वाजपेई “मैं भारत की जनता की ओर से राष्ट्रसंघ के लिए शुभकामनाओं का संदेश लाया हूं। महासभा के इस 32 वें अधिवेशन के अवसर पर मैं राष्ट्रसंघ में भारत की दृढ़ आस्था को पुन: व्यक्त करना चाहता हूं। जनता सरकार को शासन की बागडोर संभाले केवल 6 मास हुए हैं फिर भी इतने अल्प समय में हमारी उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। भारत में मूलभूत मानव अधिकार पुन: प्रतिष्ठित हो गए हैं जिस भय और आतंक के वातावरण ने हमारे लोगों को घेर लिया था वह अब दूर हो गया है ऐसे संवैधानिक कदम उठाए जा रहे हैं जिनसे ये सुनिश्चित हो जाए कि लोकतंत्र और बुनियादी आजादी का अब फिर कभी हनन नहीं होगा।"

"अध्यक्ष महोदय वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना बहुत पुरानी है भारत में सदा से हमारा इस धारणा में विश्वास रहा है कि सारा संसार एक परिवार है अनेकानेक प्रयत्नों और कष्टों के बाद संयुक्त राष्ट्र के रूप में इस स्वप्न के साकार होने की संभावना है यहां मैं राष्ट्रों की सत्ता और महत्ता के बारे में नहीं सोच रहा हूं। आम आदमी की प्रतिष्ठा और प्रगति के लिए कहीं अधिक महत्व रखती है अंतत: हमारी सफलताएं और असफलताएं केवल एक ही मापदंड से नापी जानी चाहिए कि क्या हम पूरे मानव समाज वस्तुत: हर नर-नारी और बालक के लिए न्याय और गरिमा की आश्वसति देने में प्रयत्नशील हैं।"

"अफ्रीका में चुनौती स्पष्ट हैं प्रश्न ये है कि किसी जनता को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ रहने का अनपरणीय अधिकार है या रंग भेद में विश्वास रखने वाला अल्पमत किसी विशाल बहुमत पर हमेशा अन्याय और दमन करता रहेगा। नि:संदेह रंगभेद के सभी रुपों का जड़ से उन्मूलन होना चाहिए हाल में इजरायल ने वेस्ट बैंक को गाजा में नई बस्तियां बसा कर अधिकृत क्षेत्रों में जनसंख्या परिवर्तन करने का जो प्रयत्न किया है संयुक्त राष्ट्र को उसे पूरी तरह अस्वीकार और रद्द कर देना चाहिए। यदि इन समस्याओं का संतोषजनक और शीघ्र ही समाधान नहीं होता तो इसके दुष्परिणाम इस क्षेत्र के बाहर भी फैल सकते हैं यह अति आवश्यक है कि जेनेवा सम्मेलन का पुन: आयोजन किया जाए और उसमें पीएलओ का प्रतिनिधित्व किया जाए।"

अध्यक्ष महोदय भारत सब देशों से मैत्री चाहता है और किसी पर प्रभुत्व स्थापित करना नहीं चाहता। भारत तो आण्विक शस्त्र शक्ति है और बनना ही चाहता है। नई सरकार ने अपने असंदिग्ध शब्दों में इस बात की पुनघोर्षणा की है हमारी कार्यसूची का एक सर्वस्पर्थी विषय जो आगामी अनेक वर्षों और दशकों में बना रहेगा वह है मानव का भविष्य। मैं भारत की ओर से इस महासभा को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव कल्याण तथा उसके गौरव के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे नहीं रहेंगे।" "जय जगत...धन्यवाद।

 

 

दूसरी ओर जमाअत इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इजरायल की पश्चिमी किनारा में फिलिस्तीनी भूभाग के बड़े पैमाने पर कब्जा करने की योजना की निंदा की है और तत्काल अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है। मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत अध्यक्ष ने कहा: “एक रिपोर्ट के अनुसार इजरायल बड़े पैमाने पर पश्चिमी किनारा में फिलिस्तीनी भूभाग पर कब्जा करने की योजना बना रहा है हम इस योजना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं  कि वह इजरायल को नापाक योजनाओं  के कार्यान्वयन से रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करे। क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर   क्षेत्रीय अखंडता के मान्यता प्राप्त सिद्धांतों का स्पष्ट और खुल्लम खुल्ला उलंघन है जिसमें यह बात कही गयी है कि युद्ध द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता   इस सिलसिले में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कमज़ोर प्रतिक्रिया से जमाअत इस्लामी हिन्द अत्यंत चिंतित है जमाअत  संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय  से अपील करती है कि वह फिलिस्तीन से सम्बंधित न्याय के सभी स्वीकृत मानदंडों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन को रोकने के लिए आगे बढे "

 

सैयद सआदतुल्लाह ने कहा: “जमाअत इस्लामी हिंद ने अन्यायपूर्ण कब्जे, कॉलोनियों के अवैध निर्माण और इजरायल के हाथों फिलिस्तीन के साथ घोर अन्याय के खिलाफ लगातार आवाज उठाती रही है हम मुस्लिम समुदाय और दुनिया के सभी शांति और न्याय-प्रेमी लोगों से अपील करते हैं कि वे "प्रथम क़िब्ला" (मुस्लमान पहले जिस तरफ रुख करके नमाज़ पढ़ते थे) कि स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढे। ताकि फिलिस्तीन के लोगों को उनकी भूमि पर मौलिक अधिकार सुनिश्चित करने और शांतिपूर्ण और संवैधानिक साधनों का इस्तेमाल करते हुए फिलिस्तीनी समस्याओं के हल को यक़ीनी बनाया जा सके हिंदुस्तान हमेशा से ही साम्रज्यवादी शक्तिओं के खिलाफ संघर्षरत रहा है और उन देशों का साथ दिया है जो साम्रज्य्वाद के विरुद्ध संघर्ष में लगे रहे हैं इसलिए जमाअत इस्लामी हिन्द भारत सर्कार से अपील करती है कि वह इसराइल के इस क़दम के खिलाफ सार्वजनिक रूप से सामने आये और इजरायल और नेतन्याहू को विस्तारवादी योजनाओं से दूर रहने की सलाह दे, नेतन्याहू इस विस्तारवादी योजना कि आड़ में अपने ऊपर लगे आपराधिक आरोप में सजा को रोकना और राजनितिक अस्तित्व को सुनिश्चित करना चाहता

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.