असम से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. जमात ए इस्लामी हिंद की ओर से मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति और मोहम्मद अहमद ने वतन समाचार से बात चीत में कहा है कि 22 दिसंबर 2019 को उन्हों ने (जमात-ए-इस्लामी के सेंट्रल सेक्रेटरी मोहम्मद अहमद ने) आसाम के उन क्षेत्रों का दौरा किया है जहां 426 खान दानों के घरों को हाथियों और जेसीबी से मिसमार (गिरा) कर के लगभग अट्ठारह सौ (1800) लोगों को बेरहमी से उनके घरों को निकालकर कैंपों में धकेल दिया गया है.
जमात-ए-इस्लामी के सेंट्रल सेक्रेटरी मोहम्मद अहमद ने वतन समाचार से बातचीत में भी इन बातों की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इन लोगों का नाम एनआरसी में भी है और यह आसाम के शहरी हैं यानी नागरिक भी हैं लेकिन इसके बावजूद इन लोगों का आरोप है कि उन्हें इसलिए उनके घरों से बेरहमी से निकालकर कैंपों में ढकेल दिया गया. इन के पास वोटर कार्ड न होने की वजह से इस तरह की कार्रवाई का उनको सामना करना पड़ा.
वतन समाचार ने विधायक पदमा हजारिका से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि संबंध में आप डीसी सोनितपुर से बात कीजिए, वह आपको पूरे मामले में जानकारी देंगे. इस पूरे मामले में जब डीसी सोनितपुर से वतन समाचार ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि आप 1 घंटे के बाद इस संबंध में बात करें फिर हम आपको बताएंगे. जब दोबारा DC से बातचीत की कोशिश की गयी तो उनका फ़ोन नहीं उठा... हमें उनके जवाब का इंतज़ार है.
जमात की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुवाहाटी कोर्ट से इन लोगों के पास स्टे भी था, इसके बावजूद उन के साथ जो रवैया अपनाया गया है वह मानव अधिकारों का खुला हनन है और यह किसी भी भारतीय नागरिक के लिए अच्छी बात नहीं है कि वह अपने ही नागरिकों को उनके ही घरों से निकालकर कैंपों में धकेल दे.
जमात इस्लामी हिंद की ओर से कहा गया है कि संस्था के असम डिवीज़न के अस्फाकुल्लाह हुसैन और बज़लुल बासित चौधरी भी प्रतिनिधिमंडल में मौजूद थे जिन्होंने कैंपों का दौरा किया है और चार नंबर सैरूनी चापूरी और माकवा चपूरी की हालात दयनीय है. जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कई दिनों से राज्य में इंटरनेट बंद होने की वजह से यहां के हालात का लोगों को पता नहीं चल पा रहा है और यहां तक मीडिया वाले भी इस खबर को जनता तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं. जमात ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से अपील की है कि फौरन इस दिशा में मुनासिब कदम उठाया जाएं ताकि उनको उनके घरों तक वापस लौटाया जा सके और सर्दी में कपड़े और खाने का सही इंतज़ाम हो सके.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.