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प्रभु राम को भाजपाई दे रहे हैं धोखा: प्रियंका गांधी का बीजेपी पर संगीन आरोप

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की इस विशेष पत्रकार वार्ता में उत्तर प्रदेश की प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा जी का और आप सबका बहुत-बहुत स्वागत है।

By: वतन समाचार डेस्क

प्रभु राम को भाजपाई दे रहे हैं धोखा: प्रियंका गांधी का बीजेपी पर संगीन आरोप

 

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की इस विशेष पत्रकार वार्ता में उत्तर प्रदेश की प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा जी का और आप सबका बहुत-बहुत स्वागत है।

 

प्रियंका जी आज एक अत्यंत गंभीर विषय, जो आस्था से भी जुड़ा है, भक्ति से भी जुड़ा है और प्रभु राम को दिए जा रहे भाजपाई धोखे से भी जुड़ा है, उसे लेकर आपके बीच में उपस्थित हैं।

 

मैं बगैर किसी विलंब के उन्हें अनुरोध करूँगा कि वो अपनी बात आपके समक्ष रखेंगी। आदरणीय प्रियंका जी।

 

श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि ये राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा जो जमीनें खरीदी गई हैं, इस विषय में है। आप सबको मालूम है, पूरे देश को मालूम है कि पूरे देश ने, देश के तकरीबन हर घर ने, गरीब परिवारों ने, महिलाओं ने जो बचत की थी, उसमें से भी, इस ट्रस्ट में सबने चंदा दिया है और एक अभियान भी चलाया गया था, चंदा इकट्ठा करने के लिए, घर-घर गए, चंदा इकट्ठा किया। ये सबकी आस्था है और इस पर आज चोट पहुंचाई जा रही है। जो सुरजेवाला जी आपको फैक्ट्स इसके बाद सुनाएंगे, इससे स्पष्ट है कि तीन चीजें हुई हैं।

 

एक, दलितों की जमीन, जो खरीदी नहीं जा सकती थी, वो खरीदी गई है, हड़पी गई है।

 

दूसरा, कि कुछ जमीनें, जो कम दाम की थीं, इस तरह से बेची गईं कि ट्रस्ट को बहुत ज्यादा पैसों में लिए बेची गईं। इसका मतलब है कि जो चंदे का पैसा है, उसके साथ घोटाला किया गया है, भ्रष्टाचार किया गया है। इसमें एक उदाहरण है, जिससे ये बात बहुत स्पष्ट तरह से सामने आती है। एक जमीन थी, जो 2017 में दो करोड़ रुपए की किसी ने खरीदी। उन्होंने 2021 में उस जमीन का एक 10 हजार वर्ग मीटर का टुकड़ा ट्रस्ट को 8 करोड़ में बेचा। 10 हजार वर्ग मीटर, 8 करोड़ के लिए बेची। उसी जमीन का दूसरा हिस्सा 12 हजार वर्ग मीटर, दो करोड़ में किसी रवि मोहन तिवारी जी को दो करोड़ में बेचा गया। कब बेची- पहली ट्रांजेक्शन के 19 मिनट बाद। ठीक है! तो जो दूसरी 12 हजार स्क्वेयर मीटर की जमीन है, वो दो करोड़ में रवि मोहन तिवारी जी खरीदते हैं। इस सेल डीड में, जो रवि मोहन तिवारी की सेल डीड है, जिसके जरिए वो खरीद रहे हैं, जमीन, उसमें अनिल मिश्रा जी, जो आरएसएस के सरसंघचालक है और राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, वो गवाह हैं और उसमें दूसरे गवाह कौन हैं- ऋषिकेश उपाध्याय, जो अयोध्या के मेयर साहब हैं। तो ये दोनों गवाह हैं। खरीदने के पांच मिनट बाद रवि मोहन तिवारी जी, उसी दो करोड़ की जमीन को, साढ़े अठारह करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं। तो अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है, तो क्या है? अच्छा, गवाह आपके कौन हैं? आरएसएस के सरसंघचालक और राम मंदिर के ट्रस्टी साहब और दूसरे गवाह, अयोध्या के मेयर साहब।

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब कहा है कि वो जांच नियुक्त कर रहे हैं। जांच कौन करेगा? जिलाधिकारी के लेवल के एक अधिकारी कर रहे हैं। मतलब, जिलाधिकारी के स्तर पर ये जांच हो रही है। राम मंदिर ट्रस्ट को उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर बनाया गया था, तो ये जांच भी उच्चतम न्यायालय द्वारा होनी चाहिए, क्योंकि जिलाधिकारी के स्तर के अधिकारी मेयर की जांच नहीं  कर सकते। ये तो आप सब अच्छी तरह से जानते हैं। हुआ यह है कि राम मंदिर के आस-पास जितनी भी जमीनें हैं, उन पर लूट लगी हुई है। भाजपा के जो नेता हैं और पदाधिकारी हैं और जो सरकारी अधिकारी हैं, श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के, वो सब लूट में मिले हुए हैं और ये तो एक ही मिसाल है, सुरजेवाला जी आपको इस पर थोड़ा और बताएंगे, लेकिन वहाँ पर कितनी जमीन है, कितना बड़ा घोटाला किया गया है, नहीं मालूम। बात  ये है कि भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक थे। सत्य के पथ पर चलने के लिए तैयार। उन्होंने कितना बड़ा बलिदान दिया, किसलिए, क्योंकि उन्होंने सत्य के पथ पर चलने का निर्णय लिया था। अब उनके नाम पर भी आप भ्रष्टाचार कर रहे हैं। पूरे देश की आस्था को ठुकरा रहे हैं, उस पर चोट पहुंचा रहे हैं, तो ये एक बहुत गंभीर बात है। इसलिए हम यहाँ हैं और मैं चाहती हूँ कि सुरजेवाला जी इस पर थोड़ा सा इलैबोरेट (Elaborate) करें।

 

श्री सुरजेवाला ने कहा- शुक्रिया प्रियंका जी। प्रियंका जी ने जो उदाहरण दिया, साथियों, ये अपने आप में राम नाम के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर और भाजपाई नेता कैसे लूट कर रहे हैं, ये उसका जीता-जागता सबूत है। 15 नवम्बर, 2017 को 2.3 हेक्टेयर जमीन दो करोड़ रुपए में बेची गई। उसका रजिस्टर्ड सेल डीड हमारे पास है, प्रियंका जी की तरफ से हम आपको भेज रहे हैं, ये वो सेल डीड है (सेल डीड दिखाते हुए)। इस जमीन पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। वो भी कहाँ- राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन, जिला अयोध्या में 22 अप्रैल, 2018 को कि ये जमीन बेची ही नहीं जा सकती, क्योंकि ये जमीन निजी ही नहीं है। ये वो एफआईआर है, जो हम आपको भेज रहे हैं (एफआईआर की कॉपी दिखाते हुए)। तो ये जमीन बेची ही नहीं जा सकती थी और बाकायदा यूपी पुलिस ने ये एफआईआर दर्ज की है।

 

18 मार्च, 2021 को, जैसा प्रियंका जी ने बताया, इस जमीन का आधा भू-भाग, जो 10,370 वर्ग मीटर है, खरीदने वालों ने, जिन पर एफआईआर दर्ज है, कि आप ये बेच ही नहीं सकते, उन्होंने 8 करोड़ रुपए में राम मंदिर ट्रस्ट को टिका दिया। ये वो सेल डीड है, इसकी कॉपी भी हम आपको भेज रहे हैं (सेल डीड की कॉपी दिखाते हुए)। इसे बाकायदा चंपत राय जी ने राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से खरीदा। चंपत राय जी, जो आरएसएस के पूर्व लीडर हैं और मोदी जी ने जिन्हें राम मंदिर ट्रस्ट का सचिव बनाया है और इस सेल डीड पर भी अनिल मिश्रा, ट्रस्टी, राम मंदिर ट्रस्ट और ऋषिकेश उपाध्याय, मेयर (भाजपा), अयोध्या के दस्तखत हैं। तो पहली बात- तो आधी जमीन ही 8 करोड़ में रख ली। उसके, जैसा प्रियंका जी ने बताया, 18 मार्च, 2021 को ही 7 बजकर, 10 मिनट पर शाम को 12,080 वर्ग मीटर, जो उसका दूसरा हिस्सा था, जमीन का, वो रवि मोहन तिवारी ने सिर्फ दो करोड़ में खरीदा, तो ट्रस्ट तो 10 हजार वर्ग मीटर 8 करोड़ में खरीद रही है, पर उसके 19 मिनट के बाद, एक प्राईवेट व्यक्ति, उसी जमीन का दूसरा उससे भी बड़ा हिस्सा, दो करोड़ में खरीद रहा है और उस पर ट्रस्टी साइन कर रहा है, तो ट्रस्ट को पता है। जब राम मंदिर ट्रस्ट का ट्रस्टी साइन कर रहा है, तो उन्हें पता है। ये वो है, जो उन्होंने खरीदा, दो करोड़ में, ये सेल डीड भी हम आपको भेज रहे हैं (दोबारा सेल डीड की कॉपी दिखाते हुए) और उसके पांच मिनट के बाद, 7 बजकर, 15 मिनट पर, जैसा प्रियंका जी ने बताया, वो दो करोड़ की जमीन, इसी राम मंदिर ट्रस्ट को साढ़े अठारह करोड़ में टिका दी जाती है, बेच दी जाती है। इस पर भी चंपत राय, जो राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव हैं, के दस्तखत हैं और इन्हीं दोनों लोगों के, अनिल मिश्रा के इस पर भी दस्तखत हैं और उसी उपाध्याय के दस्तखत हैं, तो उन्हें पता है कि दो करोड़ की जमीन, पांच मिनट में खरीदी थी, उसके बाद बेच दी थी। प्रियंका जी मुझे कह रहीं थीं कि ये दुनिया की सबसे जल्दी महंगी होने वाली जमीन है, क्योंकि ये जमीन 5,50,000 रुपया प्रति सेकेंड की दर से बढ़ रही थी, तो ये शायद दुनिया की सबसे अधिक तेजी से महंगी वाली जमीन होगी।

 

एक बात और है, जो आपने अभी बताया भी। 5 बजे के बाद कौन सा तहसील का कार्यालय खुलता है, भईया? यहाँ तो 7 बजकर, 10 मिनट; 6 बजकर, 51 मिनट; 7 बजकर, 15 मिनट पर रजिस्ट्री हो रही है। एक उससे भी कमाल की बात है, जब ये जमीन बेची गई, तो जो ट्रस्ट ने स्टैम्प पेपर खरीदा, वो तो खरीदा 5 बजकर, 11 मिनट पर, पर रवि मोहन तिवारी ने खरीदा 5 बजकर, 22 मिनट पर। इसका मतलब कि मुझे आपको अगर जमीन बेचनी है, तो मैंने जब खरीदी ही नहीं थी, आपने उससे पहले ही खरीद ली, ये समझकर कि हाँ, इसको सपना आ गया, ट्रस्ट को कि हाँ, अब अमुक आदमी खरीदेगा, उसके बाद मैं उससे दो करोड़ की जमीन को साढ़े अठारह करोड़ में खरीदूँगा, तो फ्रॉड बिल्कुल साफ है। जब इस जमीन पर एफआईआर थी, तो इसे बेचा कैसे गया?

 

एक दूसरा हिस्सा, मुझे प्रियंका जी ने कहा था कि मैं आपके संज्ञान में लाऊँ, वो है कि अयोध्या के जो मेयर हैं, ऋषिकेश उपाध्याय, उनके एक और भांजे हैं, जो भाजपा के आईटी सेल के नेता भी हैं। हम उनका प्रोफाइल भी आपको रिलीज कर रहे हैं, उनका नाम है, दीप नारायण उपाध्याय, ये उनका फेसबुक प्रोफाइल है (फेसबुक प्रोफाइल पेज की कॉपी दिखाते हुए) और इन्होंने लिखा है कि ये मेयर साहब जो हैं, वो इनके मामा हैं। इसी के दूसरे पन्ने पर उन्होंने लिखा हुआ है, तो हम आपको ये भी रिलीज कर रहे हैं।

 

इन महाशय ने एक और जमीन खरीदी, 20 फरवरी, 2021 को, वो ये सेल डीड है (सेल डीड दिखाते हुए) और ये खरीदी इन्होंने 20 लाख रुपए में। उसके 79 दिन के बाद इसी दीप नारायण ने, जो भाजपाई मेयर का भांजा है, यही जमीन 20 लाख की ढाई करोड़ में बेच दी, राम मंदिर ट्रस्ट को। इस पर भी चंपत राय, अनिल मिश्रा, इन सबके दस्तखत हैं। तो एक चपत ये और लगा दी, मंदिर के पैसे की चोरी की। एक फिर तीसरा है, इसी उपाध्याय साहब ने एक गिफ्ट डीड ले ली एक और जमीन की, मुफ्त में, ये वो है (डीड दिखाते हुए), ये भी हम आपको भेज रहे हैं, 676 वर्ग मीटर है और फिर 20 फरवरी, 2021 को ये भी दो करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच डाली गई। तो चंदे की चोरी का इससे बड़ा, ये दस के दस कागजात, सेल डीड सहित हम आपको भेज रहे हैं, इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है।

 

अब मैं प्रियंका जी से अनुरोध करूँगा कि आगे वो अपनी बात कहेंगी।

 

Smt. Priyanka Gandhi said- So, as Surjewala Ji just explained, the money from the Ram Mandir Trust is being basically misused to benefit government officials and members of the BJP and the RSS. There is a clear transaction here, where a piece of land, which was sold in 2017 to a certain person, was then sold by that person in two parts. The first part, it was 10 thousand square meters, was sold directly to the Ram Mandir Trust for Rs. 8 crore. The second part, which was 12 thousand square meters, 19 minutes later, so we are talking about the same piece of land. We sold one piece of it, 10 thousand square meters, let’s see at 6 O’clock and 19 minutes later, we are selling the second part of the same land, slightly larger part, 12 thousand square meters to a certain Ravi Mohan Tiwari for Rs. 2 crores. So, we have a piece of land, half of it is going for Rs. 8 crore, the other half is going, slightly more than the other half is going for Rs. 2 crores at the same time, approximately. Five minutes later, this Mr. Ravi Mohan Tiwari is selling that Rs. 2 crore piece of land for Rs 18.5 crores to the trust, which means, basically the Trust is paying 8 crores + 18.5 crores for a piece of land, which is probably just of little more than 2 crores. Who are the witnesses on these sale deeds- it is the Mayor of Ayodhya and a Trustee, who has been the Sarsanghchalak of the RSS, Anil Mishra and the mayor Shri Rishikesh Upadhyay, these are the witnesses to the sale deeds and within 5 minutes of that, it is sold to the trust from 2 crores to 18.5 crores, that means, you have made a profit of Rs 16.5 crores within 5 minutes. Who is making the profit- the BJP person and this is happening repeatedly in the other transactions.

 

Land from Dalits, which is not allowed to be sold has also been illegally bought by some officers, sorry not by the trust directly and then sold to the trust. So, land has been illegally taken for this purpose by some officers. Basically, what is happening is that in the area all around the Ram Mandir, people from the BJP, office bearers from the BJP, workers of the BJP and the RSS, some of the trustees clearly and some big officials of the BJP are buying and selling land to benefit themselves and actually using the trust money for this purpose. The people have given money for this trust from all over India, I have been to the houses of people in UP, where women have told me that even some of the money that they had saved, out of that they have given to the trust and it is being obviously, blatantly misused and there is wholesale corruption happening.

 

The other thing is that the UP government has apparently announced that it is going to hold an enquiry into this matter. But, who is holding the enquiry- an officer of the level of the District Magistrate. Now, you have the mayor as a witness on a sale deed and you are expecting, obviously, you are not expecting any enquiry to happen because you have put a person of a District Magistrate level in charge of the enquiry, so it is clear that no real enquiry is going to take place. What, we are saying is, the trust was formed on an order of the Supreme Court, the enquiry should be done at that level. It should be done at the level of the Supreme Court. So, that is the issue.

 

On a question about the announcement of an enquiry by the UP Government, Smt. Priyanka Gandhi said- It is my view that the Court, perhaps even suo moto, should intervene because here we are talking about the faith of millions and also the fact that millions of people, not necessarily well off people, poor people also have given the savings to this trust. So, there is some moral responsibility owed to them and it is very clear that an officer of that level cannot investigate the Mayor of Ayodhya.

 

एक अन्य प्रश्न पर कि आप क्या इस मुद्दे को जनता के बीच में लेकर जाएंगी? श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि हम तो जरुर लेकर जाएंगे। हम लेकर जा भी चुके हैं। जबसे ये शुरु हुआ जून में, तबसे काफी आंदोलन भी हुआ उत्तर प्रदेश में इस पर और हम इसको लगातार करेंगे। लेकिन इसकी नैतिक जिम्मेदारी मेरे हिसाब से तो श्री योगी आदित्यनाथ तक नहीं है, ये उन पर नहीं रुकती है, नरेन्द्र मोदी जी, जो प्रधानमंत्री हैं, उन तक जाती है, क्योंकि एक नैतिक जिम्मेदारी है। सबने इसके लिए चंदा दिया है। जैसे मैंने कहा, गरीब लोगों ने दिया है, माताओं ने दिया है, बहनों ने दिया है। अपनी जो बचत थी, उसमें से दिया है, आस्था की वजह से दिया है। तो इस आस्था को इस तरह से चोट नहीं पहुंचा सकते और जब आपने अभियान किया इस चंदे को इक्कट्ठा करने के लिए, तो जिम्मेदारी तो आपकी ही है कि चंदे का ठीक से इस्तेमाल किया जाए। अगर उस चंदे पर भ्रष्टाचार हो रहा है और वो चंदा किसी की जेब में जा रहा है, तो किसकी जिम्मेदारी है- आपकी ही है।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट से जांच कराई जानी चाहिए? श्रीमती गांधी ने कहा कि आप बताइए, कोई जिला अधिकारी मेयर पर जांच कर सकता है? ये जो ट्रस्टी हैं, ये राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, इस पर कोई जिला अधिकारी की..., आप यूपी आइए और मुझे कुछ कहने की जरुरत नहीं है। किसी भी जिला अधिकारी की हिम्मत नहीं है कि वो ऐसे बड़े पद पर जो बैठे हैं, उन पर जांच की जाए। ठीक है, तो ये ऑवियसली (obviously) ये जांच इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ कहे बगैर इस मामले से निपट लिया जाए और आगे बढें, लेकिन ये बहुत बड़ा मामला है।

 

एक अन्य प्रश्न पर की अभी तक इस मामले को लेकर यूपी सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, आपकी पार्टी क्या अदालत को अप्रोच करेगी, दूसरी लखीमपुर वाले मुद्दे पर आप क्या कहेंगी? श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि ना आएगा। जो दोनों बातें आप कह रहे हैं, चाहे लखीमपुर हो, चाहे ये हो, ये पूरी तरह से ये स्पष्ट करते हैं कि सरकार का नजरिया क्या है, उसकी मानसिकता क्या है। जो लखीमपुर में हुआ, आप सब अच्छी तरह से जानते हैं किसने किया और आप सब अच्छी तरह से ये भी जानते हैं कि आज तक उनके पिता की बर्खास्तगी नहीं की गई है और वहाँ पर भी, जैसे मैंने कहा कोई अधिकारी, किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं हो सकती है, अगर इतने बड़े मंत्री के बेटे ने ऐसा काम किया है कि उस पर ठीक ढंग से जांच करे। वही हमने उस मामले में कहा, यही हम इस मामले में कह रहे हैं। इस मामले में हमने कहा मेयर साहब का हस्ताक्षर हैं, राम मंदिर के ट्रस्टी के हस्ताक्षर हैं। जो आरएसएस के सरसंघचालक है और आपने एक पूरी जांच एक जिला स्तर के अधिकारी को दे दी है कि आप जांच करिए। तो ये स्पष्ट है कि ये जो सरकार है, इसकी मानसिकता ये है कि ऐसा जब होता है, जब कोई अपराध हो रहा है, भ्रष्टाचार हो रहा है, सच्ची जांच नहीं कराना चाहते हैं, क्योंकि असलियत ये है कि उन सबको मालूम है कि क्या हो रहा है और हो सकता है कि भागीदार भी हैं उसमें।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि अधिकारी स्तर पर जांच की बात की जा रही है, लेकिन उनके पिता ने भी जमीन खरीद रखी है, क्या आप लोग सुप्रीम कोर्ट में अप्रोच करेंगे? श्रीमती गांधी ने कहा कि ये (श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा) कह रहे हैं कि डीआईजी ने भी खरीद रखी है। तो सब लूट में शामिल में हैं। अभी हमने इस पर निर्णय नहीं लिया है, लेकिन आपस में हम डिस्कस करके तय करेंगे कि अगर करना है तो जरुर करेंगे।

 

इसी संदर्भ में श्री सुरजेवाला ने कहा कि जनता की अदालत में तो प्रियंका जी ये लड़ाई लड़ ही रही हैं और जनता की अदालत, कई बार, माफ कीजिए, कानून की अदालत से भी बड़ी होती है और जरुरत पड़ी, जैसा आपने कहा हम विचार-विमर्श करके कानूनी राय लेकर इस पर निर्णय कर लेंगे।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि जैसे आपने कहा कि इस मुद्दे को जनता की अदालत में लेकर जाएंगे, तो आप आगे इस मुद्दे को कैसे देखेंगे? श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि सिचुएशन ये है कि लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है और ये है कि चाहे भ्रष्टाचार हो, चाहे अत्याचार हो, चाहे हत्याएं हों किसानों की, इन सब बातों पर ना चर्चा हो रही है, ना जांच कभी होगी, क्योंकि सरकार जानती है कि क्या हो रहा है, सरकार उसमें पक्षकार है। सरकार नहीं चाहती कि सच्ची जांच हो और ये नहीं चाहती कि एक लोकतांत्रिक तरह से इस पर कोई भी चर्चा हो, क्योंकि चर्चा होगी तो आप मजबूर हो जाएंगे दिखाने के लिए, अगर पार्लियामेंट में चर्चा होगी। लोग देखेंगे, जनता समझ जाएगी।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि इस पूरे खुलासे के बाद आपको क्या लग रहा है किंगपिन कौन है?  श्रीमती गांधी ने कहा कि अब जांच तो मैं खुद कर नहीं रही हूँ, तो किंगपिन कौन है, मैं क्या कहूं। देखिए, बगैर सही जांच के मैं नहीं कह सकती कि कौन किंगपिन है। ये बहुत स्पष्ट है कि इसमें जैसे मेयर साहब के हस्ताक्षर हैं। एक नहीं, दो ट्रांजेक्शन में उनके हस्ताक्षर हैं, ये जो ट्रस्टी हैं, मिश्रा जी, इनके भी हस्ताक्षर हैं। तो जरुर ये लोग शामिल हैं। अब इसके अलावा कौन-कौन शामिल है, कौन क्या कर रहा है, ये तो जांच ही बता पाएगी। लेकिन हम चाहते हैं कि एक निष्पक्ष जांच हो।

 

On another question about the announcement of enquiry into the Ram Mandir land case by the Government, Smt Priyanka Gandhi said- How can a government enquire about itself? If the accusation is against a government, how can they decide that they are going to enquire and decide, who is right and who is wrong, themselves? That is the whole point, I am making. The point is that all these are government officials, even the statement I made the other day, the first to the government and it is just that in every single case you cannot just order or small little enquiry at whatever level you feel like and say- we have ordered an enquiry, the matter is over. Especially, when you are the entity that has been accused of something and there is exactly what I am saying in Lakhimpur Kheri case as well. I am saying that, here is the son of a minister, who has committed a heinous act and you are ordering an enquiry with minister still in his seat and he is no less than the Minister of State (Home), same thing we are saying here. You cannot order an enquiry at the level of a District Magistrate and the person, who has signed the paper, is the mayor. It is absolutely ridiculous, so who are you trying to fool?

 

एक अन्य प्रश्न पर कि लगातार हम देख रहे हैं यूपी में जो भी प्रमुख मुद्दे हैं आप पहुंचती हैं, लेकिन बाकी विपक्षी दल नहीं आते? श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि देखिए, अगर आप पिछले दो सालों को देखें, तो उत्तर प्रदेश में जितने भी विपक्षी दल हैं, हमारे अलावा किसी ने आंदोलन नहीं किया है, कोई सड़क पर नहीं आया है, किसी ने जनता के मुद्दे नहीं उठाए हैं। अब इसकी वजह क्या है, मेरी तो समझ से बाहर है। मेरी समझ से बाहर है कि मायावती जी इतनी चुप क्यों हैं? मेरी समझ से बाहर है कि अखिलेश जी चुनाव से दो महीने पहले ही क्यों जागे? इससे पहले इतने अपराध हुए, इतना गलत हो रहा है पूरे प्रदेश में, कभी बाहर नहीं निकले, कभी कुछ नहीं कहा। तो लड़ तो हम ही रहे हैं पिछले दो सालों से लगातार हम लड़ाई लड़ रहे हैं जनता की, हम उनकी आवाज उठा रहे हैं। जहाँ-जहाँ अत्याचार हो रहा है, गलत हो रहा है, हम पहुंच रहे हैं, क्योंकि किसी को तो आवाज उठानी पड़ेगी और लड़ना पड़ेगा और हम अपना कर्तव्य समझते हैं कि हम जनता के लिए लड़ें।

 

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती गांधी ने कहा कि मैं कह रही हूं कि हम उनकी लूट में विघ्न डाल रहे हैं कि जो राम मंदिर के लिए जनता ने अपनी पूरी आस्था के साथ जो चंदा इकट्ठा कराया, उसको लूट रहे हैं और हम उस लूट में बाधा डालेंगे।

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