अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर मंगलवार से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है. आज भी ये सुनवाई अदालत में जारी है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की पीठ इस मामले को सुन रही है. आज एक बार फिर ये सुनवाई आगे बढ़ रही है. मंगलवार को निर्मोही अखाड़े की तरफ से दलीलें रखी गईं और जमीन पर मालिकाना हक मांगा था. हालांकि, अभी दूसरे पक्ष की ओर से दलीलें रखना बाकी है.
aajtak.in की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को सुनवाई की पूरी अपडेट...
02.33 PM चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़ा से कहा है कि आप अगले दो घंटों में रामजन्मभूमि से जुड़े साक्ष्य पेश करें. इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हमें रामजन्मभूमि से जुड़े असली दस्तावेज दिखाएं. जिसके बाद निर्मोही अखाड़े के वकील ने जवाब दिया कि सभी दस्तावेज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजमेंट में दर्ज हैं.
इतना कहने के साथ ही निर्मोही अखाड़ा की दलील खत्म हो गई है. अब रामलला की ओर से वरिष्ठ वकील परासरण अपनी दलील पेश कर रहे हैं.
01.11 PM: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जजों ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा कि क्या आपके पास इस बात को कोई सबूत हैं जिससे आप साबित कर सके कि रामजन्मभूमि की जमीन पर आपका कब्जा है. इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी, जिसमें उनके कागजात खो गए. इसके बाद जजों ने निर्मोही अखाड़ा से अन्य सबूत पेश करने को कहा.
11.30 AM: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा कि आप किस आधार पर जमीन पर अपना हक जता रहे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप बिना मालिकाना हक के पूजा-अर्चना कर सकते हैं, लेकिन पूजा करना और मालिकाना हक जताना अलग-अलग बात है.
CJI Ranjan Gogoi asks Sushil Kumar Jain, lawyer for Nirmohi Akahara, "In the next two hours, we would like to see the oral and documentary evidence."Justice Dhananjay Chandrachud says "show us the original documents,". Jain replied documents are quoted in Allahabad (HC) Judgment. https://t.co/nDbH9mDDPc
— ANI (@ANI) August 7, 2019
निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वकील ने कहा कि सूट फाइल करने का मकसद ये था कि हम अंदर के कोर्टयार्ड में अपना हक जता सकें.
11.00 AM: अयोध्या विवाद पर सुनवाई शुरू हो गई है. ये इस अंतिम सुनवाई का दूसरा दिन है. दूसरे दिन भी निर्मोही अखाड़ा अपनी दलीलें अदालत के सामने रख रहा है. अखाड़ा इस वक्त मामले का इतिहास अदालत को समझा रहा है.
निर्मोही अखाड़ा की तरफ से कहा गया कि सूट किसी भी आदेश के खिलाफ कभी भी दाखिल हो सकता है. इसमें सूट दाखिल करने के लिए टाइम लिमिटेशन की जरूरत नहीं है. अखाड़ा ने कहा कि वह विवादित भूमि पर ओनरशिप और कब्जे की मांग कर रहे हैं.
निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि ओनरशिप का मतलब मालिकाना हक नहीं बल्कि कब्जे से है. इसलिए उन्हें रामजन्मभूमि पर क़ब्ज़ा दिया जाए.
मंगलवार को निर्मोही अखाड़ा ने रखे ये तर्क
निर्मोही अखाड़े की तरफ से मंगलवार को जो तर्क रखे गए उसमें बताया गया कि 1850 से ही हिंदू पक्ष वहां पर पूजा करता आ रहा है. उनकी ओर से कहा गया कि 1949 से उस विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी गई थी, ऐसे में मुस्लिम पक्ष का हक जताना पूरी तरह गलत है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कई सवाल पूछे और मामले की बारीकी से जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि में एंट्री कहां से होती है, वहां पर सीता रसोई कहां पर है? इसके अलावा अन्य जजों ने भी निर्मोही अखाड़े को आदेश दिया था कि अपने तर्क रखने के दौरान वह मामले को विस्तार से समझाएं.
6 अगस्त को अयोध्या मामले पर पूरी बहस यहां क्लिक कर पढ़ें...
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने का आदेश दिया था. हालांकि, जो कमेटी बनाई गई थी वह सफल नहीं हो पाई थी जिसके वजह से सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया था कि वह अब मामले की रोजाना सुनवाई करेंगे.
इसी के बाद से 6 अगस्त से इस मसले पर रोजाना सुनवाई शुरू हुई है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.
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