बाबरी मस्जिद विध्वंस बरसी: 1987 में श्रीमान राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया। 1989 और 1991 के आम चुनावों के मेनोफेस्टो में कांग्रेस ने वायदा किया कि बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाया जाएगा। 1992 में मस्जिद का ढांचा गिराने के बाद कांग्रेस ने कहा कि मस्जिद वहीं बनवाई जाएगी। 1993 में हुए कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि हमने मस्जिद को उसी जगह पर बनाने को कभी नहीं कहा।
बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए 9 नवंबर 2019 के फैसले के बाद आज 06 दिसंबर 2019 को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड रिव्यु रिपीटेशन फाइल करेगा. इस बात की जानकारी बोर्ड के वकील MR शमशाद ने दी. ज्ञात रहे कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बाबरी मस्जिद जिस ज़मीन पर बनी थी उस को राम मंदिर को देने का फैसला किया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस बात को स्पष्ट किया था कि कहीं से भी यह स्पष्ट नहीं होता है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना था कि बाबरी मस्जिद में मूर्तियां रखना गलत था और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी स्वीकारा था कि मस्जिद को शहीद किया जाना भी गलत था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों में काफी बेचैनी देखने को मिली. लोगों का यह मानना था कि जब सुप्रीम कोर्ट शुरू से इस बात को मान रहा है कि मस्जिद को लेकर जो कुछ हुआ वह गलत हुआ उसके बाद फिर क्यों मस्जिद की जमीन मंदिर को दे दी गई?
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 5 एकड़ जमीन मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी प्रॉमिनेंट जगह पर दे.
अब इस फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने अपील करने का फैसला किया है. बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि आज हम कोर्ट में अपील फाइल करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा यह मानना है कि वहां मस्जिद थी और कोर्ट ने भी अपनी प्रोसीडिंग में इस बात को स्वीकारा है कि मस्जिद मंदिर गिराकर नहीं बनाई गई थी.
हमारा दावा मजबूत है और हम कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि कोर्ट अपने फैसले पर रिव्यू करे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम सिर्फ हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमारा काम क्रेडिट लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि जब कोर्ट में साथ जाने की बात हुई थी, तो मुझे समझ नहीं आता कि जमीयत पहले क्यों चली गयी?
उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि क्योंकि जमीयत ने पहले अपील की है इसलिए सबसे पहले जमीयत ही का नाम आएगा और बाकी के लोगों का नाम बाद में आएगा लेकिन हमें पहले और बाद से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि जब जमीयत की ओर से पहले भी प्रेस रिलीज़ जारी की जा रही थी जिसमें बार-बार जमीयत का नाम लिया जा रहा था तब भी हमने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया, क्योंकि हमें सिर्फ इंसाफ चाहिए और इंसाफ के लिए हम लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि डॉ राजीव धवन से हमारी बातचीत हो चुकी है और हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि वह हमारे साथ इस केस को लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम उनके आभारी हैं कि उन्होंने इस केस को लड़ा वहीं दूसरी ओर पीस पार्टी ने भी इस मामले में रिव्यू पेटिशन फाइल करने का फैसला किया है.
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