नयी दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सचिव शमीम अख्तर (जिन का इस वक़्त ट्रांसफर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ के तौर पर हुआ है) और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम व आयोग के सदस्य कोचर के दरमियान अनबन की खबर है. वतन समाचार को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम व आयोग के सदस्य कोचर ने आयोग के सचिव शमीम अख्तर (जिन का इस वक़्त ट्रांसफर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ के तौर पर हुआ है) के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है.
इस संबंध में जब वतन समाचार ने आयोग के चेयरमैन डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खान से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि आयोग के सचिव शमीम अख्तर (जिन का ट्रांसफर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ के तौर पर हो चुका है) का रवैया उनके और उनके सहयोगियों/ साथियों के खिलाफ इंतेहाई खराब था.
खान ने बताया कि उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी दी और यह तब हुआ जब उनके काले कारनामे आयोग के सामने आये. उन्हों (चेयरमैन) ने कहा कि उन्हों (शमीम अख्तर) ने बदतमीजी की और गालियां भी दीं. यह सिर्फ मेरे साथ नहीं बल्कि आयोग के मेरे साथी Kartar Singh Kochhar साहब के साथ भी हुआ. डॉक्टर ZIK ने इस बात की भी पुष्टि की कि उन्होंने आयोग के सचिव शमीम अख्तर (जिन का इस वक़्त ट्रांसफर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ के तौर पर हुआ है) के खिलाफ करप्शन को ले कर के सीएस (दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेट्री) और लेफ्टिनेंट गवर्नर से शिकायत की है और शमीम अख्तर के कामों की स्पेशल ऑडिटर से ऑडिट कराने की अपील की है.
ज़फरुल इस्लाम खान ने बताया कि इसके साथ ही आयोग ने इंटर्नल इंक्वायरी भी शमीम अख्तर के खिलाफ शुरू कर दी है.
शमीम अख्तर ने इस पूरे मामले पर वतन समाचार से बातचीत में बताया कि उन्होंने किसी को कोई गाली नहीं दी है और ना ही किसी को जान से मारने की धमकी दी है. यह सारे इल्जाम बेबुनियाद हैं. उन्होंने आयोग के चेयरमैन डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खान और सदस्य कोचर के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं ने पहले ही इस की LG और CS से शिकायत की है.
उन्हों ने आरोप लगाया कि ज़फरुल इस्लाम को सब अच्छी तरह जानते हैं और Kartar Singh Kochhar साहब आज भी खुद को गुरुद्वारा समिति का सदस्य समझते हैं. उन्हों ने दोनों लोगों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह दिल्ली और दिल्ली से बाहर भी पावर का गलत इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों लोगों ने कमीशन को अपनी प्रॉपर्टी समझ रखा है. करप्शन के आरोपों पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यहां कोई पब्लिक डीलिंग का काम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि 18 साल से कमीशन में एक स्टेप्लर भी नहीं ख़रीदा गया था. मै ने पूरे सिस्टम को फंक्शनिंग में ला दिया है और मुझे मेरी मेहनत का यह इनाम दिया जा रहा है.
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