केंद्र सरकार ने असम में एनआरसी की तर्ज पर सितंबर 2020 तक पूरे देश के सभी नागरिकों के ब्योरे वाला राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) तैयार करने का फैसला किया है। इसमें हर नागरिक का डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक ब्योरा शामिल किया जाएगा। नागरिक पंजीकरण और जनगणना आयुक्त के रजिस्ट्रार जनरल विवेक जोशी ने बताया कि एनपीआर के लिए 1 अप्रैल 2020 से जनगणना का काम शुरू होगा। टीमें असम को छोड़कर देशभर में घर-घर जाकर लोगाें का डाटा एकत्रित करेंगी।
इसे एक बार पूर्ण रूप से प्रकाशित करने के बाद सरकार भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) तैयार कराएगी। एनपीआर का उद्देश्य देश में रह रहे हर नागरिक का ब्योरा तैयार करना है। इसके अंतर्गत हर उस व्यक्ति को शामिल किया जाएगा जो पिछले छह महीने से किसी स्थानीय जगह पर रह रहा है या वह व्यक्ति जो उस इलाके में अगले छह महीने या उससे अधिक के लिए बसना चाहता है।
17वीं लोकसभा की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में भी इसका जिक्र किया था।
असम में पिछले साल 30 जुलाई को जब एनआरसी को प्रकाशित किया गया तो 40.7 लाख लोगों का नाम काटे जाने पर बड़ा हंगामा हुआ था। एनआरसी के लिए 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था जिसमें से 2.9 करोड़ लोगाें के नाम शामिल किए गए थे। उन्होंने बताया कि यह काम स्थानीय रजिस्ट्रार की देखरेख में 30 सितंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है। भारत में बसे हर व्यक्ति के लिए एनपीआर में अपना नाम दर्ज कराना जरूरी होगा।
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