स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के बेलूर मठ में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में युवाओं की आबादी भारत में सबसे ज्यादा है और भारत के युवा जिस मुहिम में जुड़ते हैं उसकी सफलता तय है. प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर कहा कि युवाओं के मन में सवाल भरे गए हैं. सीएए को लेकर कुछ युवा भ्रम के शिकार हैं. उन्होंने कहा, ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, उनसे टकराओ, उन्हें सुलझाओ.
पूर्व लोकसभा सांसद इलियास आजमी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि जब इस से पहले लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था तो धर्म के आधार पर भारत के संविधान और बाबा साहब के संविधान से टकराने और उस को तबाह करने की जरूरत क्या थी? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामी विवेकानंद जी की बात करते हैं तो उन्हें देश को यह बताना चाहिए कि स्वामी विवेकानंद जी ने ही इस बात को स्पष्ट शब्दों में कहा था कि "मुझे उस भारत का वासी होने पर गर्व है जिसने इस पृथ्वी के सभी धर्मों व सभी देशों के सताए हुए लोगों और शरणार्थियों को शरण दी है"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशवासियों को यह बताना चाहिए कि क्या सभी देशों में सिर्फ पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान ही आते हैं? क्या हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका नेपाल और यह देश सभी देशों की सूची से बाहर है.
ज्ञात रहे कि "बेलूर मठ में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, युवाओं को नागरिकता संशोधन कानून पर फैली गलतफहमियों को दूर करना चाहिए. CAA नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कानून रातों-रात नहीं बना है. बल्कि इस कानून में संसद के जरिए मात्र एक संशोधन किया गया है".
युवाओं के बारे में उन्होंने कहा, युवा जोश, युवा ऊर्जा ही 21वीं सदी के इस दशक में भारत को बदलने का आधार है. नए भारत का संकल्प, आपके द्वारा ही पूरा किया जाना है. ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, उनसे टकराओ, उन्हें सुलझाओ.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद जी की वो बात हमें हमेशा याद रखनी होगी जब वो कहते थे कि “अगर मुझे सौ ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो मैं भारत को बदल दूंगा”. यानि परिवर्तन के लिए हमारी ऊर्जा, कुछ करने का जोश ही आवश्यक है. सीएए पर जारी विरोध प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं फिर कहूंगा सिटिजनशिप एक्ट नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है.
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