मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को दिया प्राकृतिक खेती करने का सुझाव
भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को दिए प्राकृतिक खेती के सुझाव इसी के साथ उन्होंने रासायानिक खेती के दुष्प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि आज प्राकृतिक खेती के लिए एक प्रशिक्षण प्रारंभ हो रहा है। प्राकृतिक खेती केवल कर्मकांड नहीं हैं बल्कि धरती को बचाने का एक अभियान है। नदियों को बचाने का एक अभियान है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रसायनिक खेती से होने वाले नुकसानों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा इसके अलावा इंसान की जिंदगी को बचाने का भी एक अभियान है। यह धरती सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है, बल्कि जीव और जंतुओं के लिए भी है। इस रसायनिक खेती ने अनेकों जीव जंतुओं को भी समाप्त करके रख दिया है।
धरती का स्वास्थ तेजी से बिगड़ रहा है। और जितनी मात्रा में हम रसायनिक खाद डाल रहे है उसके प्रभाव से कीट तो नही मरते लेकिन फलों और सब्जियों द्वारा हमारे शरीर में पहुंच कर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। और उसका दुष्प्रभाव यह होता है कि वह कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे देता है। और इससे मानव स्वास्थ को गंभीर खतरा है।
इतना ही नहीं, रसायनिक खादों से होने वाली बीमारियों के साथ साथ इसका प्रभाव बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते है कि आज इस रसायनिक खाद ने मिट्टी से सभी मित्र कीटो को खत्म करके रख दिया है। ऐसे कीट जो फसलों और मिट्टी को फायदा पहुंचाते थे अब मर चुके है।
वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक खेती के गुण गिनाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कहते हैं कि प्राकृतिक खेती उत्पादन और फसल को अच्छा करती है। लोगों के स्वास्थ का ध्यान रखती है। प्राकृतिक खेती पौष्टिक तत्वों से दूर रहती है और दोष रहित होती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों से अपील करते हैं कि वे रासायनिक खेती को त्याग कर प्राकृतिक खेती को अपनाए। अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कहते है कि मैं केवल दूसरो को ही सुझाव नहीं दूंगा बल्कि मैंने फैसला किया है कि मैं अपनी जमीन 5 एकड़ पर प्राकृतिक खेती करूंगा।
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