जैसे जैसे लोगों को यह समझ में आ रहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 मुसलमानों के कम दलितों आदिवासियों शोषितों पीड़ितों वंचितों और गरीबों के ज्यादा विरोधी है वैसे-वैसे दलित पार्टियां भी होश के नाखून ले रही हैं. इस पूरे मामले में एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी का बयान आया है.
पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने कहा है कि हम किसी ऐसे बिल का समर्थन नहीं करेंगे जो जनता के हितों के खिलाफ हो. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर खुलकर बात की और कहा कि NRC को लेकर मुसलमान, दलित और वंचित वर्ग के लोगों की जो चिंताए हैं उसका उसका पूरा खयाल रखा जाएगा. नागरिकता कानून पर उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास हो जाने के बाद भी देश में इस बिल को लेकर असंतोष बरकरार है. ऐसी परिस्थिति उत्पन्न ना हो इसलिए लोक जनशक्ति पार्टी ने इस विधेयक को सदन में लाने से पहले सहयोगियों से विस्तृत चर्चा करने का आग्रह सरकार से किया था.'
उन्होंने कहा, NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की जिम्मेदारी भी सरकार की है. सहयोगी होने के नाते लोक जनशक्ति पार्टी आग्रह करती है कि प्रदर्शनकारियों से संवाद कर उनकी चिंताओ को दूर करे.
यही नहीं, पासवान ने कहा, 'लोक जनशक्ति पार्टी ये विश्वास दिलाती है कि NRC को लेकर मुसलमान, दलित और वंचित वर्ग के लोगों की जो चिंताए हैं उसका उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. लोजपा किसी ऐसे विधेयक का समर्थन नहीं करेगी जो आम लोगों के हित में ना हो.'
नागरिकता कानून का विरोध बहुत बढ़ गया है. हर राज्य में इसका विरोध हो रहा है. सैकड़ों शहरों में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. आईआईएम और आईआईटी जैसे संस्थानों के छात्रों ने खुलकर इस कानून का विरोध किया है.
ज्ञात रहे कि बड़े पैमाने पर लोगों का यह कहना है कि यह बिल मुसलमानों से ज्यादा दलितों आदिवासियों शोषित व पीड़ितों वंचितों के विरोधी है और स्टेप बाई स्टेप लोगों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश हो रही है. बीते रोज़ पूर्व लोक सभा संसद इलियास आज़मी ने भी कहा था कि जब लोगों को नागरिकता देने का क़ानून पहले से था तो नए क़ानून की ज़रुरत क्या थी. इस के सिवा कि गरीबों को परेशान किया जाये.
एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी कहा है कि यह बिल दलितों आदिवासियों शोषित और पीड़ितों के ज्यादा विरोधी है. उन्होंने भी इस मामले में केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है और नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को वापस लेने की अपील की है. लोगों का कहना है कि अगर सरकार इस पूरे मामले में अपने मकसद में कामयाब हो जाती है तो फिर वह मनुस्मृति को लागू करने की तरफ तेजी से बढ़ेगी जिससे शुद्र वाला पुराना दौर वापस आ जाएगा.
शुक्रवार को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में दिल्ली गेट पर भी प्रदर्शन उग्र हो गया. देर शाम प्रदर्शनकारियों ने दरियागंज इलाके में खड़ी कार को आग लगा दी थी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और लाठियां भांजकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा.
दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर शुक्रवार को भारी भीड़ एकत्रित हो गई. लोग जंतर मंतर तक मार्च करना चाहते थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. लोग जामा मस्जिद के सामने ही जमे रहे.
हालांकि प्रदर्शनकारियों की भीड़ शाम में उग्र हो गई और लोग उपद्रव पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने एक वाहन को आग लगा दी. इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया.
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