नई दिल्ली, 8 जुलाई, 2020 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है और दुख की बात है कि कोविड-19 मामलों में दिल्ली शहरों में नम्बर 1 पर है और देश भर में राज्यों में तीसरे नम्बर पर पहुच गया है, जबकि 1 लाख की संख्या पार करके दिल्ली में कोविड संक्रमितों की संख्या 1,02,831 हो गई है और 3165 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित डिजीटल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के चलते दिल्ली में 2 मार्च, 2020 को पहला कोरोना पाजिटिव सामने आया था, परंतु दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केन्द्र में भाजपा सरकार की अक्षमताओं और निष्क्रियताओं के चलते कोरोना वायरस तेजी फैला है, जिससे दिल्ली आज कोरोना केपिटल बन गया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह जानकार हैरानी हुई कि वरिष्ठ पत्रकार तरुण सिसोदिया, जिनका कोविड का इलाज AIIMS, ICU में चल रहा था उन्होंने प्रथम तल से चौथी मंजिल पर चढ़कर वहां से कूद गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि यह चौकाने वाली बात है कि केन्द्र सरकार के अस्पताल में उन्होंने अपनी जान गंवा दी, और यह भी आश्चर्य जनक है कि जब कोविड मरीज यह अमानवीय कदम उठा रहा था तब अस्पताल की सिक्योरिटी क्या कर रही थी, घटना की की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस आओ मदद का हाथ बढ़ाये (Congress Cares) के तहत युवा पत्रकार तरुण सिसोदिया के परिवार के लिए फंड सृजित करने हेतू अभियान चलाऐगी, क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा फ्रंटलाईन कोरोना यौद्धाओं की सहायता के लिए कुछ नही किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकार भी मेडिकल कर्मियों की भांति कोरोना यौद्धा बनकर मौकें पर मौजूद रहकर अपनी जान को जोखिम में डालकर हम तक खबर पहुचाकर कोविड महामारी से लड़ रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने पत्रकार सिसोदिया की आत्महत्या मामले की समयबद्ध जांच की मांग की, उन्होंने कहा कि पत्रकार ने खुद कहा था कि उनकी हत्या की जा सकती थी इसलिए उनकी आत्महत्या के बारे में संदेह है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार दोनो कोविड महामारी की गंभीरता को देखते हुए कोई भी प्रभावी काम नही किए, सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए मौखिक बयानबाजी ही करते रहे हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि जिसका परिणाम यह हुआ कि राजधानी में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े है। उन्होंने कहा कि यदि इसके नियंत्रण के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और इलाज के लिए ठोस कदम उठाए गए होते तो दिल्ली में महामारी सरकार के नियंत्रण से बाहर नही होती।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल और मोदी सरकार ने अस्पतालों के बाहर कोविड बेड लगाने में अपना कीमती समय और संसधानों को बर्बाद कर दिया, जबकि यह इसी राशि से सरकारी अस्पतालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं को बेहतर बनाने में खर्च किया जा सकता था जिससे दिल्ली कोरोना के आगे घुटने टेकने की बजाय कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत स्थिति में होती।
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