नई दिल्ली, 09 अगस्त। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर पर बनी फिल्म पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच से जब याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने फिल्म नहीं देखी है, केवल ट्रेलर देखा है तो कोर्ट ने कहा कि आपने फिल्म नहीं देखी है, केवल ट्रेलर से कुछ नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हमें आपको क्यों सुनना चाहिए? कोर्ट के इस रुख के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापल ले लिया।
हिन्दुस्थान समाचार की खबर के अनुसार बाटला हाउस फिल्म को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विभू बाखरू की सिंगल बेंच ने कहा था कि अगर फिल्म ट्रायल को प्रभावित कर सकता है तो इस पर रोक लगाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सिंगल बेंच को बताया था कि फिल्म को देखकर ऐसा लगता है कि वे दोषी हैं। सबकुछ आरोप पत्र के आधार पर फिल्माया गया है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि कोर्ट सब कुछ निष्पक्ष ढंग से कर रही है, लेकिन फिल्म के रिलीज होने से ट्रायल और अपील पर फर्क पड़ सकता है। फिल्म के प्रोड्यूसर ने कहा कि भले ही फिल्म चार्जशीट को आधार बनाकर बनाई गई है, लेकिन इससे कहीं ऐसा नहीं लगता कि याचिकाकर्ता को अभियुक्त या आतंकी दिखाया गया हो। तब कोर्ट ने कहा कि एक याचिकाकर्ता का नाम पोस्टर पर भी है। अगर फिल्म से ट्रायल प्रभावित होने की आशंका होगी तो फिल्म की रिलीज रोक दी जाएगी।
पिछली 3 अगस्त को जस्टिस विभू बाखरु ने फिल्म के प्रोड्यूसर को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता को फिल्म दिखाएं। जिसके बाद ये फिल्म याचिकाकर्ताओं को दिखाई गई थी। याचिका बाटला हाउस एनकाउंटर के एक अभियुक्त आरिफ खान और शहजाद अहमद ने दायर की है। शहजाद अहमद को एनकाउंटर के दौरान एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि फिल्म में कानूनी प्रक्रियाओं का ध्यान नहीं रखा गया है और जान-बूझकर गलत जानकारियां दी गई हैं जो उस केस के ट्रायल में बाधा खड़ी कर सकती हैं। यह फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होने वाली है।
उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर 2008 को जामिया नगर के बाटला हाउस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया था। मामले में तीन अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। काउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। मामले में आरिफ खान को फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया था। शहजाद अहमद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है जो अभी लंबित है।
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के पोस्टर और उसके वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है की फिल्म बाटला हाउस एनकाउंटर की सच्ची सूचना पर आधारित है। फिल्म में यह बताने की कोशिश की गई है कि एनकाउंटर वाकई में सही था जो लंबित केस पर प्रभाव डाल सकता है। इस फिल्म में एनकाउंटर और दिल्ली के सीरियल बम ब्लास्ट के बीच एक कड़ी जोड़ने की कोशिश की गई है। याचिका में कहा गया है कि सीरियल बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई अभी पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही है और इस फिल्म से इसके ट्रायल पर काफी असर पड़ेगा। सीरियल बम ब्लास्ट 13 सितंबर 2008 को हुए थे। इस फिल्म का निर्देशन निखिल आडवाणी ने किया है। फिल्म में जॉन अब्राहम और रवि किशन नजर आएंगे।
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