नई दिल्ली: जमात ए इस्लामी हिंद के मुखिया सय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने आज पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया है कि जमात ए इस्लामी हिंद पीड़ितों की मदद करते वक्त धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जमात का रिलीफ हर व्यक्ति तक पहुंचेगा हर इंसान तक पहुंचेगा हर मानव जाति तक पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि जमात धर्म के आधार पर किसी तरह के भेदभाव में कोई विश्वास नहीं रखती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पीड़ित का कोई भी धर्म हो उस तक उनका रिलीफ पहुंचेगा.
दिल्ली दंगों में पुलिस के रोल को लेकर सवाल खड़े करते हुए जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि पुलिस का रोल और उस का गुंडों के साथ नजर आना ही अपने आप में निराशाजनक और अफसोस नाक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दंगाइयों के साथ पुलिस नजर आई और दंगाइयों की मदद करते नजर आई या मुस्लिम बच्चों को मारते हुए नजर आई और उनसे धार्मिक नारे गाने के लिए कहती नजर आई वह बहुत ही शर्मनाक और अफसोस है। सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग अब भी जख्मी हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के रोल पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह से अब तक मुख्यमंत्री वहां नहीं गए और ना ही प्रधानमंत्री और गृहमंत्री वहां गए इससे यह स्पष्ट है कि पीड़ितों की तई उनकी कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने पुलिस एक्शन और पुलिस के रोल की उच्चस्तरीय जांच की अपील करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की इंक्वायरी दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के नेतृत्व में होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक जमात की ओर से 1500 लोगों को रिलीफ पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से SIO एपीसीआर एस बीएफ अलशिफा हॉस्पिटल समेत कई संस्थान काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक 1983 लोगों को अरेस्टर या detain किया जा चुका है। हमारी डिमांड है कि लोगों की सूची को प्रकट किया जाए ताकि लोगों को सही स्थिति का पता चल सके। उन्होंने कहा कि अब तक 683 FIR हुई है, लेकिन जो लोग एफ आई आर कराने जा रहे हैं उनके साथ भेदभाव और पुलिस का रवैया ठीक नहीं है, इसलिए जो FIR गलत है उनको ठीक कराने की कोशिश करेंगे और साथ ही सरकार से अपील करेंगे कि पुलिस अगर FIR में भेदभाव कर रही है या गलत काम कर रही है तो उस पर लगाम लगाया जाए।
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने बताया कि अब तक 19 मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है, उन्होंने यह भी कहा कि जमात इस्लामी हिंद पहले चरण में 100 मकानों को रिपेयर करेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गृहमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को कैंपों में कुछ समय गुजारना चाहिए ताकि लोगों की सही स्थिति का अंदाजा हो सके.
जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) सैयद सआदतुल्लाह हुसैन ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। इस हिंसा में मारे गये शोकाकुल परिजनों के साथ जमाअत उनके दुखों को साझा करती है और सहानुभूति प्रकट करती है। हिंसा के तरीक़े से स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह नरसंहार योजनाबद्ध और इलाक़े में रहने वाले मुसलमानों को लक्षित करके किया गया था। आधिकारिक रिकार्ड के मुताबिक मृतकों की संख्या 50 से अधिक है। लेकिन लोगों के अनुसार मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि बहुत से आंकड़े रिकॉर्ड में नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने कई बेशक़ीमती संस्थानों को नुक़सान पहुंचाया है और सामान्य नागरिकों की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार राज्य की कानून और व्यवस्था तंत्र की क्षमता पर से लोगों का विश्वास उठा हैं। पूरा प्रकरण मानवता के नाम पर कलंक है और पूरे देश के लिए शर्म की बात है।
जमाअत इस्लामी हिन्द के मुख्यालय में आयोजित मासिक प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सआदतुल्लाह हुसैनी कहा कि मुस्लिम समुदाय, उनके व्यापार और धार्मिक स्थलों को लक्षित करने के विशिष्ट उद्देश्यों के साथ हमलावरों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस की भूमिका स्तंभित कर देने वाली थी। वीडियो को देख कर कोई भी अवलोकन कर सकता है कि पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी या हिंसा में सक्रिय सहयोगी थी। पीड़ित और जीवित लोग बेहद भयभीत और मायूस हैं। उन्हें परामर्श और सहानुभूति की ज़रूरत है। एक सकारात्मक पहलु यह है कि बहुत से मामलों में हिन्दुओं और मुसलमानों ने एक दूसरे की जान बचायी है। इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि यह फसाद स्थानीय लोगों की तरफ से नहीं, बल्कि बाहरी लोगों की तरफ से अंजाम दिया गया।
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने बताया कि जमाअत इस्लामी हिन्द दंगा प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमंदों को आवश्यक मदद पहुंचाने का प्रयास पहले दिन से कर रही है। जमाअत राहत और पुनर्वास के कामों को समन्वित और चरणबद्ध तरीके से अंजाम दे रही है। हिंसा के दौरान जान माल की क्षति का सर्वेक्षण करना, पीड़ितों को सरकार द्वारा घोषित लाभ का दावा पेश करने लिए आवश्यक दस्तावेज़ पूरा करने में मदद और मनोवैज्ञानिक परामर्श देना जमाअत के प्रमुख कामों में शामिल है। चिकित्सा सहायता के लिए जमाअत अपने नियंत्रण केंद्र में अस्थायी अस्थाई अस्पताल स्थापित करेगी। जमाअत एफआईआर और क़ानूनी मुकदमा दर्ज करने के कामों में भी मदद कर रही है। हमारे पास परिश्रमी स्वंसेवक हैं जिनमें महिलायें भी शामिल हैं जो हमारी कोशिशों को व्यवहारिक बना सकते हैं। जमाअत ने राहती कामों के समन्वय को बेहतर बनाने के लिए सेंटर स्थापित किया हुआ है।
दिल्ली हिंसा से सम्बंधित जमाअत इस्लामी हिन्द की कुछ मांगे:
* हिंसा के पूरे प्रकरण का पता लगाने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के तहत एक जांच समिति गठित की जानी चाहिए। यह जांच एक महीने में पूरी हो जाए और रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और सिफारिशों को लागू किया जाए।
* हिंसा भड़काने वाले ज़िम्मेदार राजनेता को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
* प्रधानमंत्री को राहत शिविरों का दौरा करना चाहिए और सहानुभूति के तौर पर उनके साथ खाना साझा करना चाहिए।
* प्रधानमंत्री को राहत शिविरों के 100 करोड़ की अनुग्रह राशि और अपने घरों, कीमती सामानों, व्यवसाय और आजीविका खो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए 1000 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की जानी चाहिए।
* पुलिस को चाहिए कि वह अपने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे जो निर्दोष नागरिकों, महिलाओं और बच्चों पर जुल्म और अत्याचार में लिप्त हैं।
* दंगा के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत और गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची जारी करे।
* दिल्ली पुलिस को बिना किसी मतभेद के निर्दोष नागरिकों की हत्या, मारपीट और आगजनी के दोषियों को सौ दिन के भीतर गिरफ्तारी का समय दिया जाना चाहिए।
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