नई दिल्ली: दिवाली से पहले दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है. मोदी से लेकर केजरीवाल सरकार को इस की कोई फ़िक्र नहीं है. देश के प्रदानमंत्री इलेक्शन प्रचार में लगे हैं, तो दिल्ली के मुखिया आरोपों की राजनीति से ऊपर उठने को त्यार नहीं हैं. NDTV इंडिया के अनुसार दिल्ली में सोमवार की सुबह मोटा धुंध छाया रहा और तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. दिवाली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में गिरावट को लेकर मौसम अधिकारियों की चेतावनी के बीच आज सुबह धुंध की चादर दिखी.
पूरा दिल्ली-एनसीआर स्मॉग की चपेट में है और लोगों को सुबह-सुबह सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दिल्ली में कई जगहों पर हवा की क्वॉलिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. हालांकि तापमान गिरने के चलते लोगों का हल्की ठंड का अहसास भी होने लगा है. ये हाल सिर्फ़ दिल्ली का ही नहीं बल्कि देश के कई दूसरे हिस्सों का भी है.
ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक सभी मैट्रो शहरों में दिल्ली का हाल सबसे ज़्यादा बुरा है. रविवार को हवा चलने की वजह से यहां लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी, लेकिन आज से एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर दक्षिण दिल्ली के ओखला निगरानी स्टेशन पर आज सुबह 644 था, जो गंभीर स्थिति की कैटेगरी में आता है.
यानी दिल्ली में वायु प्रदूषण, सुरक्षित सीमा से 20 गुना अधिक है. बता दें कि पीएम 2.5 बारिक कण होते हैं, जो फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन रोगों का कारण बन सकते हैं. विशेषज्ञों का दावा- रोजाना 15 से 20 सिगरेट पीने के बराबर है दिल्ली-NCR की हवा का असर है. दिल्ली-NCR में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण पहुंच चुका है. मंदिर मार्ग पर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 707, मेजर ध्यानचंद नैशनल स्टेडियम पर 676 और जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम पर 681 हुआ. वहीं, लोधी रोज इलाके में खराब स्थिति में है. बता दें कि यह हवा का बहुत खतरानक स्तर है.
रविवार के मुकाबले आज सड़कों पर दृश्यता सुबह कम थी. बता दें कि दिल्लीवालों ने रविवार को चैन की सांस ली जब हवा की रफ्तार बढ़ने से और सरकार द्वारा लागू नियंत्रण उपायों के कारण वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया.
एयर क्वॉर्टर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च या सैफार के केंद्र संचालित प्रणाली के एक अधिकारी ने बताया, एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) आज बहुत खराब की निम्न सीमा में रहने की संभावना है, वातावरण अपेक्षाकृत साफ होगा.
केन्द्र द्वारा संचालित ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फारकास्टिंग एंड रिसर्च' के एक अधिकारी ने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार का कारण सतह पर वायु की गति पांच किलोमीटर प्रति घंटे तक बढना है. यह प्रदूषण करने वाले तत्वों को बहा ले गया. इसके अलावा अधिकारियों द्वारा उठाए गए नियंत्रण उपायों ने भी इसमें योगदान दिया.
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