नई दिल्ली, 25 जुलाई। जमाअत इस्लामी हिन्द द्वारा आयोजित ऑन लाइन प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जमाअत के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा पर अल्पसंख्यक आयोग द्वार गठित कमीटी की फैक्स फाइंडिंग की रिपोर्ट चिंताजनक है । पुलिस और सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैया की वजह से इस फसाद को हवा मिली और पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से असमाजिक तत्व के हौसले बुलंद हुए। इसका अफसोसनाक पहलू यह है कि दंगा के दौरान कुछ जगहों पर पहचान पत्र दिखाने को कहा गया और फिर धर्म और आस्था की बुनियाद पर उन्हें निशाना बनाया गया। पुलिस ने प्रभावितों की बहुत सी शिकायतें दर्ज नहीं की। मोहन नर्सिंग होम जैसे संगीन हादसे को भी पुलिस ने नज़रअंदाज़ कर दिया। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट से यह सुनिष्चित हो जाता है कि राजधानी दिल्ली में शांति और व्यवसथा तंत्र पूरे तौर पर नाकाम रहा।
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने ईदुल अज़हा (बक़रईद) विषय पर विचार रखते हुए कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द ने गृह मंत्री और सभी राज्यों के प्रधान सचिवों और संघ शासित राज्यों को पत्र लिख कर महामारी के दौरान मुस्लिम त्योहार ईदुल अज़हा को मनाने में आसानी को सुनिश्चित करने की अपील की है और कहा है कि जानवरों की कुर्बानी इस त्योहार का अहम हिस्सा है और इसका कोई विकल्प नहीं है। इसलिए राज्य सरकारें मवेशी मंडियों के संगठनों को सरकारी तौर पर स्वीकृत जानवरों के क्रय विक्रय की सहूलत उपलब्ध कराए। जहां तक ईदुल अज़हा की नमाज़ के अदा करने की बात है तो सामाजिक दूरी के तमाम नियमों का पालन किया जाए।
सलीम इंजीनियर ने देश की आर्थिक सूरतेहाल और महामारी के दौर में इस चैलेंज का सामना करने के लिए सरकार के तरीक़े पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लॉकडाउन ने प्रवासी मज़दूरों का संकट पैदा कर दिया है। हिन्दुस्तान को मांग और पूर्ति दोनों वयवस्था को झटका लगा है। देश में बड़े पैमाने पर कारोबार बंद है और उद्योग और सेवा दोनो क्षेत्र योग्यता से कम कारोबार कर रहे हैं, जाहिर है इसका नकारात्मक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
कान्फ्रेंस के अंत में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सलीम इंजीनियर ने कहा कि दिल्ली दंगा का बारे में विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस कर चुके हैं। यूथ लीडर और सांसदों के साथ विडियों कान्फ्रेंसिंग के द्वारा संबंधित विषयों पर सवाल उठाया गया है। एक सवाल के जवाब में सलीम इंजीनियर ने कहा कि हालिया दिनों में मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारी का जो सिलसिला शुरू हुआ है यह बिल्कुल ग़लत है, इससे प्रभावितों के खौफ़ में इज़ाफ़ा होगा। महिला के साथ भी पुलिस का रवैया संदिग्ध रहा है। इस कान्फ्रेंस को जमाअत के मीडिया सचिव सैयद तनवीर अहमद और मलिक मोतसिम खां ने भी संबोधित किया।
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