जामिया के समर्थन में देश भर में छात्रों का प्रदर्शन, नदवा के छात्र भी मैदान में
नागरिकता संशोधन विधेयक पर जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के साथ हुई पुलिस की बर्बरता के बाद छात्रों का गुस्सा पूरी तरह उबाल पर है. देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ के छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. और उन्होंने शांतिपूर्वक प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वह जामिया के लिए जस्टिस की डिमांड कर रहे हैं और सीएबी और एनआरसी को वापस लेने की अपील कर रहे हैं.
हैदराबाद जेएनयू बीएचयू डीयू नदवा मुंबई समेत देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ के छात्र सीएबी और एनआरसी के साथ-साथ जामिया के छात्रों के लिए जस्टिस की डिमांड कर रहे हैं. वहीं अब धीरे-धीरे जामिया के छात्रों के साथ पुलिस की बर्बरता की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं.
बाथरूम से लेकर हॉस्टल लाइब्रेरी तक सभी जगह पुलिस ने छात्रों के साथ जिस तरह बर्बरता की है अब उसकी तस्वीरें एक के बाद एक सामने आ रही हैं और पुलिस की कार्यकर्ता पर सवाल उठ रहे हैं.
वहीं पुलिस की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि पुलिस ने पहले बल का प्रयोग नहीं किया बल्कि छात्रों के हिंसक होने के बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, लेकिन जिस तरह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसने पुलिस के दावे पर सवाल खड़ा कर दिया है. बसों में आग लगाने के मामले में भी पुलिस की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है.
पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि पुलिस बसों में लगी आग बुझाने की कोशिश कर रही है, जबकि सोशल मीडिया पर घूम रही फोटो और वीडियो के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि भाजपा पुलिस वालों से आग लगवा रही है और दिल्ली को आग में झोंकने की कोशिश कर रही है. भाजपा की ओर से इस पूरी घटना की जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी के विधायक पर डाली गई है.
अमानतुल्लाह खान ने स्पष्ट किया है कि उनका या पार्टी का इस में कोई हाथ नहीं और वह कालिंदीकुंज पर प्रोटेस्ट कर रहे थे जहां प्रदर्शन शांतिपूर्वक था. अमानुल्लाह ने भी इस पूरी आगजनी के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है और दावा किया है कि उन के पास वीडियो है कि पुलिस ने आग लगाई है और पुलिस के लोग आग लगा रहे हैं.
वहीं इस पूरे मामले में छात्रों के समर्थन में नदवा लखनऊ के छात्र भी उतर आए हैं. छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है. छात्रों की ओर से जस्टिस फॉर जामिया और आरसीबी एनआरसी के विरोध में नारे लगाए जा रहे हैं, और नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की अपील की जा रही है. छात्रों की ओर से पत्थर का जवाब पुलिस पत्थरों से दे रही है, लेकिन अध्यापकों की मीडिया में जमकर प्रशंसा हो रही है. उन्होंने बच्चों से शांतिपूर्वक रहने की अपील की है और बच्चे भी शांतिपूर्वक अपने-अपने क्लासरूम वापस लौट आए हैं. लेकिन फाॅर्स अभी भी तैनात है. लेकिन क्या सच है, जो कुछ भी है उसका अंदाज़ा जांच के बाद ही पता चलेगा, जिस के लिए सुप्रीम कोर्ट में हियरिंग हो रही है और पुलिस ने भी जांच की बात कही है.
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