नई दिल्ली, 28 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से 'मन की बात' की। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर में नफरत फैलाकर विकास कार्यों को बाधित करने वालों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते। बैक टू विलेज कार्यक्रम में जनभागीदारी से यह भी सिद्ध हो गया है कि विकास की शक्ति बम-बंदूक की शक्ति पर हमेशा भारी पड़ती है। जम्मू-कश्मीर के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए बेताब हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जून में आयोजित बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत पहली बार बड़े अधिकारी सीधे गांवों तक पहुंचे। सीमा पर बसे ऐसे गांवों में गए जो हमेशा सीमापार से होने वाली गोलीबारी के आतंक के साये में रहते हैं। शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग जिलों के संवेदनशील गांवों का दौराकर लोगों की तकलीफ जानी। यह लोग दहशत में दिन बिताते हैं। ये कार्यक्रम हफ्ते भर चला। राज्य की सभी लगभग साढ़े चार हजार पंचायतों में सरकारी अधिकारियों ने ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को कभी गांववालों ने देखा तक नहीं था, वो खुद चलकर उनके दरवाजे तक पहुंचे ताकि विकास के काम में आ रही बाधाओं को समझा जा सकेष। समस्याओं को दूर किया जा सके। यह कार्यक्रम खानापूर्ति नहीं थी कि अधिकारी दिनभर गांव में घूमकर वापस लौट आएं। अधिकारियों ने दो दिन और एक रात पंचायत में ही बिताई। ऐसे कार्यक्रम और उसमें लोगों की भागीदारी ये बताती है कि कश्मीर के हमारे भाई-बहन गुड गवर्नेंस चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी संकट ने इन दिनों देशवासियों को झकझोर दिया है। जल संरक्षण को लेकर देशभर में अनेक प्रभावी प्रयास चल रहे हैं। मोदी ने जल नीति विकसित करने के लिए मेघालय सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर का खूबसूरत राज्य मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने अपनी जल नीति तैयार की है। उन्होंने परंपरागत खेती के स्थान पर कम पानी वाली फसलों के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की भी प्रशंसा की। मोदी ने जल प्रबंधन में झारखंड के ग्रामीणों के श्रमदान का भी उल्लेख किया।
सावन में कांवड़ यात्रा, अमरनाथ यात्रा, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन और नाग पंचमी और उपवास आदि त्योहारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि अमरनाथ यात्रा में पिछले चार सालों में सबसे अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। अमरनाथ यात्रा की सफलता के लिए मोदी ने खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के लोगों और उनकी मेहमाननवाजी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह भविष्य में पर्यटन के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि एक जुलाई से अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन कर चुके हैं। 2015 में पूरे 60 दिनों तक तक चलने वाली इस यात्रा में जितने तीर्थयात्री शामिल हुए थे, उससे अधिक इस बार सिर्फ 28 दिनों में शामिल हो चुके हैं। मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में भी इस वर्ष जब से चारधाम यात्रा शुरू हुई है, तब से डेढ़ महीने के भीतर आठ लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। 2013 में आई भीषण आपदा के बाद पहली बार इतनी रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री वहां पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लोकोत्सव और जनोत्सव के रूप में मनाने के नए तरीके तलाशने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगस्त महीना ‘भारत छोड़ो’ की याद ले करके आता है। आप लोग 15 अगस्त को मनाने की कुछ विशेष तैयारी करें। आजादी के इस पर्व को मनाने का नया तरीका ढूढें। इसमें जन भागीदारी बढ़ाकर इसे लोकोत्सव और जनोत्सव कैसे बनाया जाए, इसकी चिंता करें।
मोदी ने अंतरिक्ष की दृष्टि से 2019 को भारत के लिए शानदार बताते हुए कहा कि चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तस्वीरों ने देशवासियों को गौरव और जोश से भर दिया। इस मिशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब बात नए क्षेत्र में कुछ नया कर गुजरने की हो, अभिनव उत्साह की हो तो हमारे वैज्ञानिक सर्वश्रेष्ठ हैं। विश्वस्तरीय हैं । दूसरा, महत्वपूर्ण पाठ यह है कि किसी भी व्यवधान से घबराना नहीं चाहिए। यह चांद के बारे में हमारी समझ को और भी स्पष्ट करेगा।
मोदी ने कहा कि चंद्रयान-2 से उन्हें दो बड़ी सीख मिली वो हैं विश्वास और निर्भिकता। हमें अपनी प्रतिभा और क्षमताओं पर पूरा भरोसा होना चाहिए। चंद्रयान-2 पूरी तरह से भारतीय रंग में ढ़ला है। स्वदेशी है। यह दिल और जूनून दोनों से भारतीय है।इस संबंध में उन्होंने देशभर के बच्चों को 7 सितंबर को होने वाली चंद्रयान-2 की लैडिंग का साक्षी बनने का निमंत्रण देते हुए कहा कि वह अंतरिक्ष से जुड़ी क्विज को जीतकर इस एतिहासिक क्षण के गवाह बन सकते हैं। प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी माईगोव वेबसाइट पर एक अगस्त को दी जाएगी।
देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के संकट में घिरे लोगों को प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि केंद्र, राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रभावित लोगों को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का काम बहुत तेज गति से कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मोदी ऐप पर पाठकों के लिए एक कार्नर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्यों न हम नरेन्द्र मोदी ऐप पर एक स्थायी पुस्तक कॉर्नर ही बना दें और जब भी हम नई किताबें पढ़ें, उसके बारे में वहां लिखें। चर्चा करें। आप इसके लिए कोई अच्छा से नाम का भी सुझाव दे सकते हैं।
(हि.स.)
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