आदरणीय जामिया नगर निवासी,
कोविड 19 अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। मरीजों की संख्या और मृतकों की संख्या में रोज़ अप्रत्याशित बढोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन कुछ ज़मीनी हकीकत आपसे शेयर कर रहा हूँ ताकि आप जरूरी कदम उठा सकें । केंद्र और राज्य सरकार कोरोना मरीजों की जांच, भर्ती व ईलाज के लिए भले ही लाख दावे कर रही हो लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। न तो जांच आसानी से हो रहे हैं और न ही हॉस्पिटलों में आसानी से भर्ती मिल रहा है। यह हालात में सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों का बता रहा हूँ। भर्ती नहीं मिलने के कारण लोग एंबुलेंस में ही दम तोड़ दे रहे हैं। प्राइवेट में किसी तरह भर्ती मिल भी जाए तो पांच दस लाख रूपये पहले ही जमा कराने को बोल रहे हैं। अब संक्रमण इस तरह फैल चुका है कि यदि हम आप सभी की जांच हो जाए तो लगभग लोग पॉजिटिव पाए जाएं लेकिन 10 फीसदी लोग जिनकी हालत नाजुक हो जाती है वह भर्ती और ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एंबुलेंस में ही दम तोड़ दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में हम जामिया नगर वालों की ज़िम्मेदारी बनती है कि कम से दो तीन एंबुलेंस Crowd Funding से बिना देरी के इंतेज़ाम करें । क्योंकि अगले 15 दिन आप हमको इसकी सख्त जरूरत पड़ने वाली है। दूसरी तरफ जामिया नगर के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा हॉस्पिटल से दरखास्त करें कि वह कोविड 19 मरीजों को लेना शुरू करें। आपको मालूम होना चाहिए कि 60 बेडों वाला अल शिफा हॉस्पिटल कोविड सस्पेक्ट मरीजों को एडमिट नहीं ले रहा है। जबकि केजरीवाल सरकार के निर्देशानुसार 50 बेड वाले अस्पतालों को भी भर्ती लेना चाहिए। अल शिफा हॉस्पिटल वेंटिलेटर का बहाना बनाकर मरीजों को भर्ती नहीं ले रहे हैं जबकि सभी को मालूम है कि ऑक्सीजन की सप्लाई से भी मरीजों को तत्कालीन आराम पहुंचाया जा सकता है। वैसे भी वेंटिलेटर मरीजों के सही होने का प्रतिशत बहुत ही कम होता है। एक दावे के अनुसार 80% वेंटिलेटर मरीज मर जाते हैं। यानी अल शिफा आक्सीजन सप्लाई देकर भी मरीजों का इलाज कर सकती है बाकी अल्लाह की जो मरजी। इसलिए जामिया नगर के तमाम निवासियों से निवेदन है कि जल्द से जल्द दो तीन एंबुलेंस का व्यवस्था करें और अल शिफा हॉस्पिटल से गुजारिश करें कि वह एक फ्लोर या कम से कम बीस कोविड 19 मरीजों के भर्ती का अविलंब इंतजाम करे। सभी लोग अल शिफा हॉस्पिटल को कॉल और मैसेज करें। इस मुसीबत की घडी में अल शिफा हॉस्पिटल लोगों को कैसे मना कर सकती है। वेंटिलेटर न सही ऑक्सीजन तो है। उसी के साथ इलाज करें बाकि अल्लाह मालिक है। और सबसे अहम बात अगले 15 दिन यदि आपने सब्र कर लिया और एहतियात बरत लिया तो आप यक़ीनन विनर होंगे । इसलिए 100 फीसदी एहतियात करें। इमरजेन्सी में ही घरों से बाहर निकलें। और इस मैसेज को जामिया नगर के हर भाइयों तक पहुंचाएं।
जो लोग अनलॉक समझकर धङरले से मार्केट ऑफिस ईधर ऊधर जाना शुरू कर चुके हैं वह दो काम करें। थैले में दस लाख रूपये रखकर फर्जी कोविड मरीज बनकर अस्पतालों का भ्रमण कर लें। अगर कोई अस्पताल आपको आसानी से ले लेता है तो फिर धङरले से घुमिए। और अगर अस्पताल में भर्ती पाने के लिए आपको चना चबाना पड़ता है अपने आप को 20-25 दिन घरों में कोरनटाइन कर लें। यही एकमात्र ऊपाय है। सरकार के अनलॉक के झांसे में मत फंसये। सरकार टैक्स कमाने के चक्कर में आपको सङक पर उतार दी है। जबकि सरकार तो एसी वाले बडे बडे बंगलों और लेविश फ्लैटों में आराम फरमा रही है। साथ ही उसके लिए एम्स से लेकर अपोलो , मेदांता भी है। आपके लिए क्या है ? गली गली भीङ जमा करने से पहले यह सब जरूर सोच लें।
आपका भाई - कमर क्रांति
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