संसद में गृह मंत्री का एनपीआर पर आश्वासन पर्याप्त नहीं : सलीम इंजीनियर
नई दिल्ली: जमाअत इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने संसद में गृह मंत्री के बयान के बारे में कहा कि “कल भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह ने संसद में सदन के पटल पर एनपीआर से संबंधित कुछ स्पष्टीकरण किए हैं। उन्होंने हमें यह आश्वस्त करने का प्रयास किया है कि “प्रस्तावित एनपीआर की प्रक्रिया के दौरान, नागरिकों से किसी भी दस्तावेज के लिए नहीं पूछा जाएगा, उन्हें एनपीआर फॉर्म में सभी सवालों के जवाब देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और बाद में किसी को भी "डी" या संदिग्ध नागरिक के रूप में चिह्नित नहीं किया जाएगा। हम इन मौखिक आश्वासनों का भी स्वागत करते हैं , लेकिन इनको पर्याप्त नहीं समझते हैं।“ और हम सरकार से आग्रह करते हैं कि नागरिकता नियम 2003 में संशोधन करके इन आश्वासनों को कानूनी और औपचारिक रूप दिया जाए। उक्त नागरिकता नियम में आवश्यक संशोधन करके यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि:
1. नियम में एनपीआर का कोई संदर्भ न हो
2. किसी भी अधिकारी को नागरिकों को बतौर संदिग्ध पहचान करने और एनआरआईसी से उन्हें निकालने के लिए एनपीआर का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी, तथा एनपीआर को एन आरईसी के लिए आधार नहीं बनाया जाएगा । राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कहा ने कि एनपीआर और एनआरसी आपस में क़ानूनी तौर पर पूरी तरह अलग अलग होने कि स्थिति में ही एनपीआर कि प्रक्रिया हमें स्वीकार्य है।
3. यह आश्वासन दिया जाए कि एनपीआर में जानकारी प्रदान करना स्वैच्छिक होगा और जानकारी प्रदान करने में विफलता कि स्थिति में किसी को दंडित नहीं किया जाएगा।
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