Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत ?

व्यक्तिगत रूप से मुझे ज्यादा दुख: देश की शिक्षा व्यवस्था का बढ़ते नुकसान को लेकर है. लॉकडाउन के बाद से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद है. होने वाले सभी परीक्षा स्थगित कर दिया गया है. शिक्षक घरो पर है और बच्चे सेल्फ स्टडी से ज्यादा मोबाइल पर व्यस्त है. ऑनलाइन शिक्षा एक अहम माध्यम है जिससे छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है. लेकिन इसमें भी सभी छात्र बहुत कम दिलचस्पी दिखा रहे है. छात्र अपना पुरा वक़्त विभिन्न प्रकार के गेम, सीरियल ड्रामा और फिल्में देखने में लगा रहे है बनिस्बत शिक्षा ग्रहण करने के.

By: वतन समाचार डेस्क
  • चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक चुनौतीयों से कैसे निपटेगा भारत ? 
  • अफ्फान नोमानी 

 

कोरोना महामारी ने जिस तरह पुरे विश्व को अपनी चपेट में लिया वो यक़ीनन ही बहुत भयावह है. लाखों की संख्या मे मौत और आर्थिक स्तर पर पुरे मानव समाज को तबाह करके रख दिया. लोगों का जीवन यापन जिस मुश्किलों से गुजर रहा है वो बहुत ही दर्दनाक है. वर्त्तमान में भारत की स्थिति अन्य देशो से भिन्न है. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लॉकडाउन लागु कर हम हद तक स्थिति को नियंत्रण करने मे कामयाब जरूर रहे, लेकिन कोरोना से विजय प्राप्त कहना गलत होगा. अभी भी कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की तादाद में कमी नहीं आयी है, बल्कि इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह ( 8 जुन 2020 ) जारी अपडेट के मुताबिक देश मे कुल मरीजों की संख्या 2 लाख 56 हजार 611 हो गया है, जिसमें 7 हजार 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1 लाख 24 हजार 95 लोग ठीक हो चुके है. अगर इस आकड़े का हिसाब लगाए तो देश मे अभी भी 1 लाख 25 हजार 381 लोग कोरोना से संक्रमित है. 

यह आकड़ा निश्चित रूप से भयावह है. अगर स्थिति पर नियंत्रण नही किया गया तो देश को चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक स्तर पर कई चुनौतीयों का सामना करना पड़ेगा.

सवाल है की चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक चुनौतीयों से कैसे निपटेगा भारत?

व्यक्तिगत रूप से मुझे ज्यादा दुख: देश की शिक्षा व्यवस्था का बढ़ते नुकसान को लेकर है. लॉकडाउन के बाद से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद है. होने वाले सभी परीक्षा स्थगित कर दिया गया है. शिक्षक घरो पर है और बच्चे सेल्फ स्टडी से ज्यादा मोबाइल पर व्यस्त है. ऑनलाइन शिक्षा एक अहम माध्यम है जिससे छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है. लेकिन इसमें भी सभी छात्र बहुत कम दिलचस्पी दिखा रहे है. छात्र अपना पुरा वक़्त विभिन्न प्रकार के गेम, सीरियल ड्रामा और फिल्में देखने में लगा रहे है बनिस्बत शिक्षा ग्रहण करने के. 

कॉम्पीटीशन से जुड़े छात्र हद तक पढ़ाई कर रहे है. कॉम्पीटीशन पास करने के लिए ऑनलाइन क्लास का भी सहारा ले रहे है, लेकिन समस्या ऐकडेमिक छात्रों का है जिसका 80 प्रतिशत कार्य शिक्षण संस्थानों से सीधा जुड़ा हुआ है. ऑनलाइन क्लास से शहर में रहने वाले छात्र अपनी पढ़ाई कर भी ले लेकिन भारत की बहुल आबादी गांव में है. स्मार्ट फ़ोन, नेटवर्क और विभिन्न तकनीकी का आभाव है. ऐसे में सभी वर्ग के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास करना थोड़ा मुश्किल है. इंटरमीडिएट व उससे उच्च दर्जों के छात्रों को चाहिए की अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑनलाइन क्लास का सहारा ले. 

सरकार शिक्षण संस्थानों को खोलने पर विचार विमर्श कर रही है लेकिन हमें होने वाले खतरों से निपटने के लिए तैयारी बहुत जरूरी है क्योंकि मेडिकल स्तर पर भारत ज्यादा मजबूत नही है. वजह, भारत के पास मेडिकल स्तर पर उपयुक्त व्यवस्था नहीं है.

मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ के एक अध्ययन के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और लोगों तक उनकी पहुंच के मामले में भारत विश्व के 195 देशों में 145वें पायदान पर है.  यहाँ तक की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के मामले में बांग्लादेश और भूटान से भी पीछे है भारत. 

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इंटेलिजेंस के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2019 के अनुसार भारत में 10,926 लोगों पर केवल एक एलोपैथिक सरकारी डॉक्टर है. भारत की जनसख्यां के अनुपात में देश में 16.74 लाख डॉक्टरों की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में सिर्फ 9.50 लाख डॉक्टर है. अगर भारत एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर की उपलब्धता के अनुपात हासिल करना चाहता है तो फिर भी 20.07 लाख डॉक्टरों की आवश्यकता है. और जैसा की मेडिकल स्तर पर भारत की तैयारी है उसके हिसाब से भारत को यह आकड़ा प्राप्त करने में वर्ष 2030 तक का समय लग सकता है. 

 

ऐसे में सरकार को स्वास्थ्य सम्बंधी चुनौतीयों से निपटने के लिए अस्पताल के ढाँचे को प्रभावी बनाना होगा. डॉक्टरों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए भारत में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा नीट में सफल छात्रों की संख्या के अनुपात को बढ़ाने पर जोर देना होगा. जिससे जूनियर डॉक्टरों का अनुपात बढ़ेगा. नए मेडिकल कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी और हर पंचायत में एक अस्पताल का होना अतिआवश्यक है.

सरकार को शिक्षा और आर्थिक चुनौतीयों से निपटने के लिए शिक्षा के छेत्र में उन्नत तकनीकी विकसित कर प्रतिभाशाली व खासकर जानकर व तकनीकी से जुड़े शिक्षकों को बहाली करने पर ध्यान देना होगा. सरकार को एमबीए व इंजीनियरिंग डिग्री के छात्रों को भी शिक्षा के छेत्र में बहाली के आदेश पारित कर देना चाहिए. इससे शिक्षा के छेत्र में कई फायदे होंगे. पहला तो भागदौड़ कर डिग्री लेने वाले शिक्षकों की जगह तकनीकी से जुड़े शिक्षक

होंगे जिससे शिक्षा में नए बदलाव भी आएंगे, और बेरोजगारी जैसे संकट का हद तक निदान हो जायेगा.

कुल मिलाकर भारत को चिकित्सा, शिक्षा और आर्थिक चुनौतीयों से बहुत ही गंभीरता से निपटना होगा.

 

( लेखक अफ्फान नोमानी रिसर्च स्कॉलर व लेक्चरर है )

 डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति वतन समाचार उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार वतन समाचार के नहीं हैं, तथा वतन समाचार उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

 


 

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.