इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स ने धार्मिक स्थलों मस्जिदों और नमाजियों के लिए गाइडलाइन जारी की है। IMPAR ने गाइड लाइन जारी करते वक्त मस्जिद के रखरखाव करने वालों और नमाजियों से अपील की है कि वह इन नियमों का विशेषकर पालन करें ताकि करोना के प्रकोप के फैलाव से लोगों को बचाया जा सके। इम्पार की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति मस्जिद परिसर में पाया जाए तो उसको चिन्हित करके लोगों से अलग थलग करें और उस वक्त तक उसको फेस मास्क या अन्य चीजें दें जब तक की उसको स्वास्थ्य केंद्रों तक न पहुंचा दिया जाए और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत अस्पतालों को दी जाए। इम्पार ने 23 बिंदुओं पर आधारित एक बयान मीडिया को जारी किया है जिस में मस्जिदों के लिए गाइड लाइन की बात कही गयी है और साथ ही नमाज़ियों के लिए एक्सट्रा गाइड लाइन की बात कही गयी है। इम्पार की ओर से कहा गया है कि उम्मीद यही है कि लोग इस का पूरी ईमानदारी से पालन करेंगे।
IMPAR (इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स)ने धार्मिक स्थलों / इबादत गाहों में COVID-19 के प्रकोप/ फैलाव को रोकने के लिए SOP के अनुसार दिशानिर्देशों का संकलन करते हुए नमाजियों से इस का पालन करने की अपील की है।
मीडिया को जारी बयान में कहा गया है कि "65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, या बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है। व्यक्तियों को जहां तक संभव हो सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाये रखनी चाहिए। फेस कवर / मास्क का उपयोग अनिवार्य है। हाथ गंदे ना होने की सूरत में भी साबुन से कम से कम 40-60 सेकंड तक धोने की प्रैक्टिस करें। सांस लेते वक़्त हिदायत का सख्ती से पालन किया जाये। इसमें टिशू / रूमाल / खांसते या छींकते वक़्त कोहनी के साथ खाँसने / छींकने और उस से निकलने वाली चीज़ों को ठीक ढंग से लोगो से दूर रखा जाये और इस दौरान अपने मुंह और नाक को ढंकने का ख़ास ख्याल रखा जाये। साथ ही सामने वाले व्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि वह इस वक़्त ऐसे आदमी से दूरी बनाये रखे।
अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी/देख भाल करें और किसी भी बीमारी की जल्द से जल्द राज्य और जिला हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करना ज़रूरी है। थूकना सख्त वर्जित है। सभी को आरोग्य सेतु ऐप को अपलोड करने और उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
1. मस्जिद में प्रवेश के लिए हाथ स्वच्छता (सैनिटाइजर डिस्पेंसर) और थर्मल स्क्रीनिंग प्रावधान अनिवार्य किये जायें।
2. मस्जिदों में केवल स्वस्थ व्यक्तियों को ही अनुमति दी जाए।
3. फेस कवर / मास्क का उपयोग करने पर ही व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति दी जाये।
4. COVID-19 के निवारक उपायों के बारे में पोस्टर/ स्टैन्डी के ज़रिये लोगों को बताया / जागरूक किया जाये और इसे ठीक ढंग से प्रदर्शित किया जाये। COVID -19 के लिए निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से मस्जिदों के ज़रिये लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
5. जूते / चप्पल को वाहन / गाड़ी के अंदर ही उतारा जाये। यदि आवश्यक हो, प्रत्येक व्यक्ति / परिवार अलग-अलग स्लॉट में स्वयं अपने जूते चप्पल रखें।
7. परिसर के बाहर और भीतर कोई भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि हर समय / हमेशा सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करें।
8. कतार /सफ का प्रबंधन करने के लिये परिसर में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दूरी के साथ विशिष्ट चिह्न बनाए जा सकते हैं।
9. आगंतुकों / आने जाने वालों के लिए अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाये जा सकते हैं।
10. प्रवेश करते समय भी न्यूनतम 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाये रखें।
11. लोगों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना चाहिए।
12. नमाज़ के दौरान खड़े होने या बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे।
13. एयर-कंडीशनिंग / वेंटिलेशन के लिए, सीपीडब्ल्यूडी के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा, जिसमें कहा गया है कि सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30oC की सीमा में होनी चाहिए, सापेक्ष नमी की सीमा 40- 70 %, होनी चाहिए। ताजी हवा का सेवन जितना संभव हो होना चाहिए और क्रॉस वेंटिलेशन पर्याप्त होना चाहिए।
14. क़ुरान/ पवित्र पुस्तकों आदि को छूने की अनुमति न दी जाये।
15. बड़ी सभायें / इज्तेमाआत पर पाबन्दी बनी हुई है, इस में कोताही ना करें।
16. एक दूसरे का अभिवादन करते हुए शारीरिक संपर्क से बचें।
17. आम प्रार्थना मैट / मुसल्ले से बचा जाना चाहिए और नमाज़ियों को अपने मुसल्ले / प्रार्थना की चटाई साथ लाना चाहिए जिसे वे अपने साथ वापस ले जायें।
18. धार्मिक स्थलों पर सामुदायिक रसोई में भोजन तैयार करते और वितरित करते समय शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करना चाहिए।
19. परिसर के भीतर प्रभावी स्वच्छता शौचालय, वुजू खानों पर विशेष ध्यान रखा जाये।
20. धार्मिक स्थान के प्रबंधन द्वारा निरंतर सफाई और कीटाणुशोधन होना चाहिये।
21. परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ किया जाना चाहिए।
22. आगंतुकों / आने वालों या कर्मचारियों द्वारा छोड़े गए फेस कवर / मास्क / दस्ताने का उचित ढंग से उनके निपटान को सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि उससे किसी को हानि न पहुंचे।
23. परिसर में अगर कोई संदिग्ध या पुष्टि वाले मामले हों तो: a। बीमार व्यक्ति को एक कमरे या क्षेत्र में रखें जहां दूसरों से अलग-थलग हों।
b। ऐसे समय तक उनको मास्क / फेस कवर प्रदान करें जब तक कि उन की जांच किसी डॉक्टर द्वारा न कर दी जाए।
c। निकटतम चिकित्सा सुविधा (अस्पताल / क्लिनिक) को तुरंत सूचित करें या राज्य या जिला हेल्पलाइन पर कॉल करें।
d। नामित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (जिला आरआरटी / उपचार चिकित्सक) द्वारा इस का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके अनुसार मामले के प्रबंधन, उसके संपर्कों और कीटाणुशोधन की आवश्यकता के बारे में आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
e। यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो परिसर का विसर्जन/ सैनिटाइज़शन होना चाहिये।
1. घर पर 'वुज़ू' करें और मस्जिद में वुज़ू खाने में भीड़ न लगायें । उपयोग करते समय साबुन के साथ पानी के नल को धो लें। वुज़ू खाने में और मस्जिद के प्रवेश द्वार पर हैंड वाश / या साबुन रखें।
2. मस्जिद परिसर में अनावश्यक समय बिताने से बचें। नमाज़ियों को इबादत करने के दौरान शारीरिक दूरी का ख्याल रखना चाहिये और इबादत करने के बाद मस्जिद छोड़ देनी चाहिये। नमाज का समय भी सीमित रूप में होना चाहिए, ख़ास तौर से जमे के खुतबे का वक़्त, और फिर नमाज़ के बाद मस्जिद बंद कर दी जाये।
3. मस्जिद को केवल ज़रूरी / फ़र्ज़ प्रार्थनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सुन्नत घर पर पढ़ें और मस्जिद को अगली प्रार्थना तक तुरंत बंद कर दें।
4. यदि मस्जिद में पर्याप्त खुला स्थान हो तो बंद हॉल में नमाज़ पढ़ने की जगह वहीं नमाज़ पढ़ी जाये और मस्जिद में रखी जाने वाली टोपी का भी इस्तेमाल ना किया जाये।
5. अपनी खुद की पानी की बोतल साथ लायें। मस्जिद में मौजूद /स्थापित वाटर कूलर के गिलास को उपयोग न करें।
6. जुमे की नमाज़ में अतिरिक्त सावधानी और देखरेख से काम लें क्योंकि अन्य दिनों की तुलना में नमाजियों की संख्या अधिक होती है, इस लिये चौकन्ने रहें।
7. सड़कों, फुटपाथों, पर प्रार्थनाएं / इबादत नहीं की जानी चाहिए।
इम्पार ने यह भी कहा है कि मस्जिद की सफाई हम में से हर एक का कर्तव्य है। हमें मस्जिदों को हमेशा साफ रखना चाहिए। प्रबंधन समिति और उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वुजू खाने और शौचालय अच्छी तरह से साफ और अच्छी स्वच्छ स्थिति में हों।
ज्ञात रहे कि 8 जून से धार्मिक स्थलों के खोले जाने की संभावनाओं को देखते हुये IMPAR की ओर से यह गाइड लाइन जारी की गयी है जो कि काफी अहम् है और लोगों से अपील की जाती है कि इसे ज़रूर पढ़े और इस का पालन करें।
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