महमूद मदनी साहब आप की इस कोशिश की ताईद और तक़लीद दोनों होनी चाहिए. लेकिन मदनी साहब वक़्त मिले तो ओखला के ईटों के जंगल और फ़सील बंद शहर की पहाड़ियों पर भी करम कीजियेगा.
जमीअत उलमा ए हिन्द और परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित अमन -एकता हरियाली यात्रा का दूसरा दिन
पर्यावरण की बेहतरी और विरिक्षरोपण के लिए जन जागरूकता जरूरी: मौलाना कारी मुहम्मद उस्मान मंसूरी
हमारी पूजा अलग है लेकिन हमारा देश एक है और हम इसकी रक्षा के लिए एकजुट हैं: स्वामी चिदनन्द सरस्वती महाराज
हमें मुस्लिम होने और भारतीय होने पर गर्व है: मौलाना महमूद मदनी
नई दिल्ली -26 / अगस्त
हमें मुस्लिम होने पर गर्व है, और एक भारतीय होने पर भी। जब इस्लाम भारत आया और जब यहां की मिट्टी के साथ उकसा मिलाप हुआ, तो इसने ऐसे सूफियों और संतों को जन्म दिया जिन्होंने अपने चरित्र और नैतिकता के साथ दुनिया वालों के दिलों पर शासन किया, इसलिए भारत की भूमि को सूफियों और संतों की भूमि कहा जाता है। ये विचार आज जमीअत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने देवबंद में 'अमन -एकता हरली यात्रा' ’के दूसरे दिन की शुरुआत में व्यक्त किया। यात्रा सुबह स्वामी चिदा नन्द सरस्वती महाराज के निर्तत्व में माता सुंदरी मंदिर देवबंद से हुई.
मौलाना मदनी ने इस अवसर पर कहा कि हमारा काफला पर्यावरण, जल और जंगल के लिए है, अतः इस से राष्ट्रीय एकता और सहिष्णुता का संदेश भी देना है। हम सब पर्यावरण की गंदगी को साफ करने के लिए एक साथ जुड़े हैं। इसके अलावा हम एक साथ इसलिए भी निकले हैं ताके दिमाग में पैदा फ़िरक़ापरस्ती की गन्दगी को भी साफ़ करें. दिमाग की गन्दगी हो या पर्यावरण की गन्दगी दोनों देश को बीमार कर रहा है।
मदनी ने यात्रा के अगले गंतव्य महमूद हॉल देवबंद में दारुल उलूम देवबंद की महान सेवाओं का उल्लेख किया और कहा कि देवबंद ने हमेशा दुनिया को प्रेम का संदेश दिया है। जिस हॉल में हम आज बैठे हैं, वह उस व्यक्ति ( मौलाना महमूद हसन देओबंदी) के नाम है जिन्होंने देश की आज़ादी में बड़ा बलिदान दिया और उन्होंने हमेशा देश के निर्माण के लिए सभी धर्मों के लोगों को एक जुट होकर लड़ने के शिक्षा दी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मुहम्मद उस्मान मंसूरपुरी ने कहा कि वृक्षारोपण और पानी एवं हवा में सुधार एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने अपनी बैठक में पर्यावरण और वृक्षारोपण के लिए सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने का निर्णय लिया है क्योंकि यह मानव जीवन से जुड़ा एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।
जलालाबाद में अपने संबोधन में, स्वामी चिदा नन्द सरस्वती महाराज अध्यक्ष परमार्थ निकितिन ने कहा कि जल शक्ति को जन शक्ति और जन जागरण और जल जागरण बनाना है। उन्होंने एलान किया के पर्यावरण को लेकर पुरे भारत में यात्रा निकलेंगे. इस के इलावा हमें सभी वर्गों को साथ लेकर चलना है और सब के साथ प्रेम बाटना है। हमारी पूजा अलग है लेकिन हमारा देश एक है। हम अपने देश की रक्षा और उसे सजाने के लिए एकजुट रहेंगे।
देवबंद के बाद ये यात्रा होली होम पब्लिक स्कूल नानौता पहुंची, जहां डीएम साहब ने स्वागत किया। इस संबंध में, मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलेमा ए हिंद ने बताया कि यात्रा इसके बाद जलालाबाद शामली, जामिआ बदरुल उलूम गढ़ी दौलत कांधला, मोहम्मदपुर राईन, मदनी नगर पंजित पहुंची. इन सभी स्थानों पर पेड़ लगाया गया। जामिआ बदरुल उलूम में लोगों की एक बड़ी भीड़ थी, यहाँ जमीयत उलेमा-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना आक़िल ने यात्रा का निर्तत्व किया.
यात्रा में मौलाना मोहम्मद यामीन उपदेशक दारुल उलूम के अलावा, कई स्थानीय जमात-ए-उलेमा के कार्येकर्ता शामिल थे।
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