जामिया मिल्लिया इस्लामिया की नव नियुक्त कुलपति प्रो नजमा अख़्तर ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के अध्यापकों के साथ पहली औपचारिक परस्पर बातचीत की। इस कार्यक्रम का आयोेजन जामिया टीचर्स एसोसिएशन: जेटीएः की ओर से किया गया था।
बातचीत के दौरान प्रो अख्तर ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने देश के श्रेष्ठ संस्थानों में अपनी जगह बनाई है और इसे न सिर्फ शिक्षाविदों और छात्रों के बीच,बल्कि जो लोग शैक्षिक नीतियां निर्धारित करते हैं, उनके बीच भी बहुत सम्मान से देखा जाता है।
उन्होंने जामिया के अध्यापकों की प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा कि यहां जिस तरह के अनुसंधान हो रहे हैं और जैसे कोर्स उपलब्ध हैं, वे देश के किसी अन्य विश्वविद्यालय में नहीं पाए जाते।
इसी महीने जामिया के कुलपति का पदभार संभालने वाली प्रो अख़्तर ने विश्वविद्यालय परिसर में लिंग समानता पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस विषय को वह बहुत गहराई से लेती हैं और चाहती हैं कि महिला शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष कार्यक्रम होने चाहिए। इस संबंध में उन्होंने शिक्षक बिरादरी ने उनकी राय मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि जामिया में छात्राओं की संख्या बढ़ाए जाने की ज़रूरत है।
कुलपति ने कहा कि कौशल विकास के कोर्स बढ़ाए जाने ज़रूरी हैं, लेकिन ये पारंपरिक कोर्स की जगह नहीं ले सकते । पारंपरिक कोर्स के सलेब्स को आज की ज़रूरतों के मुताबिक बनाए जाने पर भी उन्होंने ज़ोर दिया।
छात्रों के बीच अनुशासन को आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते, एक मां के नज़रिए से वह उनके मुद्दों और शिकायतों पर ग़ौर करेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी दबाव के आगे नहीं झुकेंगी।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जामिया मिल्लिया की रैंकिंग में लगातार हो रहे सुधार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा जामिया के उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और शिक्षण कार्यो के चलते संभव हुआ है।
कार्यक्रम शुरू होने पर जेटीए के पदाधिकारियों ने कुलपति का स्वागत किया। इनमें जेटीए के अध्यक्ष प्रो आमिर आज़म, सचिव प्रो माजिद जमील, संयुक्त सचिव एम. इरफान कुरैशी और कार्यकारिणी के अन्य सदस्य शामिल हैं। यह कार्यक्रम जामिया के डा एम ए अंसारी सभागार में आयोजित हुआ।
जेटीए के सचिव प्रो माजिद जमील ने कुलपति को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय को और बुलंदियों की ओर ले जाने में शिक्षकों का संगठन उनका पूर्ण सहयोग करेगा।
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