नई दिल्ली: जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने आज अपने एक बयान में कहा है कि ‘‘कोरेाना वायरस’’ जैसी बीमारी ने इस तरह पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है कि वह उसके सामने बिल्कुल बेबस नज़र आती है। एक बार फिर साबित हो गया कि इंसान अपनी सारी तालीमी और साइंसी तरक़्क़ी के बावजूद इस अज़ीम ताक़त के सामने कोई हैसियत नहीं रखता जो हर चीज़ का पैदा करने वाला है, इसके साथ ही उन्होंने देश के सभी नागरिकों से अपील की कि इस महामारी से खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानियों का ध्यान रखें और इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ;ॅभ्व्द्ध और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो निर्देश जारी हुए हैं उनका न केवल खुद पालन करें बल्कि अन्य लोगों को भी इनका पालन करने को कहें।
मौलाना मदनी ने मुसलमानों से यह अपील भी की है कि कोरोना वायरस को लेकर जिन स्थानों पर लाॅकडाउन किया गया है और भीड़भाड़ आदि से सख्ती से मना किया है ऐसे स्थानों पर मस्जिदों के जिम्मेदारों को चाहिए कि जमाअत के साथ नमाज के लिए ऐसी रणनीति अपनाएं जिससे कानून का पालन और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइंस पर अमल हो सके और मस्जिदें भी आबाद रहें इसके लिए बेहतर यह समझ में आता है कि जिन स्थानों पर लाॅकडाउन यानी भीड़भाड़ से रोका जा रहा रहा है वहां एमाम, मुअजि़्ज़न और खादिम मस्जिद में पांचों वक़्त अज़ान के साथ जमात से नमाज़ अदा करें लेकिन अन्य मोहल्ले वाले अपने घरों में ही नमाज़ पढ़ें, जहां ऐसी स्थिति नहीं है वहां जमात से नमाज़ पढ़ें करें।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए डाकड़ों की गाइडलाइंस और सावधानियों का पूरा ध्यान रखा जाए। मौलाना मदनी ने कहा कि इस बीमारी से पूरी दुनिया खासकर हमारे देश में भय की जो स्थिति पैदा हुई है इसके कारण व्यापार और अन्य गतिविधियां भी लगभग बंद हो चुकी हैं ऐसे में उन गरीब और वंचित वर्गों के सामने ज़िन्दगी और मौत का सवाल खड़ा हो सकता है जिनके पास आय का कोई उचित साधन नहीं है और जो दैनिक मज़दूरी से अपना और अपने बच्चों का पेट पालते हैं इस सिलसिले में केंद्र और राज्य सरकारों को आपात स्तर पर विचार करना चाहिए, ऐसे लोगों का नियमित सर्वे करके आर्थिक मदद पहुंचाने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने आम लोगों से अपील की कि मोहल्ले और पड़ोस में मौजूद गरीब और आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह अल्लाह के गुस्से से छुटकारा पाने का एक बहुत बड़ा ज़रिया है। गरीब और वंचित लोगों के साथ अच्छे व्यवहार की भी आवश्यकता है। हदीस में कहा गया है कि सदक़ा अल्लाह के गुस्से को ठण्डा करने वाला है। उन्होंने एक बार फिर देश के सभी नागरिकों से अपील की कि वह डरें नहीं, अल्लाह रक्षा और सहायता करने वाला है, लेकिन सावधानी, परहेज़ और साफ-सफाई को प्राथमिकता देकर इस घातक बीमारी से खुद को सुरक्षित रखें और जुल्म व अत्याचार से बचें। दुआओं और तौबा के साथ खुदा की बारगाह में जाने का खास एहतिमाम करें।
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