पहले दिन से मदरसा शिक्षकों की लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और एससी आयोग के पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) डॉ ताजुद्दीन अंसारी ने मदरसा शिक्षकों के केन्द्रांस ना दिए जाने पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर दिए गए उनके भाषण को याद दिलाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर देखना चाहते हैं.
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि जो लोग भी उनके इस सपने को साकार होने से रोक रहे हैं उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही करें. डॉक्टर ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के लोग लगभग 50 महीने से अपने केंद्रास ना मिलने की वजह से भुखमरी का शिकार हैं. उनके कई साथी उन्हें छोड़कर दुनिया से चले गए हैं. कई को हार्ट अटैक हो गया है. कुछ लोग रात में भट्ठा मजदूरी टैक्सी या और दूसरे काम कर लेते थे, लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से वह काम भी नहीं कर पा रहे हैं.
ऐसे में वह अपने बच्चों का लालन-पालन भी नहीं कर पा रहे हैं. घर में कई के चूल्हा भी जलने में अब काफी कठिनाई आ रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि प्रधानमंत्री मोदी को इन शिक्षकों के मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए और तत्काल प्रभाव से इनका 50 महीने का बिना किसी देरी के केन्द्रांस जारी करना चाहिए. डॉ ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि यह 50,000 सिर्फ मुसलमान नहीं है बल्कि इसमें सभी धर्म और समुदाय के लोग हैं, लेकिन विडंबना यह है कि यह सब चक्की के दो पाटों के बीच में पिस रहे हैं.
पहले यह शिक्षा मंत्रालय की ओर आंख लगाए देख रहे थे. उनको उम्मीद थी आजकल में उनका वेतन जरूर मिल जाएगा, लेकिन अब जो खबरें आ रही हैं वह चौंकाने वाली हैं कि उनके मामले को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन कर दिया गया है. ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि शिक्षा का मामला शिक्षा मंत्रालय को देखना चाहिए. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को इसे भेजना दुखद है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करने की अपील की है.
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी तत्काल प्रभाव से शिक्षा मंत्रालय को इस मामले को हैंड ओवर करवाएं और शिक्षकों का 50 महीने का केन्द्रांस जारी करवाएं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों को Practical रूप देंगे और उन्हें अमलीजामा पहनायेंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से शोएब आफताब ने देश का पूरी दुनिया में नाम नीट में गौरवान्वित किया है उसी तरह से और भी लोग इस दिशा में आगे आ सकते.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में हुनर की कमी नहीं है. कमी सरकारों की दृढ़ता की है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर दृढ़ निश्चय कर ले तो रातों-रात देश के युवाओं और शिक्षकों की किस्मत बदल सकती है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यूपीए-ii सरकार के दौरान कांग्रेस नेता Pl Punia की गुज़ारिश पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के जरिए लिए गए फैसले को याद दिलाते हुए कहा कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप (Interference) से शिक्षकों के कई महीने के बकाए को एक दिन में रिलीज कर दिया गया था और मंत्रालय में देर रात तक उस दिन काम हुआ और शिक्षकों को उनका वेतन मिला. उन्होंने कहा कि इसी तरह प्रधानमंत्री मोदी को भी तत्काल प्रभाव से इस मामले में हस्तक्षेप करके शिक्षकों को उनका वेतन दिलवाना चाहिए.
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