मौलाना आज़ाद अखंड भारत और हिन्दू-मुस्लिम यूनिटी के वकील थे: तारिक़ अनवर
वतन समाचार फोरम की ओर से आयोजित संगोष्ठी में कई नेताओं और सामाजिक हस्तियों ने देश के सपूत को श्रद्धांजलि दी
नयी दिल्ली: दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में वतन समाचार फोरम की ओर से आयोजित महात्मा गांधी और डॉक्टर अंबेडकर के भारत में भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद का महत्त्व के शीर्षक से आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि आज हमारे सामने गांधी और अंबेडकर के साथ-साथ मौलाना अबुल कलाम आजाद पंडित जवाहरलाल नेहरू सुभाष चंद्र बोस रामप्रसाद बिस्मिल अशफाकुल्लाह खान रफी अहमद किदवई जैसे अनेकों महान स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को बचाने का चैलेंज है. श्री अनवर ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है वह निंदनीय है. श्री अनवर ने कहा कि जिस तरह से ईडी सीबीआई और दूसरी सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है और उसके भविष्य में परिणाम अच्छे नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि भारत एक महान लोकतंत्र है जिस का डंका दुनिया में है लेकिन मौजूदा सरकार दुनिया के सामने देश की छवि अच्छी नहीं पेश कर रही है. उन्होंने कहा जिस तरह से हमारे पूर्वजों की धरोहर को खत्म करने की कोशिश हो रही है और आर एस एस की विभाजन कारी नीतियों को थोपने की कोशिश हो रही है वह देश के संविधानिक ढाँचे के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा हमें खुशी है इस बात की कि सरदार पटेल को महत्व को स्वीकारा जा रहा है लेकिन दुख इस बात का है कि वह लोग यह नहीं बताते कि पटेल आरएसएस जैसे संगठनों को किस नजर से देखते थे और सरदार पटेल ने इन पर बैन क्यों लगाया था.
श्री अनवर ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा जगत में जो कीर्तिमान स्थापित किए हैं उस को कोई चाह कर भी नहीं नकार सकता. आज आईआईटी खड़कपुर का पूरी दुनिया में डंका है साहित्य अकादमी कला केंद्र आईसीसीआर जैसे संवैधानिक संस्थान मौलाना के सोच को दर्शाते हैं. मौलाना अबुल कलाम आजाद कुछ पल के लिए आजादी से पीछे हटने को तैयार थे लेकिन वह यह बात स्वीकारने को तैयार नहीं थे कि भारत हिंदू मुस्लिम यूनिटी से पीछे हटे. हमें उम्मीद है कि भारत के लोग विभाजन कारी नीतियों को विभाजन कारों के मुंह पर दे मारेंगे. उन्होंने कहा कि भारत की खूबसूरती ही एकता में अनेकता है जहां एक तरफ आजाद हैं दूसरी तरफ पटेल है एक तरफ पंडित नेहरू एक तरफ गांधी हैं एक तरफ सुभाष चंद्र बोस एक तरफ आंबेडकर. उन्होंने कहा कि भारत बहुभाषी और बहुत धर्मी देश है और यही अनेकता में एकता भारत की सबसे बड़ी धरोहर है.
वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट राजेश लिलोठिया ने वतन समाचार फोरम की ओर से आयोजित संगोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की संगोष्ठी काफी जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश को आज मौलाना आजाद के विजन से अवगत कराने की जरूरत है. आज आर एस एस की विभाजन कारी नीतियों को मौलाना आजाद पंडित नेहरू जैसे लोगों की सोच से कुचला जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें यह संकल्प लेना होगा कि मंदिर बनाने से गोडसे जिंदा नहीं किया जा सकता, इसी तरह गोलियों से गांधी मर नहीं सकते. इस अवसर पर मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के चांसलर फिरोज बख्त अहमद ने मौलाना आजाद को उनका स्थान ना मिलने का शिकवा किया. इस अवसर पर पूर्व पार्षद और कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता इशरत जहां ने मौलाना आजाद के हिंदू मुस्लिम यूनिटी के मिशन को आगे बढ़ाने की अपील की जबकि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के ज्वाइन ट्रेजरर रोहित पांडे ने मौलाना आजाद के कामों की प्रशंसा की.
प्रोग्राम का संचालन वतन समाचार फोरम के मैनेजिंग वर्कर मोहम्मद अहमद ने किया जबकि इस अवसर पर डॉक्टर मिदहत हुसैन बिलाल अहमद और एमजीआर यूनिवर्सिटी के एजुकेशन डायरेक्टर डॉक्टर एमएन रहमान ने भी लोगों को संबोधित किया. इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाली गई हस्तियों को सम्मानित किया गया जिसमें सऊदी अरब से आए भारत के नागरिक n.r.i. मोहम्मद अली सिद्दीकी डॉक्टर मोहम्मद अब्दुल्ला नवाज हुसैन वाहिद अली यूरोफोब्स के डायरेक्टर सर्वोन के एमडी हाजी कमरुद्दीन मधुसूदन गौशाला के फाउंडर बब्बन खान इदरीसी समाज और बुनकर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रईस इदरीसी मंसूरी नेशनल कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी आरिफीन मंसूरी शिल्पी यादव भावना सिंह समेत कई लोगों को सम्मानित किया गया.
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