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राजधानी में अगर शुरुआत से ही अधिक कोरोना टेस्ट किए गए होते तो कोविड के प्रसार की स्थिति

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह सीरो-सर्विलांयस टेस्ट दिल्ली और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 27 जून से 10 जुलाई के बीच किए गए, जिससे प्राप्त आंकडे़ राजधानी में पूर्ण वायरस के प्रसार का पूरक नही हो सकते, इसलिए यह कोविड़ के बढ़ने का वास्तविक प्रतिशत नही है, क्योंकि राजधानी में बहुत कन्टेन्मेन्ट क्षेत्र और बहुत घनी आबादी वाले क्षेत्र है, जहां उपयुक्त मात्रा में टेस्ट नही हुए है। उन्होंने कहा कि अगर इस सैंपल सर्वे को आधार बनाकर देखा जाए तो दिल्ली में चार में से एक व्यक्ति कोविड वायरस से प्रभावित है, जिसके अनुसार दिल्ली में अनुमानित 50 लाख लोग कोरोना से प्रभावित हुए हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार केवल शब्दों का सब्जबाग दिखाकर दिल्ली के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

By: Press Release
  • राजधानी में अगर शुरुआत से ही अधिक कोरोना टेस्ट किए गए होते तो कोविड के प्रसार की स्थिति काफी हद तक स्पष्ट होतीजबकि सीरियोलॉजी आंकड़ों और वास्तविक कोविड के आंकड़ों में बहुत अंतर है - चौअनिल कुमार
  • दिल्ली कांग्रेस शुरु से ही जोर देकर कह रही है कि अधिक टेस्टट्रेसिंग और इलाज की रणनीति के तहत सरकार कार्यवाही करती तो राजधानी में कोविड के फैलाव और मृत्यु दर कम हो सकता था- चौअनिल कुमार
  • दिल्ली सरकार ने पिछले जल भराव से कोई सबक नही सीखा जब मानसून की पहली बारिश से ही दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।- चौअनिल कुमार


नई दिल्ली, 22 जुलाई, 2020 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की 23 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना वायरस से संक्रमित है, यह रिपोर्ट दिल्ली भर में 21,387 लोगों के सीरो-सर्विलांयस टेस्ट के जरिए सर्वे में सामने आई है, जिसको जानकर दिल्ली कांग्रेस को आश्चर्य नही है, क्योंकि दिल्ली कांग्रेस शुरु से ही जब से राजधानी में कोविड मामले सामने आए थे, दिल्ली सरकार को कोरोना को रोकने के लिए उचित संख्या में टेस्ट, ट्रेसिंग और स्वास्थ्य उपचार करना चाहिए’’।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह सीरो-सर्विलांयस टेस्ट दिल्ली और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 27 जून से 10 जुलाई के बीच किए गए, जिससे प्राप्त आंकडे़ राजधानी में पूर्ण वायरस के प्रसार का पूरक नही हो सकते, इसलिए यह कोविड़ के बढ़ने का वास्तविक प्रतिशत नही है, क्योंकि राजधानी में बहुत कन्टेन्मेन्ट क्षेत्र और बहुत घनी आबादी वाले क्षेत्र है, जहां उपयुक्त मात्रा में टेस्ट नही हुए है। उन्होंने कहा कि अगर इस सैंपल सर्वे को आधार बनाकर  देखा जाए तो दिल्ली में चार में से एक व्यक्ति कोविड वायरस से प्रभावित है, जिसके अनुसार दिल्ली में अनुमानित 50 लाख लोग कोरोना से प्रभावित हुए हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार केवल शब्दों का सब्जबाग दिखाकर दिल्ली के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यदि अरविन्द सरकार ने होटल, सामुदायिक हॉल, बैंक्वेट हॉल और धार्मिक स्थान आदि में कोविद-19 मरीजों के लिए बेड बढ़ाने में अपनी ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय अगर शुरू से ही टेस्ट-ट्रेस-ट्रीटमेंट की रणनीति अपनाई होती और अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया होता, जिस पर दिल्ली कांग्रेस शुरु से ही जोर दे रही थी तो राजधानी में 3600 से ज्यादा मौतें (जिनमें डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ शामिल हैं) नही होती और न ही कोविड मामलों में इतनी भारी वृद्धि होती। उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों में हुई अत्यधिक वृद्धि से राजधानी पूरी तरह परेशान है जिसके कारण लॉकडाउन को बढ़ाया गया, और सामान्य जीवन अभी भी राजधानी में वापस नहीं आया है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सीरियोलॉजी आंकड़ों और वास्तविक कोविड आंकड़ों में बहुत अंतर है, क्योंकि दिल्ली सरकार कोविड आंकड़ों के साथ धोखाधड़ी करके वास्तविक आंकड़े को दिल्ली जनता से छिपा रही है।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आज सुबह नई दिल्ली विधानसभा के कई क्षेत्र में जल भराव बहुत चौकाने वाला था जिसके कारण भारी ट्रेफिक जाम हो गया, जबकि यह मुख्यमंत्री का खुद का विधानसभा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले जल भराव से कोई सबक नही सीखा जब मानसून की पहली बारिश से ही दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उन्होंने कहा कि नालों की डिसल्टिंग का काम मई-जून महीने में पूर्णतः पूरा लिया जाना चाहिए परंतु दिल्ली सरकार इसे पूरा करने में एक फिर असफल रही और बुधवार की सुबह की बारिश में राजधानी की सड़के और गलियां सब डूब गई।


चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल न सिर्फ कोविड संक्रमण को नियंत्रण करने में असफल रहे है बल्कि वे मानसून की बारिश में हुए जल भराव पर नियंत्रण पाने में भी विफल साबित हुए है। चौ0 अनिल कुमार ने आश्चर्य जताया कि अरविन्द सरकार तब क्या करेगी जब पानी से होने वाली बीमारियां से दिल्लीवासी प्रभावित होंगे, तब गैर जिम्मेदार दिल्ली के मुख्यमंत्री आने वाली गंभीर स्थिति से कैसे निपटेंगे।

 

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