नयी दिल्ली: अगर मगर हां लेकिन क्यों और कैसे के बीच आखिरकार आज दिल्ली वक्फ बोर्ड में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी की एंट्री हो ही गई और उन्हें दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सदस्य के तौर पर मनोनीत कर दिया, जिसका गैजेट नोटिफिकेशन भी इशू हो गया है। इस बात की जानकारी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकार ने दी। उन्होंने बताया कि अफसरशाही के कोटे से आईएएस अजीमुल हक की एंट्री हो गई है। ऐसे में माना यह जा रहा है कि अब दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के चुनाव का इलेक्शन काफी दिलचस्प होने वाला है।
ज्ञात रहे कि बीते दिनों जब वतन समाचार ने यह खबर दी थी कि जल्दी ही परवेज हाशमी की वक्फ बोर्ड में बतौर सदस्य एंट्री होने वाली है उस वक्त काफी लोगों को यह खबर आश्चर्यजनक लगी थी, लेकिन अब इस खबर पर सरकार ने मुहर लगा दी है और कांग्रेस को भी 6 साल के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली वक्फ बोर्ड में आने का मौका मिल गया है।
अब ऐसे में दिल्ली वक्फ बोर्ड में बीते कुछ सालों में जो भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उन भ्रष्टाचार के आरोपों में कितनी सच्चाई है वह भी दिल्ली वासियों को और वक्फ बोर्ड से दिलचस्पी रखने वालों को जानने का सुनहरा मौका मिलेगा। ज्ञात रहे कि अब दिल्ली वक्फ बोर्ड के चुनाव में भी काफी दिलचस्प मोड़ आने वाला है, क्योंकि माना यह जा रहा है कि आब परवेज हाशमी अध्यक्ष (चेयरमैन) के लिए अपना दावा ठोक सकते हैं और सूत्र बताते हैं कि परवेज हाशमी के पक्ष में 4 वोट हैं ऐसे में अगर ऐसा होता है तो परवेज हाशमी आने वाले दिनों में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर देखे जा सकते हैं।
ज्ञात रहे कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में एक मुस्लिम सांसद को सदस्य के तौर पर मनोनीत किया जाता है, लेकिन दिल्ली में चूँकि कोई मुस्लिम सांसद नहीं है इसलिए संविधान (गजट) में इस बात का प्रावधान है कि अगर कोई पूर्व मुस्लिम सांसद हो चाहे वह लोकसभा का हो या राज्यसभा का हो तो उसे भी मनोनीत किया जाएगा। ऐसे में चूँकि दिल्ली से अकेले परवेज़ हाशमी मुस्लिम संसद (पूर्व) हैं तो उनके मनोनीत किये जाने से किसी को अचंभित नहीं होना चाहिए, लेकिन पिछले 6 सालों में अगर मगर हां और लेकिन के बीच आखिरकार दिल्ली सरकार को संविधान के आगे झुकना पड़ा और दिल्ली सरकार ने परवेज हाशमी के नाम को आगे बढ़ाया।
श्री हाशमी के नाम को दिल्ली के LG लेफ्टिनेंट गवर्नर ने हरी झंडी दे दी है। अब देखना यह है कि विधायक के कोटे से कौन आता है उसके बाद फिर चेयरमैन कौन बनता है। बोर्ड का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। सूत्र बता रहे हैं कि परवेज हाशमी की एंट्री ने माहौल को काफी गर्म कर दिया है।
इस पूरे मामले पर जब वतन समाचार ने परवेज हाशमी से बात की तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, जबकि आईएएस ऑफिसर अजीमुल हक ने वतन समाचार से बातचीत में कहा कि मैं वक़्फ़ बोर्ड में पहले भी रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं वक़्फ़ कमिश्नर भी रहा हूं। मैं बोर्ड का सदस्य भी रहा हूं। मैं बोर्ड का CEO भी रहा हूं। ऐसे में बोर्ड को सही और ठीक ढंग से चलाना ही हम सब की पहली प्राथमिकता होगी, लेकिन यह तब होगा जब चेयरमैन का चुनाव हो जाए।
उन्होंने कहा कि अभी मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि नोटिफिकेशन इशू हुआ है कि नहीं क्योंकि कल तक ऐसा नहीं हुआ था और अगर आज हुआ है तो मुझे इसकी कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में वक़्फ़ बोर्ड के सदस्यों की मीटिंग होगी और उसके बाद आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
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