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नव संकल्प शिविर के पहले रोज सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

राजस्थान : कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन के चिंतन शिविर पर हैं। उनका चिंतन शिविर आज से शुरू हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं। इसी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नजर आए। सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के पहले दिन कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया।

By: Saima Parveen

नव संकल्प शिविर के पहले रोज सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

 

राजस्थान : कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन के चिंतन शिविर पर हैं। उनका चिंतन शिविर आज से शुरू हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं। इसी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नजर आए। सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के पहले दिन कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया।

 

बता दें कि चिंतन शिविर के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। सोनिया गांधी ने कहा, मौजूदा केंद्र सरकार नफरत फैला कर अल्पसंख्यकों को दबाना चाहती है। सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसपर विचार करने के लिए यह शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। यह देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है।

 

सोनिया गांधी ने "अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार" पर लोगो का ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि, “अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार डर और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं।

 

इतना ही नहीं उन्होंने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि हम विशाल प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं। हमे निजी अपेक्षा को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा। पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब उस कर्ज उतारने की जरूरत है। एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है। जिस तरह हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार हमें भी सुधारों की सख्त जरुरत है। 

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