"बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी लगातार अलग-अलग मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं, हाल ही में उन्होंने कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर भी सवाल खड़े किए थे और अब उन्हों ने एक बार फिर कई गंभीर सवाल खड़े किये हैं। ",
"भारत में कोरोनावायरस के केस तेजी से एक बार फिर बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 93 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं, जिस के बाद सरकार सतर्क होती दिख रही है और खबर आ रही है कि सरकार इस वाइरस से इस बार काफी चिंतित है और मीटिंगों का सिलसिला जारी है। इसे लेकर विपक्ष के नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
कई नेताओं का कहना है कि सरकार महामारी को लेकर गंभीर नहीं है। इस बीच संक्रमण को लेकर सरकार को घेरने वाले नेताओं में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का नाम भी जुड़ गया है। स्वामी ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए मोदी समर्थकों को अंधभक्त और गंधभक्त तक कह दिया।
क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी?: राज्यसभा से भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "पिछले साल अप्रैल में जब कोरोनावायरस के केस 1 लाख रोजाना आ रहे थे और फिर नवंबर में 10 हजार तक गिर गए, तब इसका अंधभक्तों और गंधभक्तों ने इसका श्रेय किसे दिया था? अब फिर कोरोना के केस फिर से एक लाख के करीब आ चुके है, तो इसका श्रेय कौन लेगा?"
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को कोरोना से जुड़े किसी मुद्दे पर घेरा हो। हाल ही में उन्होंने कोरोना की वैक्सीन की कमी के मुद्दे पर भी सरकार पर निशाना साधा था। स्वामी ने कहा था कि कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और हमारे पास वैक्सीन की कमी पड़ रही है। हम भारत में इस्तेमाल करने से ज्यादा वैक्सीन निर्यात कर रहे हैं। इसलिए मेरा सुझाव है कि हम जॉनसन एंड जॉनसन की एक डोज वाली वैक्सीन आयात करें। हम पहले ही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की कोविशील्ड को ब्रिटेन से आयात कर रहे हैं, इसलिए कोई आत्मनिर्भर का मंत्रजाप नहीं चलेगा।” स्वामी ने इससे पहले भी वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर सरकार पर हमला बोला था।
उन्होंने कहा, वैक्सीन लगाने के बाद अब तक देश में कई लोगों की मौत हुई है, जिनमें से ज्यादातर की मौत कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद हुई है। इस मामले को लेकर नीति आयोग से भी रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। स्वामी ने नीति आयोग को नोटिस भेज जवाब तलब करने की अपील की थी। हालांकि, इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।"
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