लोक सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने में जामिया की रेज़िडेन्शल कोचिंग अकैडमी के नतीजों में लगातार हो रहे सुधार से प्रोत्साहित, इसके प्रशिक्षण से सफलता पाने वाले पूर्व छात्रों ने, नए विचारों के साथ आरसीए के प्रदर्शन को और भी बेहतर बनाने के लिए, अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है।
इस सिलसिले में, साल 2014 से 18 के बीच लोक सेवाओं की परीक्षाओं में कामयाब होने वाले आरसीए के चार पूर्व छात्रों ने जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख़्तर से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने सिवल सर्विसेज़ के नए एक्ज़ाम पैटर्न और आज की ज़रूरतों के मुताबिक, इन सेवाओं की परीक्षाओं में बैठने की इच्छा रखने वाले छात्रों को, पढ़ाने और प्रशिक्षित करने की अपनी योजना के बारे में कुलपति को विस्तार से बताया।
कुलपति से मुलाक़ात करने वालों में आरिफ़ अहसन:आईएएसः, गौहर हसन:आईपीएसः, फ़राज़ नबी:इंडियन पोस्टल सर्विस आफिसर और तनवीर अहमद:असिस्टेंट कमांडेंट सीआईएसएफः शामिल हैं।
इस चर्चा में, टीचिंग और ट्रेनिंग मैथड में सुधार की ज़रूरत, इन्फ्रस्ट्रक्चर नवीकरण, अकैडमी से सफलता पाए लोगों के साथ आरसीए के छात्रों के संपर्क को बढ़ाने के बारे में विचार विमर्श हुआ। आरसीए के पूर्व छात्रों ने कहा कि इससे अकैडमी के छात्र लोक सेवाओं की परीक्षाओं और सफल उम्मीदवारों से किए जाने वाले इंटव्यू के नए रूझानों को समझ पाएंगे।
कुलपति के साथ बातचीत इस बात पर केन्द्रित रही कि आरसीए के छात्रों की परीक्षाओं में सफलता दर को और अधिक बढ़ाने के लिए, यहां के पूर्व सफल छात्रों के अनुभवों का कैसे बेहतर इस्तेमाल किया जाए। आरसीए प्रशिक्षण की बदौलत कामयाबी पाने वाले इन अफसरों की राय थी कि रिटायर्ड सिविल सेवकों की बजाय, अकैडमी बतौर गेस्ट स्पीकर, उन लोगों की ज़्यादा सेवाएं लेने का प्रयास करे, जिन्होंने हाल-फिलहाल लोक सेवा परीक्षाओं में कामयाबी पाई है। उनका मानना है कि छात्र, युवा लोक सेवा अधिकारियों के साथ ज़्यादा सहज महसूस करेंगे और वे उन्हें वर्तमान ज़रूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण भी दे पाएंगेे।
प्रो अख़्तर ने इन अधिकारियों की ओर से रखे गए सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि वह इस पर विचार करेंगी और अकैडमी के इससे भी ज़्यादा बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें इसमें शामिल करने की कोशिश करेंगी। जामिया की यह मशहूर अकादमी, विश्विद्यालय के सेंटर फार कोचिंग एंड कैरियर प्लानिंग द्वारा चलाई जा रही है।
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