अजमेर। सूफ़ी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिशती के वंशज़ एवं वंशनुगत सज्जादानशीन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खा ने एक बयान जारी कर कड़े शब्दों मे निंदा करते हुए कहा की पाकिस्तान की संसद मे पाक प्रधानमंत्री का ओसामा बिन लादेंन जैसे ग्लोबल आतंकी को शहीद कहकर बुलाना इस बात को सिद्ध करता है की आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है।
शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि पाक की संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा एक आतंकी को शहीद कहकर संबोधित करना इस बात दलील है की आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है उन्होंने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान की निंदा करते हुए कहा की बड़े शर्म बात है की “गुरुवार को इमरान खान ने पाकिस्तानी संसद में कहा कि अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर लादेन को 'शहीद' कर दिया “ पाक पीएम का यह बयान आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के रवैये को साफ जाहिर कर रहा है और चायना जैसे देश आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान जैसे देश को हथियार और आर्थिक मदद देते है
दरगाह दीवान ने कहा की आज तक पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को पहुंचने वाली फंडिंग पर नकेल नहीं कस पाया है। इसलिए फाइनेंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने बुधवार को फैसला किया कि पाकिस्तान को ग्रे सूची में ही रखा जाएगा जो की बिल्कुल सही निर्णय है क्योatकी बार बार भारत को निशाना बना रहे आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को पाकिस्तान ने गतिविधियों को पाक की जमीन से करने दिया है। पाकिस्तान में जैश के संस्थापक मसूद अजहर और 2008 के मुंबई धमाकों के 'प्रॉजेक्ट मैनेजर' साजिद मीर जैसे कई आतंकी आजाद घूम रहे हैं जो भारत ही नही पुरी दुनिया के लिए एक बड़ा ख़तरा है।
दरगाह दीवान ने कहा की पाकिस्तान की आतंकी हरकतो को चायना हमेशा से समर्थन करता हैं और यही करण है की इस्लाम के नाम का सहारा लेने वाले आतंकी संगठन चायना के विरुद्ध कभी भी कोई कार्यवाही नही करते जब की हक़ीक़त यह है की आज दुनिया मे सब से ज्यादा मुसलमानो पर और उनके अधिकारो पर कुठाराघाट कोई देश कर रहा है वो चायना है ।आज चायना में रह रहे मुसलमानों को तरहें तरहें से प्रताड़ित किया जा रहा है जिस के लिए भारत को भी मुस्लिम देशों के साथ मिलकर आवाज़ उठाने की ज़रूरत है ।
धर्म गुरु दरगाह दीवान ने कहा की ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों ने ऐसा विवादित बयान दिया है। ओसामा जैसे कई ख़तरनाक आतंकीयो को लेकर पाकिस्तान का रुख़ हमेशा नरम रहा हैं। उन्होंने कई मौकों पर ग्लोबल आतंकियों को आतंकी मानने से इनकार किया है। वह तालिबानी लड़ाकों को भी 'भाई' तक बता चुके हैं। दुनिया की सभी महाशक्तियाँ इस बात को समझे की एशिया मे आतंक की जड़े कहा है और उन जड़ो को चायना जैसे देश मज़बूत कर रहा है सब को मिलकर आतंक की उस जड़ का और उस जड़ को मज़बूत करने वाले का ख़ात्मा करने की ज़रूरत है ।
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