बिजनौर से मोहम्मद अहमद की रिपोर्ट भीम आर्मी जिला बिजनौर की ओर से आयोजित "बहुजन समाज बनाओ" सभा को संबोधित करते हुए भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा कि हम पर मुसलमानों का एक एहसान है और हम एहसान फरामोश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब नेहरू और पटेल बाबा साहब के लिए संसद के दरवाजे बंद कर रहे थे उस वक्त मुसलमानों ने अपने कोटी की सीट बाबा साहब को देकर उन को संसद भेजा, जिसके जरिए से वह संविधान सभा में आये और संविधान लिखा.
ज्ञात रहे कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को 15 जुलाई 1946 को बंगाल के उस वक्त के प्रधानमंत्री (मौजूदा समय में मुख्यमंत्री) सैयद शहीद सहर वर्दी ने अपने कोटे की 7 सीटों में से 6 सीट मुसलमानों को देकर एक सीट डॉ भीमराव अंबेडकर को दी थी इसके बाद डॉ भीमराव अंबेडकर संविधान सभा में पहुंचे थे. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने आज़ाद हिंदुस्तान में दो बार लोकसभा पहुंचने की कोशिश की और दोनों बार नाकाम रहे. पहली बार वह 1952 में लोकसभा का चुनाव लड़े. उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी ने शिकस्त दी और दूसरे नंबर पर रहे. दूसरी बार उपचुनाव में उन्होंने भाग लिया और लोकसभा पहुंचने की कोशिश की लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे नंबर पर रहे.
चंद्रशेखर ने कहा कि हम मुसलमानों की सुरक्षा करेंगे और उनके एहसान का बदला चुका एंगे. उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का निजीकरण हो चुका है जब बहुजनों की सरकार आएगी तो हम इस बात को यकीनी बनाएंगे कि सबको समान शिक्षा का अधिकार मिले, जिस स्कूल में एक दलित पढ़े उसी स्कूल में डीएम और मुख्यमंत्री का बच्चा भी पढ़े.
उन्होंने कहा कि हमारी संस्था में मनुवादियों के लिए कोई जगह नहीं है. भीम आर्मी बहुजनों की आर्मी है और हम बहुजन समाज के हितों के लिए काम करते हैं, क्योंकि बाक़ी के पास उनकी कई संस्था है. उन्होंने कहा कि हम न्यायपालिका में भी आरक्षण लेंगे. बहुजन की सरकार आने के बाद चीफ सेक्रेट्री होम सेक्रेट्री जैसे पदों पर भी आरक्षण लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि आरक्षण की समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है. जरूरत इस बात की है कि जिन जगहों पर आरक्षण नहीं है वहां बहुजनों को पहुंचाया जाए. उन्होंने कांशीराम को कोट करते हुए कहा कि कांशीराम जी ने कहा था कि संघर्षों से लाल पैदा होते हैं और समझौतों से दलाल पैदा होते हैं, इसलिए हमने संघर्ष का रास्ता अपनाया है.
उन्होंने कहा कि ना हमें यह खरीद सकते हैं और ना ही हमें यह हमारी मंजिल से भटका सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम चुनाव बैलेट के साथ-साथ बुलेट का भी सहारा लेंगे और अगर ईवीएम में कोई गड़बड़ी की कोशिश करेगा तो हम उसका मुकाबला करेंगे, क्योंकि बैलट और बुलेट दोनों जरूरी है. उन्होंने कहा कि हम पर जो भी आरोप लगा लें और कितने भी मुक़दमे करलें लेकिन पीछे हटने वाले नहीं हैं.
इस अवसर पर पूर्व लोकसभा सांसद और आजाद भारत में दलित मुस्लिम एकता के प्रचारकों में से एक इलियास आजमी ने इस बात पर बल दिया देश का भविष्य बहुजन एकता में ही छुपा हुआ है. उन्होंने कहा कि अब 90 फीसद बनाम 10 फीसद की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि दलित मुस्लिम एकता डॉक्टर अंबेडकर से होते हुए डॉक्टरी दी और फिर कांशीराम की जो कोशिश की थी अब वह कोशिश रंग ला रही है.
इस अवसर पर पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी ने भी लोगों को संबोधित किया जबकि प्रोग्राम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी सलीम त्यागी ने किया, और मंच पर युवा नेता मुजीब बेग भी मौजूद थे.
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