राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि खरगे जी, अशोक चव्हाण जी, राधाकृष्ण पाटिल जी, माणिकराव गावित जी, रोहिदास पाटिल जी,अमरीश पटेल जी, श्याम सानेर जी, युवराज करणकल जी, पार्टी के हमारे सब कार्यकर्ता, नेता, स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेतागण, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल के हमारे सब साथी, भाईयो और बहनों, प्रेस के हमारे मित्रों आप सबका यहाँ दिल से स्वागत। पीछे जो लोग खड़े हैं, आपका भी यहाँ बहुत-बहुत स्वागत।
सबसे पहले पुलवामा में जो हमारे सीआरपीएफ और वायुसेना के जवान शहीद हुए हैं, उनको हम यहाँ याद करते हैं। 2014 में नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने, जहाँ भी जाते हैं वायदे करते हैं, देश की बात करते हैं, यहाँ रोजगार की बात की, कहा 2 करोड़ युवाओं को रोजगार दूंगा। अभी मुझे बताया गया कि उन्होंने यहाँ भाषण में कहा था कि किसान का नमक मैंने खाया है, मैं किसान की रक्षा करुंगा, कहा था? अब देखिए, सीआरपीएफ पर आक्रमण हुआ, सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए,लड़ाई चल रही थी, बम गिराए जा रहे थे, मैंने साफ बोला और मैंने कांग्रेस पार्टी के हर नेता, हर कार्यकर्ता से बोला कि इस समय कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता,कांग्रेस का कोई भी नेता सरकार के बारे में नहीं बोलेगा और ना सरकार पर कोई आरोप लगाएगा। क्यों बोला मैंने - क्योंकि लड़ाई चल रही थी और मैंने अपने लोगों से कहा, देश की जनता से कहा कि हिंदुस्तान को एक साथ खड़े होना है, बम गिरने बंद होंगे, उसके बाद ही हम राजनीतिक बात करेंगे, मगर जब तक हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब तक कांग्रेस पार्टी कोई राजनीतिक आक्रमण नहीं करेगी। सही बोला या गलत बोला? (जनता ने कहा, सही बोला) सही बोला। अब पुलवामा में बम फटता है, प्रधानमंत्री जी मीडिया को कहते हैं, हिंदुस्तान एक साथ खड़ा है और फिर कांग्रेस पार्टी और विपक्ष पर उसी समय आक्रमण करते हैं। इंडिया गेट पर शहीदों का मॉन्यूमेंट शुरु होता है, प्रधानमंत्री जी सीधा कांग्रेस पार्टी के ऊपर आक्रमण करते हैं। मतलब 5 मिनट भी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री अपने पब्लिक रिलेशन को, अपने पी.आर. को छोड़ नहीं सकते हैं। ये फर्क है हममें और उनमें।
आप मेरे भाषण सुनिए, 2004 से मैं राजनीति में हूं, मेरे भाषणों में से कोई एक भी झूठा वायदा, मेरा एक भी झूठा वायदा निकाल कर दिखा दीजिए। एक बार मुझे दिखा दो कि आपने वहाँ जाकर ये कहा और वो पूरा नहीं किया। दूसरी तरफ मैं आपको चैलेंज देता हूं, प्रधानमंत्री जी का एक भी सच्चा वायदा आप मुझे दिखा दीजिए। आप उनके सब भाषण देखिए, कहीं भी अगर उन्होंने सच्चाई की बात की हो, जो उन्होंने कहा, वो किया हो, तो वो वीडियो क्लिपिंग मुझे भिजवा दीजिए, मैं अभी तक ढूंढ रहा हूं, अभी तक मुझे मिला नहीं। उन्होंने पूरे हिंदुस्तान को कहा था, 2 करोड़ युवाओं को हर साल मैं रोजगार दूंगा। हमने मध्यप्रदेश के चुनाव से पहले लोकसभा में पूछा कि बताईए, हिंदुस्तान की सरकार, नरेन्द्र मोदी जी की सरकार कितने युवाओं को रोजगार देती है? उनका मंत्री खड़े होकर कहता है- साल में एक लाख युवाओं को हम रोजगार दे पाते हैं, मतलब 450 युवाओं को 24 घंटे में रोजगार मिलता है। 25 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हिंदुस्तान में आज है,उधर नरेन्द्र मोदी जी की मीटिंग में ‘मेक इन ‘इंडिया’, ‘स्टार्ट अप इंडिया’, दांय देखो ‘इंडिया’, बांय देखो ‘इंडिया’, ऊपर देखो ‘इंडिया’, नीचे देखो ‘इंडिया’।
एच.ए.एल. 70 साल से वायुसेना के लिए हवाई जहाज बना रही है, यहाँ पर शायद पास में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, नासिक में एच.ए.एल. है। मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं कि एच.ए.एल. ने क्या गलती की? वो जो मिराज हवाई जहाज गया, जो सुखोई हवाई जहाज हिंदुस्तान की रक्षा कर रहा था, वो क्या अनिल अंबानी ने बनाया था? वो एच.ए.एल. ने बनाया था और 70 साल से एच.ए.एल जहाज बना रहा है। नेट हवाई जहाज, मिग हवाई जहाज, सुखोई हवाई जहाज, मिराज हवाई जहाज, जगुआर हवाई जहाज, लिस्ट है पूरी। दूसरी तरफ अनिल अंबानी ने 45,000 करोड़ रुपए कर्जा ले रखा है, एच.ए.एल. ने 3,000 करोड़ रुपए सरकार को वापस दिया है। अनिल अंबानी ने जिंदगी में हवाई जहाज नहीं बनाया है, शायद उनको कागज का पीस दे दिया जाए तो वो कागज का हवाई जहाज भी ना बना पाएं। 10 दिन पहले कंपनी खुलती है, नासिक के युवाओं से रोजगार चोरी किया जाता है, फ्रांस के राष्ट्रपति कहते हैं – नरेन्द्र मोदी जी ने मुझे सीधा कहा है ये कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी को मिलना है, यह राहुल गांधी नहीं कह रहा है, फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है। कहाँ गई मैरिट की बात? 30,000 करोड़ रुपए का एक व्यक्ति को फायदा?
देश में आप कहते हैं रोजगार दिलवाऊंगा, रोजगार के लिए जो छोटे उद्योग चलाते हैं, छोटे-छोटे दुकानदार, जो छोटी फैक्ट्री चलाते हैं, मिडल साइज बिजनेस जो करते हैं, उनको बैंक लोन की जरुरत होती है, उनको पहले आपने नोटबंदी से मारा, पूरे देश को लाइन में खड़ा कर दिया, कहा- देखिए कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर कालेधन के खिलाफ लड़ाई थी तो लाइन में ईमानदार गरीब जनता क्यों खड़ी थी, लाइन में अनिल अंबानी क्यों नहीं था, नीरव मोदी क्यों नहीं था, मेहुल चोकसी क्यों नहीं था, ललित मोदी क्यों नहीं था, विजय माल्या क्यों नहीं था? गरीब जनता लाइन में और ये 20-25 लोग एसी कमरों में अपना कालाधन सफेद कर रहे थे और नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कालेधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। हद होती है। उसके बाद 12 बजे रात को कहते हैं, चलो गब्बर सिंह-जीएसटी लाते हैं। तो आप 15 लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपया कर्जा माफ कर सकते हैं, पर हिंदुस्तान के किसान का आप एक रुपया माफ नहीं करते हैं। महाराष्ट्र के किसान का आप एक रुपया नहीं माफ कर सकते हैं। बड़े-बड़े भाषण दिए, आप मुझे बताएं कि आपको कितना पैसा मिला, यहाँ कर्जा माफी हुई है? (जनता ने कहा, नहीं) ना, कितना पैसा मिला है आपको, आप मुझे बता दीजिए? मुख्यमंत्री जी के भाषण, मोदी जी के भाषण, कोई फायदा हुआ आपको?एमएसपी मिलती है? (जनता ने कहा, नहीं-नहीं) मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में चुनाव हुआ, हर मीटिंग में मैंने कहा देखिए, मैं आपको गारंटी देता हूं, मैंने अपने हर भाषण में कहा - 10 दिन के अंदर मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में आपका कर्जा माफ हो जाएगा, ये मैं आपको गारंटी देता हूं। छत्तीसगढ़ की मांग थी, मैंने ये भी कह दिया कि कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, धान के लिए आपको 2,500 रुपए मिलने शुरु हो जाएंगे और मैं गर्व से कहता हूं 10 दिन नहीं लगे,दो दिन के अंदर कांग्रेस पार्टी ने काम कर दिया। उधर 15 साल से भाषण चल रहे हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में तीन मुख्यमंत्रियों ने दो दिन में काम करके दिखा दिया।
अब आदिवासियों की जमीन के पीछे पड़े हुए हैं। हम आदिवासी बिल लाए थे, पेसा कानून लाए, साफ लिखा है उसमें कि आदिवासी से जमीन नहीं ली जा सकती है,नहीं छीनी जाएगी और उसका हक उसको दिया जाएगा। मगर मोदी जी का कहना है कि आदिवासी की जमीन छीन कर हम अपने 15-20 उद्योगपति मित्रों को देकर ही रहेंगे और मैं आपको इस मंच से बता रहा हूं, आप अच्छी तरह सुन लीजिए - आदिवासियों की जमीन, किसानों की जमीन हम आपको छीनने नहीं देंगे,कुछ भी हो जाए।
भट्टा पारसौल में, नियामगिरी में आप याद रखिए, आपकी लड़ाई कौन लड़ा था, कौन सी पार्टी लड़ी थी, आप याद रखिए। जमीन अधिग्रहण बिल कौन सी पार्टी लाई? पेसा कानून, आदिवासी बिल कौन सी पार्टी लाई थी? कांग्रेस पार्टी लाई थी। सब लोग खिलाफ हो गए थे, फिर भी हम एक इंच पीछे नहीं हटे, हमने साफ कह दिया, देखिए, जमीन किसान से, आदिवासी से पूछे बिना नहीं ली जा सकती और अगर जमीन आदिवासी किसान देना चाहता है तो मार्केट रेट से चार गुना ज्यादा पैसा पहले उसके बैंक में डालिए फिर जमीन लीजिए। और ये कानून हमने पूरे हिंदुस्तान में लागू कर दिया। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार जमीन में होता है, पूरा हिंदुस्तान जानता है, (जनता को सिर हिलाते हुए देखकर कहा) आप सिर हिला रहे हैं, सही बात बोली न मैंने, है न?
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