रामल्ला: मदद रोकने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की धमकी पर फलस्तीन की लीडरशिप ने उनको खरी-खरी सुनाई है. फलस्तीन नेताओं ने बुधवार को कहा कि वे ट्रम्प की धमकियों से ब्लैकमेल नहीं होंगे. पिछले महीने यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मान्यता देने के बाद से व्हाइटहाउस और फलस्तीन के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं. ट्रंप की ताजा धमकी फलस्तीन को वार्ता के लिए मजबूर करने की है जबकि इस्राइली नेता और सरकार ट्रंप के इस कदम से खुश हैं. अमेरिका वेस्ट बैंक और गाजा में संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के लिए 304 मिलियन अतिरिक्त राशि की सहायता फलस्तीन ऑथरिटी को मुहैया कराता है.वहीं, इस्राइल भी अमेरिका से हर साल सैन्य मदद के रूप में 3 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि प्राप्त करता है. फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबु रुदेना ने कहा कि हम बातचीत के खिलाफ नहीं हैं लेकिन वार्ता अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों के आधार पर होने चाहिए, जो फलस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य और पूर्वी यरुशलेम को उसकी राजधानी के रूप में मान्यता देता है. वरिष्ठ फलस्तीनी अधिकारी हनान अशरावी ने कहा कि हम ब्लैकमेल नहीं होंगे। राष्ट्रपति ट्रंप शांति, स्वतंत्रता और न्याय के हमारे रास्ते का दमन कर रहे हैं.
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